विद्युत हीटर (Electric Heater) का उपयोग और सावधानियां
विद्युत ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में बदल कर खाना पकाया जा सकता है जिसके लिए हम विद्युत हीटर का उपयोग करते है। विद्युत हीटर एक ऐसा ही उपकरण है जो विद्युत ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में बदल देता है, जिसका उपयोग खाना बनाने या ठंडी के मौसम में ऊष्मा उत्पन्न करके कमरे को गर्म रखने के लिए किया जा सकता है।
विद्युत हीटर एक बहुत ही सस्ता और आसान उपकरण है। इसमें किसी भी तरह की जटिल सर्किट नही होती है। इसमें समान्यतः 3 मुख्य भाग होते है।
एक हीटर प्लेट, हीटर सॉकेट और तीसरा हीटिंग एलिमेंट के रूप में नाइक्रोम वायर।
हीटर प्लेट (Heater Plate): हीटर का प्लेट (base) चीनी मिट्टी (पोर्सलीन) की बनी होती है। पोर्सलीन उच्च तापमान लगभग 1300°C तक सहन कर सकता है और एक अच्छे कुचालक का काम करता है। हीटर के प्लेट की मोटाई 10mm से 25mm तक होती है। हीटर के प्लेट के नीचे होल (hole) होता है जिससे उचित सर्कुलेशन (proper circulation) होता रहे जिससे की ऊष्मा का आसानी से विसरण हो सके।
पोर्सलीन प्लेट पर नालियां नहीं होती है। जिसमे नाइक्रोम वायर की क्वायल को रखा जाता है जिसे ग्रूव्स कहते है। इन ग्रूव्स में कुछ प्रोजेक्शन भी होते है जो वायर को पकड़ कर रखते है। इनको फ्रेम में लगाते समय सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि ये काफी नाजुक होती है। हीटर के वोल्टेज के अनुसार प्लेट की मोटाई निश्चित करते है इसकी मोटाई 10mm से 25mm तक हो सकती है। वायर के अंतिम छोरो को वोल्ट और नट की सहायता से टर्मिनल पर लगाते है।
हीटिंग एलिमेंट (Heating Element): हीटिंग एलिमेंट के लिए नाइक्रोम वायर का उपयोग किया जाता है। इस नाइक्रोम वायर की प्रतिरोधकता अधिक होती है जिसके कारण यह विद्युत ऊर्जा को ज्यादा से ज्यादा ऊष्मा ऊर्जा में बदलता है। एलिमेंट के लिए तार का साइज 26 SWG या 28 SWG तक होता है। नाइक्रोम उच्च तापमान पर भी ऑक्सीडाइज (oxidise) नही होता है।
समान्यतः हीटर की रेटिंग 1KW से 2KW तक होती है।
नाइक्रोम वायर की विशेषताएं
- नाइक्रोम एक मिश्र धातु है जिसमे 80% निकिल और 20% क्रोमियम होता है। इसका विशिष्ट प्रतिरोध (specific resistance) अधिक होता है। नाइक्रोम उच्च प्रतिरोध वाली मिश्र धातु है।
- ये अधिक तापमान सहन कर सकते है।
- इसकी यांत्रिक शक्ति अच्छी होती है।
- ये उच्च गलनांक वाली (high melting point) धातु है। इसका गलनांक लगभग 1380°C होता है। (कही–कही नाइक्रोम का गलनांक 1400°C भी दिया जाता है) नाइक्रोम का कार्यकारी तापमान 900°C होता है।
- इसका तापमान गुणांक कम होता है। जोकि लगभग 0.00017°C होता है।
- ज्यादातर सभी हीटिंग एलिमेंट को 500°C तापमान उत्पन्न करने के लिए डिजाइन किया जाता है। एलिमेंट डिजाइन करते वक्त निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।
(i) वाटेज के अनुसार वायर का साइज और क्षमता निर्धारित होता है।
(ii) वाटेज के आधार पर ही वायर की लंबाई ली जाती है।
हीटर एलिमेंट का प्रतिरोध I²R= W वॉट से ज्ञात किस जाता है। इसलिए
R= W/I²
नाइक्रोम वायर की लंबाई ज्ञात करने के लिए ज्ञात प्रतिरोध के टेबल 1 से प्रतिरोध प्रति मीटर की सहायता लेंगे।
हीटर सॉकेट (हीटर Socket): यह उपकरण के प्लग को प्लग करके पावर सप्लाई देने के काम आता है। इसमें दो टर्मिनल होता है जिसमे एक फेज और दूसरा न्यूट्रल के लिए होता है। सुरक्षा के लिए हीटर की बॉडी को अर्थ कंडक्टर से अर्थिंग जरूर करना चाहिए।
Note: हीटर के एलिमेंट और बॉडी के बीच जो इनसुलेशन प्रतिरोध डालते है उसका मान 1MΩ से कम नही होना चाहिए।
विद्युत हीटर का इस्तेमाल के दौरान रखी जाने वाली सावधानियां
- हीटर के ऊपर किसी भी खाद्य पदार्थ के अवशेष नही रखना चाहिए यही अवशेष हो तो उसे साफ कर देना चाहिए अन्यथा एलिमेंट के टूटने और फ्यूज के उड़ने की संभावना रहती है।
- हीटर का इस्तेमाल करने से पहले यह जांच लेना चाहिए की उसके ऊपर कोई धातु का टुकड़ा तो नही पड़ा है न।
- इलेक्ट्रिक हीटर पर खाना बनाते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए की आप खाना पकाने के लिए सदैव लकड़ी या इंसुलेटेड कलछल का ही प्रयोग करे तथा कड़ाही या कुकर का इस्तेमाल के दौरान यह सुनिश्चित करें की उसका हैंडल इंसुलेटेड है।
- उपकरण के सॉकेट और पिन कस कर लगे होने चाहिए अन्यथा स्पार्किंग और ओवरहीट जैसी जैसी समस्या उत्पन्न होती है जिसके कारण टर्मिनल जल जाते है जिससे उसके ऊपर कार्बन जमने की संभावना होती है।
- इनसुलेशन का प्रतिरोध 1MΩ से कम नही होना चाहिए।
- हीटर का इस्तेमाल करने से पहले यह जांच लेना चाहिए की उसकी प्लेट टूटी तो नही है। टूटी प्लेट को तुरंत बदल देना चाहिए।
- इलेक्ट्रिक हीटर पर रखे बर्तन जो कभी भी नंगे हाथों से नही उतारना चाहिए सदैव कपड़े या किसी अच्छे इनसुलेशन का प्रयोग करना चाहिए।
- खाना बनाते समय हीटर से छोटे बच्चों को दूर रखे तथा हीटर पर खाना बनाते समय कभी भी खाना बनाने के दौरान हीटर चालू करके इधर–उधर न जाएं।
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