इस रिले में ऑन–ऑफ नियंत्रण (on–off control) करने वाली इकाई को solid-state कहा जाता है। सॉलि़ड स्टेट रिले इकाई में पावर ट्रांजिस्टर (power transistor), एससीआर (scr) और ट्रायक (triac) अर्द्धचालक युक्तियों का प्रयोग किया जाता है।
Solid State Relay In Hindi |
सॉलिड स्टेट रिले का ब्लॉक डायग्राम (Block Diagram Of Solid State Relay):— चित्र के माध्यम से सॉलिड स्टेट रिले का ब्लॉक डायग्राम नीचे दिखाया गया है। एक सॉलिड स्टेट रिले में निम्नलिखित भाग होते है।
Solid State Block Diagram |
1. इनपुट (Input):— सॉलि़ड स्टेट रिले के इनपुट में ऑप्टिकल विच्छेदक के साथ श्रेणी में लगा हुआ साधारण प्रतिरोधक, रिवर्स पोलेरिटी (reverse polarity) सुरक्षा के साथ डीसी सप्लाई दिया जाता है।
2. ऑप्टिकल आइसोलेशन (Optical Isolation):— ऑप्टिकल आइसोलेशन को इनपुट व आउटपुट (input and output) के मध्य आइसोलेशन (isolation) के लिए प्रयोग किया जाता है।
3. ट्रिगर परिपथ (Trigger Circuit):— सॉलिड स्टेट रिले में ट्रिगर परिपथ आउटपुट में आवश्यकतानुसार परिवर्तन के लिए प्रयोग किया जाता है।
4. स्विचिंग परिपथ (Switching Circuit):— सॉलिड स्टेट रिले में परिपथ क्रियाविधि को पूर्ण करने के लिए स्विचिंग परिपथ का प्रयोग किया जाता है।
5. संरक्षण सर्किट (Protection Circuit):— संरक्षण सर्किट नियंत्रण परिपथ और पावर परिपथ को संरक्षण प्रदान करता है।
सॉलिड स्टेट रिले की कार्यप्रणाली (Working Principle Of Solid State Relay):— सॉलिड स्टेट रिले में solid-state components होते हैं। सॉलिड स्टेट रिले में इनपुट डिवाइस के रूप में एलईडी और ट्रांजिस्टर तथा आउटपुट डिवाइस के रूप में पावर डिवाइस जैसे– पावर ट्रांजिस्टर, थायरिस्टर या ट्रायक का प्रयोग किया जाता है।
इनपुट तथा आउटपुट के मध्य आइसोलेशन का कार्य ट्रांसफार्मर या ऑप्टिकल कपलर के द्वारा किया जाता है। ट्रांसफार्मर आइसोलेशन परिपथ को डीसी इनपुट द्वारा चलाया जाता है जिससे पल्स ट्रांसफॉर्मर द्वारा ट्रायक को ट्रिगर पल्स दी जाती है। ट्रिगरिंग पल्स द्वारा ट्रायक को ऑन किया जाता है। ऑप्टिकल आइसोलेशन में जब एलईडी को इनपुट दिया जाता है तो एलईडी द्वारा लाइट उत्सर्जित होती है। इस उत्सर्जित लाइट को ऑप्टिकल सेंसर द्वारा पता लगाया जाता है तथा एम्प्लीफायर (amplifier) द्वारा एंप्लीफाई (amplify) किया जाता है। एम्प्लीफाइड सिग्नल ट्रिगरिंग परिपथ को ट्रायक की ट्रिगरिंग के लिए दिया जाता हैं। जिससे लोड चालू हो जाता है।
सॉलि़ड स्टेट रिले का उपयोग दूरसंचार, डाटा संचार और सुरक्षा प्रणालियों में किया जाता है।
सॉलिड स्टेट रिले का लाभ (Advantage Of Solid State Relay):— सॉलिड स्टेट रिले के लाभ की जानकारी नीचे दी गई है।
(A) सॉलिड स्टेट रिले का जीवनकाल अधिक (long life) होता है।
(B) सॉलिड स्टेट रिले की विश्वसनीयता अधिक होती है।
(C) सॉलिड स्टेट रिले में विद्युतीय आइसोलेशन अच्छा होता है।
(D) सॉलिड स्टेट रिले अधिक फ्लैक्सिबल (flexible) होता है।
(E) सॉलिड स्टेट रिले में रेडियो आवृत्ति व्यतिकरण कम होता है।
सॉलिड स्टेट रिले की हानियां (Disadvantage Of Solid State Relay):— सॉलिड स्टेट रिले की हानियां निम्नलिखित है।
(i) सॉलिड स्टेट रिले में लीकेज धारा ज्यादा प्रवाहित होती है।
(ii) सॉलिड स्टेट रिले में वोल्टता पतन (voltage drop) अधिक होता है।
(iii) सॉलिड स्टेट रिले में कॉन्टैक्ट व्यवस्था बहुत ज्यादा होती है।
सॉलिड स्टेट रिले का उपयोग (Uses Of Solid State Relay):— सॉलिड स्टेट रिले का उपयोग निम्नलिखित स्थानों पर किया जाता है।
(A) सॉलिड स्टेट रिले का उपयोग दूरसंचार में किया जाता हैं।
(B) सॉलिड स्टेट रिले का उपयोग डाटा संचार में किया जाता हैं।
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