केज मोटर और स्लिप रिंग मोटर में अन्तर
इस आर्टिकल में केज मोटर और स्लिप रिंग मोटर में अन्तर के बारे में बताया गया है की एक स्लिप रिंग मोटर और केज मोटर एक दूसरे से किन–किन मामलों में अलग होते है।
Difference Between Cage Motor And Slip Ring Motor: एक केज इंडक्शन मोटर और स्लिप रिंग इंडक्शन मोटर में निम्नलिखित अन्तर होता है।
1. रोटर की संरचना (Construction Of Rotar): केज मोटर में रोटर की संरचना शॉर्ट सर्किटेड चालक के रूप में होती है जबकि स्लिप रिंग मोटर के रोटर की संरचना 3Φ की वाइंडिंग होती है।
2. स्टेटर (Stator): केज मोटर और स्लिप रिंग या वाउंड मोटर दोनों का स्टेटर एक समान होता है। अर्थात केज मोटर और स्लिप रिंग मोटर दोनों के स्टेटर में समानता होती है।
3. रोटर की मरम्मत (Maintenance of Rotar): केज मोटर के रोटर को मरम्मत करने की आवश्यकता नहीं होती है। जबकि स्लिप रिंग मोटर के रोटर पर कार्बन ब्रश, स्लिप रिंग लगे होते हैं इसलिए रोटर के मरम्मत की आवश्यकता होती हैं।
4. स्टार्टिंग टॉर्क (Starting Torque): केज मोटर का स्टार्टिंग टॉर्क तुलनात्मक रूप से कम होता है जबकि स्लिप रिंग मोटर का स्टार्टिंग टॉर्क अधिक होता है।
5. स्टार्टिंग करंट (Starting Current): केज मोटर का स्टार्टिंग करंट उच्च (high) लगभग 5 से 6 गुना होता है। जबकि स्लिप रिंग मोटर का स्टार्टिंग करंट कम होता है, यह लगभग 3 से 4 गुना होता है।
6. रनिंग पावर फैक्टर (Running Power Factor): केज मोटर का रनिंग पावर फैक्टर 0.7 से 0.8 लैगिंग (lagging) होता है जबकि स्लिप रिंग मोटर का रनिंग पावर फैक्टर 8.0 से 0.9 लैगिंग होता है।
7. मोटर का मूल्य (Rate of Cost): केज मोटर की कीमत कम (low cost) होती है जबकि स्लिप रिंग मोटर महंगी (costly) होती है।
8. संरचना (Construction): केज मोटर की संरचना आसान (simple construction) होती है लेकिन स्लिप रिंग मोटर की संरचना जटिल होती है।
9. स्टार्ट करने के आधार पर (According to Start): केज मोटर को DOL स्टार्टर, स्टार–डेल्टा स्टार्टर और ऑटो ट्रांसफार्मर स्टार्टर से स्टार्ट किया जा सकता है। जबकि स्लिप रिंग मोटर को केवल 3Φ रिहोस्टेट (rehostat) या 3Φ एक्सटर्नल रेजिस्टेंस (external resistance) से स्टार्ट किया जाता है।
10. गति नियंत्रण (Speed Control): केज मोटर की गति निम्न तरीके से बदली जा सकती है।
पोल की संख्या बदल कर, फ्रीक्वेंसी कंट्रोल करके, थायरिस्टर का प्रयोग करके और सप्लाई वोल्टेज का उपयोग करके जबकि स्लिप रिंग मोटर में गति नियंत्रण फ्रीक्वेंसी कंट्रोल करके, कैस्केड नियंत्रण से, रोटर में रेजिस्टेंस लगाकर और रोटर में ईएमएफ इंजेक्ट (emf inject) करवाकर गति को नियंत्रित किया जा सकता है।
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