Testing of wiring in hindi |
1. इन्सुलेशन रेजिस्टेंस टेस्ट (Insulation resistance test)— यह टेस्ट वायरिंग के साथ-साथ वाइंडिंग (winding), मोटर (motor), ट्रांसफॉर्मर (transformer) और जनरेटर (generator) में भी किया जाता है।
- इंसुलेशन प्रतिरोध हमेशा मैगर (magger) से नापा जाता है। तथा मैगर से जांच करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि परिपथ की मेन सप्लाई ऑफ (off) होनी चाहिए।
- इंसुलेशन प्रतिरोध का मान (value) हमेशा मेगा ओह्म (MΩ) में दिया जाता है।
- इंसुलेशन प्रतिरोध टेस्ट करते समय हमेशा डीसी का प्रयोग करते हैं।
इंसुलेशन प्रतिरोध चालकों से चालकों के बीच और चालकों से ग्राउंड के बीच निम्नलिखित तरीके से टेस्ट किया जाता है।
(i) परिपथ के दो बिंदुओं को 50 से विभाजित करने पर जो मान आता है, वह इंसुलेशन प्रतिरोध का मान कहलाता है।
(ii) सप्लाई वोल्टेज में लीकेज करंट का भाग देने पर जो मान आता है, इंसुलेशन प्रतिरोध का मान उससे अधिक होना चाहिए।
(iii) थंब नियम (Thumb rule)— जब मैगर से डायरेक्ट माप (direct measurement) लेते हैं, तो इसका मान 1 मेगा ओह्म (1 MΩ) से अधिक होना चाहिए।
2. कंटीन्यूटी टेस्ट (Continuty test)— इसे ओपन सर्किट टेस्ट (open circuit test) भी कहा जाता है इस टेस्ट से ज्ञात किया जाता है की सर्किट कही ओपन तो नही है।
3. ध्रुवता टेस्ट (Polerity Test)— इस टेस्ट में यह देखा जाता है फेज तार स्विच से कंट्रोल है या नहीं?
4. अर्थ कंटीन्यूटी टेस्ट (Earth continuty test)— इस टेस्ट से यह पता लगाया जाता है की वायरिंग में अर्थिंग प्रॉपर (earthing proper) है की नही।
वायरिंग में कौन–कौन सी टेस्ट की जाती है? (Wiring test in hindi)— इस आर्टिकल में हमने जाना की वायरिंग में कौन–कौन सी टेस्ट की जाती है। इसी प्रकार की इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग से संबंधित आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारी ब्लॉग वेबसाइट को जरूर फॉलो करे और अपने दोस्तो के साथ भी जरूर शेयर करे।
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