अल्टरनेटर का विद्युत वाहक बल समीकरण (EMF Equation Of Alternator In Hindi)
एक अल्टरनेटर में प्रेरित ईएमएफ गतिज प्रेरित ईएमएफ (dynamic induce emf) कहलाता है।
डीसी जनरेटर और एसी जनरेटर (अल्टरनेटर) दोनों में प्रेरित ईएमएफ गतिज प्रेरित ईएमएफ होता है तथा गतिज प्रेरित ईएमएफ का सूत्र निम्न होता है।
E= B.L.V Sinθ
- जहां:—
- B= फ्लक्स घनत्व, वेबर प्रति वर्ग मीटर या टेस्ला में
- L= चालक की लम्बाई, मीटर में
- V= चालक का वेग, मीटर/सेकेंड में
- Sinθ= चालक और चुम्बकीय बल रेखाओं के बीच छेदन का कोण
Alternator EMF Formula |
फैराडे के नियम के अनुसार:— एक चालक में औसत ईएमएफ फ्लक्स परिवर्तन की दर के समानुपाती होता है।
औसत ईएमएफ= dΦ/dt
या
औसत ईएमएफ= कुल फलक्स में परिवर्तन/परिवर्तन में लगा समय
फ्लक्स में परिवर्तन dΦ, पोल × फ्लक्स (P.Φ) के बराबर होता है। क्योंकि रोटर जब एक चक्कर घूर्णन करता है तो सारे पोल स्टेटर चालकों से लिंक होते हुए घूमते है।
(रोटर के जितने भी पोल हैं वें सभी स्टेटर से लिंक होते हैं। अर्थात प्रति पोल फ्लक्स, फ्लक्स में परिवर्तन के मान के बराबर होता है)
dt का मतलब फ्लक्स परिवर्तन में लिया गया समय है।
dt= 60/N (एक चक्कर का समय)
औसत ईएमएफ= P.Φ.N/60 चूकी N= f × 120/P
औसत ईएमएफ= P × f × 120/P × 60= 2.Φ.f
प्रेरित ईएमएफ= 2.Φ.f (एक चालक में)
चुकी चालकों की संख्या को Z से दर्शाते है, इसलिए Z चालको में औसत ईएमएफ (average emf)—
औसत ईएमएफ= 2.Φ.f.Z
यदि चालकों की संख्या को टर्न के रूप में लेते है तब Z, दो टर्न के बराबर (Z= 2t) होता है।
2.Φ.f.2T= 4.Φ.f.T
Z चालकों में उत्पन्न या अनेक टर्न में उत्पन्न आरएमएस (rms) मान—
आरएमएस= औसत मान × फॉर्म फैक्टर
rms= 4.Φ.f.T × 1.11
या
4.44 × Φ × f × T
यदि उपर्युक्त समीकरण में डिस्ट्रीब्यूशन फैक्टर (distribution factor) और पिच फैक्टर (pitch factor) को शामिल कर लिया जाए तो —
Eave= 4.44 × Φ × f × T × Kp × Kd
पिच फैक्टर या क्वायल स्पैन फैक्टर (Pitch Factor or Coil Span Factor):— फुल पिच वाइंडिंग में प्राप्त ईएमएफ का मान ज्ञात करने के लिए आंशिक पिच वाइंडिंग (fractional pitch winding or ) में प्रेरित ईएमएफ को (induce emf) जिस घटक से गुणा किया जाता है उसे पिच फैक्टर (pitch factor) कहा जाता है।
या
किसी आर्मेचर क्वायल के दोनों साइड में उत्पन्न ईएमएफ के वेक्टर योग तथा उनके बिजगणितीय योग के अनुपात को पिच फैक्टर (pitch factor in hindi) कहते हैं।
Pitch Factor Formula In Hindi |
Kp= ईएमएफ का वेक्टर योग/ईएमएफ का बिजगणितीय योग
- Kp= Cosα/2
- जहां Cosα= पिच में अन्तर/ फूल पिच × 180°
अल्टरनेटर की वाइंडिंग (Winding of Alternator):— अल्टरनेटर में 2 प्रकार की वाइंडिंग होती है।
1. फुल पिच वाइंडिंग या होल क्वायल वाइंडिंग (Full Pitch Winding or Hole Coil Winding):— जब दो पोलों के बीच 180° पर क्वायल स्थापित की जाती है तो उसे फुल पिच वाइंडिंग कहते हैं।
2. फ्रेक्शनल पिच वाइंडिंग या शार्ट पिच वाइंडिंग (Fractional Pitch Winding or Short Pitch Winding):— जब दो पोलो के बीच 180° से कम पर क्वायल स्थापित की जाती है तो उसे फ्रेक्शनल पिच वाइंडिंग (fractional pitch winding) या शार्ट पिच वाइंडिंग (short pitch winding) कहते हैं।
डिस्ट्रीब्यूशन फैक्टर (Distribution Factor In Hindi):— डिस्ट्रीब्यूशन फैक्टर को Kd से दर्शाया जाता है।
"प्रेरित ईएमएफ के सही मान को प्राप्त करने के लिए जिस घटक से गुणा किया जाता है, उसे डिस्ट्रीब्यूशन फैक्टर (distribution factor) कहा जाता है।"
Distribution Factor Formula |
- जब अल्टरनेटर्स पॉलिफेज (polyphase) के लिए डिजाइन किया जाता है तो इसकी एक फेज के चालक एक ही खांचे में नहीं बल्कि अलग-अलग खांचे में बटे हुए होते हैं। इन अलग-अलग खांचों (slot) में जो प्रेरित ईएमएफ उत्पन्न होता है उस प्रेरित ईएमएफ की गणना करने के लिए एक घटक (factor) की आवश्यकता होती है जिसे डिस्ट्रीब्यूशन फैक्टर कहा जाता है।
- पिच फैक्टर का कोई मात्रक नहीं होता है, तथा इसका अधिकतम मान 1 होता है। तथा ज्यादातर मान 1 से कम ही होता है।
- जबकि डिस्ट्रीब्यूशन फैक्टर का मान सदैव इकाई से कम होता है। डिस्ट्रीब्यूशन फैक्टर का मान कभी भी 1 या 1 से अधिक नहीं होना चाहिए।
अन्य महत्वपूर्ण टॉपिक:—
FAQ:—
प्रश्न— अल्टरनेटर का ईएमएफ समीकरण क्या होता है?
उत्तर— B.L.V Sinθ
प्रश्न— पिच फैक्टर का मात्रक क्या होता है?
उत्तर— पिच फैक्टर का कोई मात्रक नहीं होता है।
प्रश्न— पिच फैक्टर का अधिकतम मान कितना होता है?
उत्तर— इकाई।
प्रश्न— डिस्ट्रीब्यूशन फैक्टर का क्या होता है?
उत्तर— सदैव 1 से कम (1 या 1 से अधिक नही होता)
प्रश्न— डिस्ट्रीब्यूशन फैक्टर को किससे प्रदर्शित करते हैं?
उत्तर— Kd से
प्रश्न— जब दो पोलो के बीच 180° पर क्वायल स्थापित की जाती है तो उसे क्या कहा जाता है?
उत्तर— फुल पिच वाइंडिंग या होल क्वायल वाइंडिंग।
प्रश्न— जब दो पोलो के बीच 180° से कम पर क्वायल स्थापित की जाती है तो उसे क्या कहा जाता है?
उत्तर— शॉर्ट पिच वाइंडिंग या फ्रैक्शनल पिच वाइंडिंग।
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