ऑप्टिकल कम्युनिकेशन लिंक सिस्टम क्या होता है? (Optical Communication Link System Kya Hota Hai)
इस आर्टिकल में ऑप्टिकल कम्युनिकेशन लिंक के ब्लॉक डायग्राम के बारे में बताया गया है। इस आर्टिकल में बताया गया है की एक ऑप्टिकल कम्युनिकेशन लिंक सिस्टम में कौन–कौन से घटक होते है। तथा उनका क्या काम होता है।
"ऑप्टिकल कम्युनिकेशन वह विधि है जिसके द्वारा सूचना को ऑप्टिकल कैरियर तरंगों की सहायता से एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाता है।"
ऑप्टिकल फाइबर कम्युनिकेशन लिंक सिस्टम का ब्लॉक डायग्राम (Block Diagram of Optical Fiber Communications Link System): एक ऑप्टिकल फाइबर लिंक कम्युनिकेशन का ब्लॉक डायग्राम यहां नीचे दिया गया है। एक ऑप्टिकल फाइबर कम्युनिकेशन लिंक में निम्नलिखित घटक होते है।
Optical Fibre Communication |
1. सिग्नल स्रोत (Signal Source): सर्वप्रथम सिग्नल को ऑप्टिकल ट्रांसमीटर को दिया जाता है। ऑप्टिकल ट्रांसमीटर के रूप में एलईडी या लेजर डायोड का प्रयोग किया जाता है।
2. ऑप्टिकल ट्रांसमीटर (Optical Transmitter): सिग्नल स्रोत को एक ट्रांसमीटर को दिया जाता है। ट्रांसमीटर के रूप में एलईडी या लेजर डायोड का प्रयोग किया जाता है। यह एलईडी या लेजर डायोड विद्युत सिग्नल को प्रकाश सिग्नल में बदलता है। इन प्रकाश तरंगों का मोड्यूलेशन करके मॉड्यूलेटेड ऑप्टिकल सिग्नल उत्पन्न किया जाता है। इसके बाद इस सिग्नल को ऑप्टिकल फाइबर केबल के द्वारा ट्रांसमीटर से रिसीवर तक पहुंचाया जाता है। एक ऑप्टिकल फाइबर केबिल ट्रांसमिशन माध्यम के रूप में कार्य करता है।
3. ऑप्टिकल रिसीवर (Optical Receiver): ऑप्टिकल ट्रांसमीटर से प्राप्त सिग्नल को ऑप्टिकल रिसीवर प्राप्त (receive) करता है। रिसीवर पर प्राप्त ऑप्टिकल मॉड्यूलेटेड सिग्नल को ऑप्टिकल डिटैक्टर द्वारा डिटैक्ट किया जाता है जोकि फोटो डायोड (photo diode) या एवलांचे फोटो डायोड (avalanche photodiode) होता है। रिसीवर से प्राप्त सिग्नल का डिमॉड्यूलेशन करके मूल मॉड्यूलेटिंग सिंगल (original modulating signal) या मैसेज सिग्नल (message signal) को प्राप्त कर लिया जाता है।
ऑप्टिकल फाइबर कम्युनिकेशन के गुण (Merits of Optical Fibre Communication): एक ऑप्टिकल फाइबर कम्युनिकेशन में निम्नलिखित गुण होते है।
- ऑप्टिकल फाइबर कम्युनिकेशन की बैंडविथ (bandwidth) बहुत अधिक होती है। इसलिए इनके द्वारा लंबी दूरी का संचार आसानी से किया जा सकता है।
- ऑप्टिकल फाइबर केबल छोटे आकार के होते है। जिसके कारण ये कम स्थान लेते है।
- ऑप्टिकल फाइबर विद्युतरोधी (insulators) होते है, तथा इनमे इंटरफेसिंग (interfacing) की समस्या नही होती है।
- ऑप्टिकल फाइबर केबल के द्वारा संचार करने पर विद्युतचुम्बकीय इंटरफ्रेंस (electromagnetic interferences) की समस्या नहीं होती है।
- ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से संचार करने पर सुरक्षा भी मिलता है।
- ऑप्टिकल फाइबर संचार से ट्रांसमिशन हानि (transmission loss) कम होता है।
- ऑप्टिकल फाइबर संचार शोर (noise) से मुक्त रहता है।
- ऑप्टिकल फाइबर संचार डिजिटल ट्रांसमिशन (digital transmission) व स्विचिंग सिस्टम (switching system) के लिए बहुत अच्छा होता है।
- ऑप्टिकल फाइबर वेवलेंथ (wavelength) मल्टीप्लैक्सिंग के लिए उपयुक्त होते है। जिसमे वेवलेंथ में कम अन्तर वाले सिग्नल एक ही फाइबर में भेजे जा सकते है।
ऑप्टिकल फाइबर संचार के दोष (Demerits of Optical Fibre Communication): ऑप्टिकल फाइबर संचार के निम्नलिखित दोष होते है।
- ऑप्टिकल फाइबर संचार का निर्माण कार्य महंगा (high manufacturing cost) होता है।
- ग्लास फाइबर आसानी से टूट सकते है। इसलिए इनको इंस्टॉल करते समय अतिरिक्त सावधानी की जरूरत होती है।
FAQ:
प्रश्न: लेजर (LASER) का पूरा नाम क्या होता है?
उत्तर: लेजर का पूरा नाम Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation होता है।
प्रश्न: डायोड होता है unidirecitonal या bidirectional?
उत्तर: डायोड एकदीशीय (unidirectional) होता है।
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प्रश्न: एलईडी (LED) का पूरा नाम क्या होता है?
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