1. सीधा धारावाही चालक (Current Carrying Straight Conductor):— एक धारावाही चालक के चारो ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है क्षेत्र चालक के चारो ओर इस प्रकार व्यवस्थित होता है जिससे पाशों की श्रृंखला निर्मित होती है।
चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा धारा प्रवाह की दिशा पर निर्भर करती है एक कम्पास सुई को यदि तार के चारो ओर ले जाया जाए तो यह बल रेखाओं के अनुदिश हो जायेगी।
सीधा धारावाही चालक में चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा तथा धारा की दिशा ज्ञात करने के लिए निम्न नियम है जिनके बारे में आगे जानकारी दी जा रही है।
(i) राइट हैंड रूल या राइट हैंड ग्रीप रूल (right hand rule/right hand grip rule)
(ii) कार्क रूल (carc rule)
(iii) स्क्रू रूल (screw rule)
A. राइट हैंड ग्रीप नियम (Right Hand Grip Rule):— चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात करने के लिए दाहिने हाथ का प्रहस्तन नियम (grip rule) प्रयोग में लाया जाता है।
यदि तार को दाहिने हाथ से पकड़ा जाए और अंगूठा धारा की दिशा में हो तो अंगुलिया चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को बताती है।
- अंगूठा— धारा प्रवाह की दिशा को बताती है
- मुड़ी हुई अंगुलिया— चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को बताती है
कार्क नियम या स्क्रू नियम (Carc Rule or Screw Rule):— जब ढक्कन को कसते है तो ढक्कन अन्दर जाता है, जब ढक्कन को खोलते है तो ढक्कन बाहर आता है। यह स्थिती धारा प्रवाह की दिशा को प्रदर्शित करती है।
ढक्कन को कसने तथा खोलते समय ढक्कन जिस स्थिती में था जिस दिशा में घूमता है वह चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करता है।
यदि समान दिशा में धारा प्रवाह है तो चालकों के बीच आकर्षण बल लगेगा क्योंकि चुम्बकीय बल रेखाएं जुड़ जाती है।
यदि असमान दिशा में धारा प्रवाह है तो चालकों के बीच प्रतिकर्षण बल लगेगा।
- समान धुव्रता— प्रतिकर्षण
- विपरीत धुव्रता— आकर्षण
सीधे धारावाही चालक का चुम्बकीय क्षेत्रफल:— सीधे धारावाही चालक का चुम्बकीय क्षेत्र तार में से प्रवाहित धारा के समानुपाती और चालक से दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
चुम्बकीय क्षेत्र (B)∝ धारा/दूरी या B∝ i/r
चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित धारावाही चालक पर बल:— चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित धारावाही चालक पर लगने वाला बल।
F= B.L.I.Sinθ न्यूटन
लूप (loop) का चुम्बकीय क्षेत्र:— लूप का चुम्बकीय क्षेत्र केंद्रीय भाग में बहुत ज्यादा सघन होता है।
जिस दिशा में धारा लूप के अन्दर घुसती है वह साउथ (south) दिशा तथा जिस दिशा से धारा लूप के बाहर निकलती है वह नॉर्थ (north) दिशा होता है, वैसे भी धारा चुम्बक के अन्दर साउथ से नॉर्थ चलती है।
वृत्ताकार धारावाही क्वायल के केंद्र पर चुम्बकीय क्षेत्र:— वृत्ताकार धारावाही क्वायल के केंद्र पर चुम्बकीय क्षेत्र।
चुम्बकीय क्षेत्र (B)= μ०.N.I/2r
- जहां μ०= चुम्बकशीलता
- N= टर्न की संख्या
सोलेनॉइड (Solenoid) का चुम्बकीय क्षेत्र:— हेलिक्स (helix) नामक वैज्ञानिक ने इस राइट हैंड प्लम रूल (right hand palm rule) का प्रतिपादन किया इसलिए इसे हेलिक्स रूल कहते है।
यदि सीधा हाथ सोलेनॉइड (soleniod) पर रखे तो अंगूठा हमेशा उत्तरी ध्रुव को प्रदर्शित करेगा तथा अंगुलिया धारा की दिशा को।
इस नियम का उपयोग सोलेनॉइड में चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात करने के लिए करते है। इसे एंड रूल (end rule) भी कहते है।
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