ऑपरेशनल प्रवर्धक क्या होता हैं? (Operational Amplifier In Hindi)
ऑपरेशनल प्रवर्धक (operational amplifier) या op–amp एक उच्च लाभ डिफरेंशियल प्रवर्धक (high gain differential amplifier) होता है जिसकी बहुत अधिक इनपुट प्रतिबाधा तथा कम आउटपुट प्रतिबाधा होता है।
Op–Amp In Hindi |
ऑपरेशनल प्रवर्धक एक प्रत्यक्ष युग्मित (direct coupled) उच्च लाभ प्रवर्धक है जिसमे एक या एक से अधिक डिफरेंशियल प्रवर्धक होते हैं, जिसके आगे एक लेवल ट्रांसलेटर (level translator) तथा एक आउटपुट स्टेज लगा होता है।
आउटपुट स्टेज के रूप में समान्यतः पुश पुल या पुश पुल कंप्लीमेंट्री सिमिटरी पेयर (push pull complementary symmetry pair) होता है। ऑपरेशनल प्रवर्धक एक सिंगल इंट्रीगेटेड सर्किट पैकेज के रूप में उपलब्ध होता है।
ऑपरेशनल प्रवर्धक का कार्य क्या है?
ऑपरेशनल प्रवर्धक एक साथ कई कार्य करने वाली युक्ति (versatile device) है। ऑपरेशनल प्रवर्धक को समान्यतः गणितीय आपरेशन जैसे– जोड़, घटाना, गुना, भाग और इंट्रीग्रेशन करने के लिए बनाया गया था। ऑपरेशनल प्रवर्धक को गणितीय आपरेशन करने के लिए बनाया गया था इसी कारण इसका नाम ऑपरेशनल प्रवर्धक (operational amplifier) रखा गया था जिसे संक्षेप में op–amp कहां जाता है।
आधुनिक ऑपरेशनल प्रवर्धक का प्रयोग न केवल गणितीय आपरेशन में किया जाता है बल्कि इसके साथ बाह्य फीडबैक कंपोनेंट (external feedback component) लगाकर इसका प्रयोग एसी तथा डीसी प्रवर्धक (ac & dc amplifier), एक्टिव फिल्टर (active filter), दोलित्र (oscillator), तुलनाकारी (comparators) और रेगुलेटर (regulator) इत्यादि जैसे सर्किट में किया जाता है।
ऑपरेशनल प्रवर्धक का प्रयोग (Uses of Operational Amplifier): ऑपरेशनल प्रवर्धक का प्रयोग निम्नलिखित स्थानों पर किया जाता है।
- ऑपरेशनल प्रवर्धक एक versatile device है जिसके द्वारा डीसी और एसी सिग्नलों (dc & ac signal) को प्रवर्धित (amplify) किया जाता है।
- ऑपरेशनल प्रवर्धक का प्रयोग गणितीय आपरेशन में किया जाता है।
- ऑपरेशनल प्रवर्धक का प्रयोग फिल्टर, दोलित्र, कॉम्प्रेटर और रेगुलेटर इत्यादि सर्किट में किया जाता है।
ऑपरेशनल प्रवर्धक का प्रतीक (Symbol of Op–Amp)
एक ऑपरेशनल प्रवर्धक डिफरेंशियल प्रवर्धक होता है। डिफरेंशियल प्रवर्धक का कार्य दो सिग्नल के अन्तर को प्रवर्धित करने का होता है। इसी कारण से ऑपरेशनल प्रवर्धक में दो इनपुट व एक आउटपुट टर्मिनल होता है।
Vo= Ad(V1—V2)
ऑपरेशनल प्रवर्धक का वह टर्मिनल जिसमे नेगेटिव (—) चिन्ह लगा होता है उसे इनवर्टिंग टर्मिनल (inverting terminal) कहां जाता है। इनवर्टिंग का अर्थ होता है विपरीत अर्थात इस टर्मिनल पर कोई सिग्नल लगाया जाए तो आउटपुट सिग्नल के विपरीत कला (opposite phase) में प्राप्त होता है। अर्थात इनपुट तथा आउटपुट में 180° का कलान्तर होता है।
ऑपरेशनल प्रवर्धक का वह टर्मिनल जिसमे धनात्मक (+) चिन्ह लगा होता है उसे नॉन इनवर्टिंग टर्मिनल (non inverting terminal) कहां जाता है। इस टर्मिनल के इनपुट पर दी गई इनपुट की कला परिवर्तित (phase invert) नही होती है अर्थात आउटपुट, इनपुट के समान कला में प्राप्त होती है।
आदर्श ऑपरेशनल प्रवर्धक की विशेषता (Specifications of Ideal Op–Amp): एक आदर्श ऑपरेशनल प्रवर्धक की निम्नलिखित विशेषता होनी चाहिए।
- इनपुट प्रतिबाधा (input resistance) Ri= ∞
- आउटपुट प्रतिबाधा (output resistance)= Ro= 0
- वोल्टेज लाभ (voltage gain) Av= ∞
- बैंडविथ (bandwidth) BW= ∞
- स्लू रेट (slew rate)= ∞
- कॉमन मोड रिजेक्शन अनुपात (common mode rejection ratio) CMMR= ∞
- एक आदर्श op–amp में ऐसा गुण होना चाहिए की ताप के साथ अभिलक्षण ड्रिफ्ट न हो अर्थात स्थिर रहें।
FAQ:
प्रश्न: एक op–amp में कितने इनपुट टर्मिनल होते हैं?
उत्तर: एक op–amp में दो इनपुट टर्मिनल तथा एक आउटपुट टर्मिनल होता है।
प्रश्न: एक op–amp का इनपुट प्रतिबाधा कितना होता है?
उत्तर: अनन्त (∞)
प्रश्न: एक आदर्श op–amp में आउटपुट प्रतिबाधा कितनी होती है?
उत्तर: शून्य (0)
प्रश्न: Op–Amp का पूर्ण नाम (full form) क्या होता है?
उत्तर: Op–Amp का पूरा नाम ऑपरेशनल प्रवर्धक (Operational Amplifier) होता है।
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