प्राइमरी सेल और द्वितीयक सेल में उत्पन्न होने वाला दोष
इस आर्टिकल में प्राइमरी सेल और द्वितीयक सेल में उत्पन्न होने वाले दोष, दोष उत्पन्न होने का कारण और इन दोषों को दूर करने के उपाय के बारे में जानकारी दी जा रही है।
प्राइमरी सेल में उत्पन्न होने वाला दोष (Fault In Primary Cell): प्राइमरी सेल में सबसे ज्यादा दोष सरल वोल्टाइक सेल में होता है। एक वोल्टाइक सेल में दो दोष उत्पन्न होता है।
Primary And Secondary Cell Fault In Hindi |
1. स्थानीय क्रिया दोष (Local Action Fault): स्थानीय क्रिया दोष कैथोड पर उत्पन्न होता है। अर्थात यह दोष जिंक (zinc) पर उत्पन्न होता है।
स्थानीय क्रिया दोष नो लोड (no load) पर भी हो जाता है। अर्थात सेल रखे–रखे भी खराब हो जाता है। जस्ते के चारों ओर हाइड्रोजन के बुलबुले हो जाते है जिसकी वजह से जस्ता धीरे–धीरे खत्म होने लगता है। जिंक में लेड, आयरन, कार्बन की अशुद्धियां पाई जाती है और ये अशुद्धियां हाइड्रोजन से क्रिया कर नष्ट होने लगती है।
हाइड्रोजन के कारण जस्ता घिस कर लुगदी के रूप में जमा हो जाता है।
स्थानीय क्रिया दोष का निवारण: जस्ते पर पारे की पर्त चढ़ा दी जाती है।
2. ध्रुवण दोष (Polarization Fault): ध्रुवण दोष एनोड पर उत्पन्न होता है। अर्थात ध्रुवण दोष कॉपर (copper) पर होता है।
यह लोड पर उत्पन्न होता है अर्थात जब भार संयोजित हो यानी की जब लोड करंट चलेगी तब यह दोष उत्पन्न होता है।
इस दोष में कॉपर पर हाइड्रोजन के बुलबुले बनने लगता है और यह हाइड्रोजन एक अचालक पर्त के रूप में जमता है जोकि लोड से संयोजन (connection) समाप्त कर देता है।
ध्रुवण दोष का निवारण: आक्सीकरण के रूप में मैग्निज डाई ऑक्साइड (MnO2) का प्रयोग करते है। यह कॉपर पर हाइड्रोजन को जमने नही देता है उसे पानी बना देता है।
द्वितीयक सेल में उत्पन्न होने वाला दोष (Fault In Secondary Cell): सेकेंडरी सेल में सबसे ज्यादा दोष लेड एसिड सेल में उत्पन्न होता है। एक सेकेंडरी सेल में निम्न दोष उत्पन्न होता है।
- सेंडीमेंटेंसन दोष (तलछट दोष)
- सल्फेशन दोष (गंधकत्व दोष)
- बकलिंग दोष (व्याकुंचन दोष)
- कोरोजन दोष (संक्षारण दोष)
1. तलछट दोष (Sedimentation Fault): सीसे की अशुद्धिया (लुगदी) तली में एकत्र होकर धनात्मक और ऋणात्मक प्लेटों को शॉर्ट करा देती है।
तलछट दोष का निवारण: तलछट दोष का निवारण आसूत जल का प्रयोग करके किया जाता है। सीसा सबसे ज्यादा उस समय कंज्यूम (consume) होता है जब ठीक ढंग से आसुत जल नही मिलता है।
2. गंधकत्व दोष (Sulphation Fault): जब सेल डिस्चार्ज होता है। तब दोनों प्लेट लेड सल्फेट की हो जाती है और काफी दिनों तक चार्ज न किया जाए तो लेड सल्फेट एकदम से हार्ड हो जाता है जिससे बैटरी निष्क्रिय हो जाता है।
गंधकत्व दोष का निवारण: सल्फेशन दोष का निवारण ट्रिकल चार्जिंग द्वारा किया जाता है। बैटरी को ओवरचार्ज न करे और बैटरी डिस्चार्ज भी हो गई हो तो फिर से चार्ज करके उपयोग में लेकर, चार्ज करके छोड़ दे डिस्चार्ज अवस्था में न रखे।
3. व्याकुंचन दोष (Buckling Fault): उच्च दर पर बैटरी को चार्ज या डिस्चार्ज करने पर प्लेटे मुड़ जाती है और शॉर्ट सर्किट हो जाता है। यह दोष बकलिंग या व्याकुंचन कहलाता है।
बैटरी के Ah क्षमता के 10वे भाग तक चार्ज या डिस्चार्ज कर सकते है। अन्यथा पॉजिटिव और निगेटिव प्लेटे शॉर्ट कर जायेगी।
व्याकुंचन दोष का निवारण: Ah के 10वे भाग तक चार्ज और डिस्चार्ज रखे।
4. संक्षारण दोष (Corrosion Fault): लेड एसिड सेल में जब हाइड्रोजन के बुलबुले बनते है तो दोनों टर्मिनलों पर एक अचालक पर्त जम जाती है जो बैटरी के कनेक्शन को समाप्त कर देता है।
संक्षारण दोष का निवारण: इस दोष को दूर करने के लिए समय–समय पर गर्म पानी से कपड़े को गीला करके साफ करते रहना चाहिए या टर्मिनलों पर पेट्रोलियम जेली या ग्रीस का पतला लेप लगा देना चाहिए।
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