स्थिर वैद्युत क्या है? (Static Electricity In Hindi)
पदार्थों को परस्पर रगड़ने से उस पर जो आवेश की मात्रा संचित रहती है, उसे स्थिर विद्युत कहते हैं स्थिर विद्युत में आवेश स्थिर रहता है। बेंजामिन फ्रैंकलिन नाम के वैज्ञानिक ने दो प्रकार के आवेशो को धनात्मक आवेश और ऋणात्मक आवेश नाम दिया है।
समान प्रकार के आवेश जैसे धनात्मक–धनात्मक और ऋणात्मक–ऋणात्मक आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं तथा विपरीत प्रकार के आवेश जैसे धनात्मक–ऋणात्मक या ऋणात्मक–धनात्मक आवेश एक दूसरे को परस्पर आकर्षित करते हैं।
वस्तु को आवेशन इलेक्ट्रोनिक के स्थानांतरण के फलस्वरुप होता है।
यहां नीचे सारणी में कुछ वस्तुएं दी गई है ये वस्तुएं इस प्रकार से रखी गई है कि यदि किसी वस्तु को किसी दूसरी वस्तु से रगड़कर विद्युत उत्पन्न की जाए तो सारणी में जो ऊपर है उसमें धन आवेश तथा जो नीचे है उसमें ऋण आवेश उत्पन्न होता है। जैसे: कांच को कागज के साथ रगड़ने पर कांच में धन आवेश एवं कागज में ऋण आवेश उत्पन्न हो जाएगा ठीक इसी प्रकार अम्बर को गंधक के साथ रगड़ने पर अम्बर में धन आवेश और गंधक में ऋण आवेश उत्पन्न हो जाएगा।
आवेश का पृष्ठ घनत्व (Surface Density of charge): चालक की इकाई क्षेत्रफल पर स्थित आवेश की मात्रा को उस आवेश का पृष्ठ घनत्व कहते हैं। चालक का पृष्ठ घनत्व चालक के आकार एवं चालक के समीप स्थित अन्य चालक या विद्युत रोधी पदार्थों पर निर्भर करता है।
पृष्ठ घनत्व सबसे अधिक चालक के नुकीले भाग पर होता है क्योंकि नुकीले भाग का क्षेत्रफल सबसे कम होता है।
FAQ:
प्रश्न: समान आवेशों के बीच परस्पर होता है?
उत्तर: प्रतिकर्षण
प्रश्न: विपरीत आवेशों के बीच परस्पर होता है?
उत्तर: आकर्षण
प्रश्न: वस्तुओं का आकर्षण परस्पर किसके स्थानांतरण के कारण होता है?
उत्तर: इलेक्ट्रोनों के स्थानांतरण से
प्रश्न: चालक के इकाई क्षेत्रफल पर स्थित आवेश की मात्रा को उस आवेश का_______कहां जाता है?
उत्तर: पृष्ठ घनत्व
प्रश्न: जब रेशम को मानव शरीर के साथ रगड़ा जाता है तो रेशम में होगा?
उत्तर: धन आवेश
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