तीन पिन के प्लग (three pin plug) में एक पिन बाकी दोनों पिनों से मोटा और लम्बा क्यों होता है? उचित कारण जाने।
इस आर्टिकल में थ्री पिन प्लग सॉकेट में एक पिन लम्बा और मोटा क्यों बनाया जाता है इसकी जानकारी दी गई है।
यहां चित्र में एक तीन पिन का प्लग (three pin plug) दिखाया गया है। इसमें आप को ऊपर वाला एक पिन बाकी अन्य दो पिनों की अपेक्षा थोड़ा लम्बा और मोटा दिखाई दे रहा होगा। थ्री पिन में ऐसा करने के पीछे बहुत बड़ा कारण है इसके कई लाभ है जिसके बारें में नीचे विस्तार से बताया गया है।
Three Pin Plug Socket Connection |
तीन पिन वाले प्लग में एक पिन अन्य दो पिनों की अपेक्षा थोड़ा लम्बा और मोटा होता है इसे अर्थ पिन (earth pin) कहां जाता हैं। तीन पिन प्लग में अन्य दो पिनों में एक को फेज पिन और दूसरे को न्यूट्रल पिन कहां जाता है। फेज और न्यूट्रल पिन का उपयोग मुख्य धारा की सप्लाई करंट को कैरी (carry) करने के लिए किया जाता है जबकि अर्थ पिन का उपयोग प्लग (plug) से जुड़े हुए उपकरण को उचित अर्थिंग (proper earthing) देने के लिए किया जाता है।
अर्थ पिन का उपयोग मानव की सुरक्षा के लिए किया जाता है और यह सुनिश्चित करता है कि धातु की सतह वाले उपकरण हमेशा अर्थ पोटेंशियल पर ही अर्थात जीरो वोल्ट (zero volt) पर रहे। जिससे की किसी व्यक्ति को बिजली का झटका न लगे।
अर्थ पिन को मोटा और लम्बा रखने का कारण
अर्थ पिन को मोटा और लम्बा रखने के दो मुख्य कारण हैं जिसकी विस्तृत जानकारी नीचे दी गई है।
1. धातु का प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है। इसका अर्थ है कि अगर धातु की मोटाई ज्यादा होगी तो उसका प्रतिरोध कम होगा। प्रतिरोध के कम होने से अगर धातु की सतह पर किसी प्रकार का कोई लीकेज करंट (lekage current) होता है तो वह अर्थिंग वायर (earthing wire) की सहायता से आसानी से धरती तक पहुंच जाता है। जिससे व्यक्ति को विद्युत का झटका नहीं लगता क्योंकि व्यक्ति के शरीर से करंट का प्रवाह नहीं होता है करंट सीधे अर्थ के माध्यम से ग्राउंड हो जाता है।
2. अर्थ वाला पिन हमेशा दो अन्य पिनों से लम्बा होता है। यह सुनिश्चित करता है कि प्लग से जुड़ा हुआ उपकरण मेन सप्लाई (main supply) से जुड़ने के पहले और मेन सप्लाई से अलग होने के बाद हमेशा उचित अर्थिंग के सम्पर्क (touch) में रहे। इससे यह फायदा होता है की जब हम अर्थ वाला पिन सॉकेट के अन्दर डालते हैं तो पिन लम्बा होने की वजह से यह सबसे पहले सॉकेट (socket) के अन्दर जाता है। इससे हमारा उपकरण मेन सप्लाई (main supply) से जुड़ने से पहले ही उचित तरीके से अर्थ हो जाता है। इसी प्रकार प्लग को सॉकेट से बाहर निकालने के बाद भी पहले फेज और न्यूट्रल वाले पिन अलग होते हैं और अन्त में अर्थ वाला पिन अलग होता है। जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उपकरण अन्त तक उचित अर्थिंग के सम्पर्क में रहता है। जिससे बिजली से होने वाले खतरे को सम्भावना कम हो जाती है।
अगर घर में फ्रिज, आयरन, कूलर, व अन्य विद्युतीय उपकरण हैं तो इसकी जरूर जांच कर लेनी चाहिए की सभी वैद्युतिय उपकरणों की उचित तरीके से अर्थिंग की गई है या नही। तथा ऐसे उपकरणों में हमेशा तीन पिन वाला प्लग ही उपयोग करना चाहिए क्योंकि इसके कई लाभ है तथा यह लीकेज करंट से मानव की सुरक्षा भी करता है।
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