टाइम बेस सिग्नल को sawtooth waveform के नाम से भी जाना जाता है।
टाइम बेस सिग्नल को उत्पन्न करने के लिए टाइम बेस परिपथ (time base circuit) का प्रयोग किया जाता है।
Time Base Signal In Hindi |
टाइम बेस तरंगों की आवश्यकता कहां पड़ती है? (Need Of Time Base Waveform):— टाइम बेस तरंगों की आवश्यकता निम्नलिखित स्थानों पर पड़ती है।
1. कैथोड रे ऑसिलोस्कोप में (Cathode Ray Oscilloscope या CRO):— कैथोड रे ऑसिलोस्कोप एक इलेक्ट्रॉनिक्स यंत्र (electronics instruments) होता है। जिस पर किसी भी तरंग का तरंगाकर (wave shape) देखा जा सकता है। कैथोड रे ऑसिलोस्कोप में क्षैतिज (horizontal) और ऊर्ध्वाधर (vertical) दो विचलन प्लेट होती है इन प्लेटों पर वोल्टता आरोपित करके एक इलेक्ट्रॉन बीम कैथोड रे ऑसिलोस्कोप के पर्दे (screen) से टकराती है तथा तरंग की तरंगाकार दिखाई देती हैं।
कैथोड रे ऑसिलोस्कोप की ऊर्ध्वाधर प्लेट पर इनपुट सिग्नल प्रदान करते है। क्षैतिज प्लेट पर एक ऐसा सिग्नल आरोपित (signal apply) करने की आवश्यकता होती है जिसका मान समय के साथ रेखीय रूप से बढ़ता रहे ताकि कैथोड रे ऑसिलोस्कोप की एक्स एक्सिस (x axis) को समय अक्ष (time axis) बनाया जा सके। इसलिए कैथोड रे ऑसिलोस्कोप की क्षैतिज प्लेट पर टाइम बेस सिग्नल या स्वीप सिग्नल (sweep signal) को आरोपित किया जाता है।
2. आवृत्ति काउंटरो में (In Frequency Counters):— आवृत्ति काउंटर में इनपुट आवृत्ति को एक निश्चित समय के लिए काउंटर (counter) में गेट किया जाता है। अतः टाइम बेस परिपथ द्वारा टाइमिंग सिग्नल दिया जाता हैं। इस टाइमिंग सिग्नल द्वारा गेट को खुला करने, गेट को बंद करने तथा आवृत्ति को स्टोर करने के लिए टाइमिंग प्रदान की जाती है। अतः आवृत्ति काउंटर की एक्यूरेसी (accuracy) टाइम बेस सिग्नल की एक्यूरेसी (accuracy) पर निर्भर करती है।
3. टेलीविजन में (In Television):— किसी भी पिक्चर में लाइट की तीव्रता (light intensity) तथा रंग में परिवर्तन होता है जो पिक्चर की लंबाई और चौड़ाई (length and width) (अर्थात space) में फैला होता है। किन्तु इन्हे एक स्थान से दूसरे स्थान पर संचारित (transmit) करने के लिए ऐसे विद्युतीय सिग्नल में बदलने की आवश्यकता होती है जो समय के साथ परिवर्तित (vary) नही होती। इसके लिए स्कैनिंग (scanning) का प्रयोग किया जाता है।
स्कैनिंग की प्रक्रिया पिक्चर के बाए (left) से प्रारम्भ होती हैं तथा दाएं में अंतिम अवयव पर पहुंचती है तथा पुनः तेजी से बाएं की ओर लौट आती हैं। यह कैमरा ट्यूब क्षैतिज तथा ऊर्ध्वाधर प्लेट प्रक्रिया पर स्वीप तरंग प्रयुक्त करने से ही सम्भव हो पाती हैं।
इसी प्रकार टीवी रिसीवर पर विद्युत सिग्नल प्राप्त होता है जो समय के साथ परिवर्तित होता है।
इसको स्पेस (space) में परिवर्तित करने वाले लाइट संकेत में परिवर्तन करने के लिए फिर से स्वीप तरंग (sweep wave) का प्रयोग करना पड़ता है।
टाइम बेस सिग्नल की विशेषता (Special Feature Of Time Base Signal):— एक व्यावहारिक टाइम बेस सिग्नल संधारित्र के आवेशन और अनावेशन (charging and discharging) से उत्पन्न किया जाता है।
संधारित्र का आवेशन और अनावेशन रेखीय (linear) नही होता है। संधारित्र का आवेशन और अनावेशन चरघातांकी (exponential) होता है। एक व्यवहारिक टाइम बेस सिग्नल चित्र में दिखाया गया है। टाइम बेस सिग्नल का मान भी V० से Vm तक बढ़ता है तथा फिर तुरंत V० तक पहुंच जाता है।
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