ड्रम स्विच क्या होता है? (Drum Switch Decorative Light In Hindi)
ड्रम स्विच घरों, कार्यशालाओं, वैवाहिक स्थलो व मन्दिर इत्यादि स्थानों को त्यौहारों पर फ्लैश प्रकाश, झिलमिल प्रकाश और रनिंग प्रकाश से प्रकाशित करने की सामान्य विधि है। सजावटी लैंप परिपथों के लिए एक ड्रम स्विच का उपयोग किया जाता है। सजावटी लैंप को क्रमानुसार (एक के बाद दूसरा) स्विच ऑन करने के लिए इस स्विच का उपयोग किया जाता है। इसे निम्न चाल मोटर के साथ इस प्रकार जोड़ा जाता है की लैंप उचित अन्तराल पर प्रकाशित हो सके।
ड्रम स्विच का उपयोग सजावटी लाइट में किया जाता है। जैसे– रंगीन लाइट में
ये लैंप चलते हुए दिखाई पड़ते है। हालांकि, वास्तव में ये लैंप चलते नहीं है इसमें कई लैम्पो को समांतर क्रम (parallel connection) में जोड़ा जाता है। जिनमें से एक के ऑन (On) होते ही दूसरा ऑफ (OFF) हो जाता है। और इसी तरह क्रम से यह प्रक्रिया चलती रहती है जिसके कारण ये लैंप चलते हुए प्रतीत होते है।
Drum Switch In Hindi |
आजकल ड्रम स्विच के स्थान पर ऑटोमैटिक स्विच (automatic switch) आ गए है जिसे केम टाइमर (cam timer) कहां जाता है।
ड्रम स्विच में एक मोटर जुड़ी होती है जहां तक संभव होता है मोटर कम आरपीएम (low rpm) वाली लिया जाता है। वैसे आजकल तो रिड्यूसर (reducer) का प्रयोग किया जाता है जो आरपीएम घटाने का काम करता है।
ड्रम स्विच की कार्यप्रणाली (Drum Switch Working Principle)
प्रायः फ्लैशर की सहायता से प्रकाश का सजावटी प्रभाव प्राप्त किया जाता है। इसमें एक लकड़ी का ठोस बेलन होता है, जो दोनो ओर लगे बाल बियरिंग में घूमता है। लकड़ी का बेलन एक बेल्ट या कपलिंग से मोटर के साथ जुड़ा रहता है। मोटर की चाल और पुली का चयन इस प्रकार किया जाता है कि लकड़ी का बेलन कम आरपीएम पर घूम सके। लकड़ी के बेलन पर एक तांबे का रिंग चढ़ा होता है (जिसके साथ विद्युतमय तार एक ब्रश द्वारा जुड़ी होती है) और तीन तांबे के सेगमेंट जो एक दूसरे से 120° दूर होती है, जिनमें से प्रत्येक सैगमेंट का एक सिरा स्थायी रूप से तांबे के रिंग से जुड़ा होता है। जैसे ही बेलन घूमता है तीनों सैगमेंट ब्रुशो 1, 2 और 3 से बारी–बारी सम्पर्क करते हैं तथा लैंप एक के बाद एक ऑन–ऑफ़ होता रहता है।
ड्रम स्विच धीरे–धीरे चलता रहता है तथा इसमें जितने सर्किट होते है। उतना ही कॉपर की उस पर स्लिप रिंग टाइप की पत्तियां बनी रहती हैं तथा 360° के हिसाब से बटी रहती है तथा इस प्रकार बटी रहती है की एक का सर्किट टूटता है तो ठीक बाद दूसरे का सर्किट बन जाता है तथा यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है और ड्रम स्विच चलते हुए प्रतीत होते है।
ड्रम स्विच की संरचना (Construction Of Drum Switch)
बेलनाकार ड्रम शुष्क, नरम और कम वजन वाली लकड़ी से बना होता है। ड्रम की लम्बाई, फिंगर स्ट्रिप की संख्या से निर्धारित की जाती हैं और इस ड्रम का व्यास संयोजित किए जाने वाले परिपथों की संख्या पर निर्भर करता है। ड्रम की चाल यथा सम्भव कम रखी जाती हैं जिसे प्राप्त करने के लिए दो पुली का उपयोग किया जाता है। ड्रम की पत्तियां अधिकतर पीतल/तांबा की बनी होती है जो ड्रम के साथ जोड़ दी जाती है तथा संपर्क पत्तियां पेंचो या बारीक कील से जोड़ दी जाती है। ड्रम प्लेट का डिजाइन इस बात को ध्यान में रख कर किया जाता है कि एक चक्कर में कितनी बार इसे संपर्क करने की आवश्यकता पड़ेगी तथा पत्ती को इस प्रकार जोड़ा जाता है की इसका संपर्क अच्छे से बना रहे। ड्रम पर स्पार्किंग को रोकने के लिए ड्रम प्लेट के चालक भाग पर ग्रीस लगाना चाहिए।
ड्रम स्विच में प्रयुक्त मोटर (Which Motor Use In Drum Switch): ड्रम स्विच के लिए सामान्यतः एकल फेज निम्न चाल (single phase low speed) वाली मोटर जैसे– शेडेड पोल मोटर (shaded pole motor) प्रयुक्त की जाती हैं।
ड्रम स्विच का उपयोग (Uses Of Drum Switch)
ड्रम स्विच का उपयोग घरों, शादी विवाह, मन्दिर, शॉपिंग मॉल इत्यादि स्थानों पर सजावटी कार्य के लिए करते हैं।
Decorative Light Kya Hota Hai |
FAQ:
प्रश्न: ड्रम स्विच में किस मोटर का उपयोग किया जाता है?
उत्तर: शेडेड पोल मोटर (shaded pole motor)
प्रश्न: ड्रम स्विच डेकोरेटिव लाइट (decorative light) का उपयोग किस काम के लिए किया जाता है?
उत्तर: सजावटी कार्य
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Thank You Sir Very Informative Knowledge.
ReplyDeleteIncandescent lamp ke bare me btaye please.
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