रोटरी कन्वर्टर या सिंक्रोनस कन्वर्टर (Rotary Converter or Synchronous Converter In Hindi)
रोटरी कन्वर्टर को 'सिंक्रोनस कन्वर्टर' भी कहां जाता है। रोटरी कन्वर्टर एक एकल मशीन (single machine) है जो एसी को डीसी (ac to dc) में या डीसी को एसी (dc to ac) में तथा किसी प्राइम मूवर से चलाए जाने पर एसी और डीसी दोनो प्रदान कर सकती है।
Synchronous Converter In Hindi |
- रोटरी कन्वर्टर का उपयोग केवल तब किया जाता है जब उच्च डीसी पावर (high dc power) की आवश्यकता हो क्योंकि यह 600–1200 तक डीसी प्रदान कर सकता है।
- रोटरी कन्वर्टर सिंक्रोनस मोटर और डीसी जनरेटर का संयुक्त रूप होता है जिसमे एक आर्मेचर तथा एक फील्ड होता है।
- रोटरी कन्वर्टर 1Φ, 3Φ, 6Φ, 12Φ तक उपलब्ध है। 1Φ रोटरी कन्वर्टर का सामान्यतः उपयोग नहीं करते है। सबसे ज्यादा उपयोग 3Φ और 12Φ का करते है। इसे 3Φ रोटरी कन्वर्टर और 12Φ मोटर कन्वर्टर के नाम से जाना जाता है।
रोटरी कन्वर्टर की संरचना (Construction Of Rotary Converter)
एक रोटरी कन्वर्टर की सामान्य संरचना डीसी मशीन या डीसी जनरेटर के समान होती हैं।
समान क्षमता के डीसी जनरेटर की अपेक्षा रोटरी कन्वर्टर में कम्यूटेटर और आर्मेचर बड़े होते है। तथा इनमे कम्यूटेशन सुधार हेतु इंटरपोल भी होते है।
इसमें दोलन (hunting) को दूर करने के लिए ध्रुव फलक (pole face) पर डैंपर (damper) भी लगे होते हैं।
समान्तर पथों की संख्या पोल की संख्या के बराबर होती है अतः आर्मेचर में समान विभव बिंदुओं (same potential point) की संख्या पोल के जोड़े (pair of pole) के बराबर होती है। आर्मेचर में लैप वाइंडिंग होती है।
प्रत्येक स्लिप रिंग (slip ring) से ली गई टैपिंग (tapping) की संख्या पोल के जोड़े के बराबर होता है।
यदि Cosθ पावर फैक्टर (power factor) इकाई (unity) हो तो विभिन्न फेजो पर डीसी धाराओं और एसी धाराओं का अनुपात—
एक रोटरी कन्वर्टर में यदि पावर फैक्टर इकाई हो तो डीसी धारा के सापेक्ष एसी धारा का मान क्या होगा? जब रोटरी कन्वर्टर 3Φ हो— 0.943
रोटरी कन्वर्टर का उपयोग (Uses Of Rotary Converter)
1. रोटरी कन्वर्टर में यदि स्लिप रिंग साइड (slip ring side) से एसी प्राप्त करे तो यह अल्टरनेटर (alternator) की भांति कार्य करता है।
2. यदि कम्यूटेटर साइड (commutator side) से डीसी प्राप्त करे तो यह डायनमो (dynamo) की भांति कार्य करेगा अतः यह एक डीसी जनरेटर की तरह कार्य करेगा।
3. यदि एसी और डीसी दोनो प्राप्त करे तो यह डबल करेंट जनरेटर कहां जाता है।
4. यदि यह एसी को डीसी करे तो सिंक्रोनस कन्वर्टर या रोटरी कन्वर्टर कहां जाता है।
5. यदि यह डीसी को एसी करे तो इनवर्टेड सिंक्रोनस कन्वर्टर (inverted synchronous converter) कहां जाता है।
6. यदि यह मैकेनिकल मशीन (mechanical machine) की तरह कार्य करे तो इसे मैकेनिकल रेक्टिफायर (mechanical rectifier) कहां जाता है।
7. यदि इसे फ्रीक्वेंसी परिवर्तक की तरह काम में ले तो यह AFD/VFD की भांति कार्य करता है। (AFD— Adjasting Frequency Drive & VFD— Variable Frequency Drive)
8. रोटरी कन्वर्टर को कन्वर्टर, इन्वर्टर और फ्रीक्वेंसी चेंजर (परिवर्तक) के रूप में काम में ले सकते है।
रोटरी कन्वर्टर का लाभ (Advantage Of Rotary Converter)
(i) रोटरी कन्वर्टर एकल मशीन है। अर्थात यह केवल एक ही मशीन का सेट होता है।
(ii) रोटरी कन्वर्टर को कम स्थान की आवश्यकता होती है।
(iii) जनरेटर की तुलना में रोटरी कन्वर्टर का पावर फैक्टर उच्च होता है।
(iv) रोटरी कन्वर्टर के अनुरक्षण की आवश्यकता नहीं होती है।
रोटरी कन्वर्टर की हानियां (Disadvantage Of Rotary Converter)
(A) रोटरी कन्वर्टर के प्रचालन में शोर होता है।
(B) रोटरी कन्वर्टर की दक्षता कम होती है परन्तु मोटर–जनरेटर सेट (MG Set) की तुलना में रोटरी कन्वर्टर की दक्षता उच्च होती है।
(C) रोटरी कन्वर्टर महंगा होता है तथा ओवरलोड सहन नही कर पाता है।
(D) रोटरी कन्वर्टर का एसी शक्ति गुणक अच्छा होता है।
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