इलेक्ट्रीशियन के कर्तव्य— एक इलेक्ट्रीशियन के कर्तव्य के बारे में नीचे दिया गया है एक अच्छे इलेक्ट्रीशियन को सदैव इनका पालन करना चाहिए जिससे की वह कार्यस्थल पर बिना किसी दुर्घटना के काम कर सके तथा अपनी और दुसरो के जान की रक्षा कर सके।
1. एक इलेक्ट्रीशियन को कार्यशाला या फैक्टरियों में कार्य करने से पूर्व सुरक्षा सावधानियों के बारे में अवश्य जानना चाहिए।
2. औद्योगिक प्रतिष्ठानो की कार्यशालाओं, बिजली उत्पादन केंद्र, वितरण केन्द्र के बारे में सही जानकारी रखना चाहिए।
3. विद्युत यंत्रों, मशीनों की फिटिंग की अच्छी जानकारी रखना चाहिए।
4. घरेलू विद्युत उपकरण जैसे पंखा, गीजर, कूलर, प्रेस, फ्रिज, टोस्टर, हीटर की वाइंडिंग के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए।
5. विद्युत मोटरो, ट्रांसफार्मर, माइक्रोफोन, स्विच गियर और प्रकाश फिटिंग के बारे में जानकारी रखनी चाहिए।
6. बैटरियो की चार्जिंग, मरम्मत व रखरखाव के बारे में जानना चाहिए।
7. विद्युत मशीनों के स्टार्टर, समरसेबल पम्प, जेट पम्प, अल्टरनेटर, डीसी जनरेटर की मरम्मत की जानकारी रखनी चाहिए।
8. विद्युत यंत्र मैगर, अर्थ टेस्टर, वॉटमीटर, फ्रीक्वेंसी मीटर, पावर फैक्टर मीटर और ऊर्जा मीटर की मरम्मत, प्रचालन और दोष को सही करने की जानकारी होनी चाहिए।
9. इलेक्ट्रोनिक्स परिपथो की जानकारी और पैनल का संचालन के बारे में जानकारी रखनी चाहिए।
एक इलेक्ट्रीशियन को रोजगार पाने के कहा–कहा अवसर होते है।
एक इलेक्ट्रीशियन एनसीवीटी (N.C.V.T) दो वर्षीय कोर्स करने के बाद निम्नलिखित स्थानों पर रोजगार पा सकता है।
1. एक अच्छा इलेक्ट्रीशियन सभी प्रांतों के विद्युत बोर्ड में रोजगार पा सकता है।
2. भारतीय रेलवे में भी एक इलेक्ट्रीशियन के लिए रोजगार के बहुत अवसर होते है।
3. सार्वजनिक/लिमिटेड फैक्टरियों, भारत सरकार के उपक्रम, शासकीय, अर्ध शासकीय सेवा क्षेत्रों में रोजगार के अवसर इलेक्ट्रीशियन के लिए हमेशा उपलब्ध रहते है।
4. एक इलेक्ट्रीशियन के लिए रोजगार के अवसर स्विच गियर बनाने वाली फैक्टरियों, व्हीकल की वायरिंग व ऑटोमोबाइल वर्कशॉप में भी रहती है।
5. एक इलेक्ट्रीशियन के लिए रोजगार के अवसर लैंप बनाने वाली फैक्टरियों, होटलों, रिसॉर्ट, नर्सिंग होम, बड़े कॉम्प्लेक्स और सिनेमाघरों में भी रहती है।
व्यावसायिक कोर्स के बाद स्वरोजगार की क्या संभावनाएं रहती है।
इलेक्ट्रिकल और इलैक्ट्रानिक्स के बारे में अच्छी जानकारी प्राप्त करके व्यक्ति अपना खुद का स्वरोजगार शुरू (start) कर सकता है। इस प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षु निम्न स्वरोजगार स्थापित कर सकता है।
1. स्वयं का विद्युत सामग्री (electrical materials) का व्यवसाय स्थापित कर सकता है।
2. पंखों, कूलरो, विद्युत घरेलू उपकरणों की सप्लाई व मरम्मत का केंद्र स्थापित कर सकता है। तथा धनोपार्जन कर सकता है।
3. ट्यूबलाइट के चोक व छोटे ट्रांसफार्मर बना कर अच्छा पैसा कमा सकता है।
4. शादियों व जन्मदिन कार्यक्रमों में लाइट डेकोरेशन का कार्य कर सकता है तथा अपना खुद का रोजगार स्टार्ट कर सकता है।
5. विद्युत यंत्रों की मरम्मत का कार्य सीख कर भी स्वरोजगार स्थापित कर सकता है।
इलेक्ट्रीशियन का N.C.V.T दो वर्षीय प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद क्या–क्या योग्यता प्राप्त कर सकते है।
1. इलेक्ट्रीशियन का N.C.V.T दो वर्षीय प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद भारतीय नियम के अनुसार वायरिंग करना सीख सकते है।
2. भारतीय विद्युत नियम के अनुसार ओवरहेड लाइन का कार्य करना सीख सकते है तथा I.E नियमानुसार अर्थिंग करना सीख सकते है।
3. भारतीय मानक ब्यूरो BIS के अनुसार चिन्हों, संकेतो की जानकारी प्राप्त कर सकते है।
4. सभी प्रकार की घरेलू वायरिंग, सभी प्रकार की मशीनों की रिवाइंडिंग (rewinding) केबल को जोड़ना व स्थापित करना सीख सकते है।
5. ट्रांसफार्मर, जनरेटर, तीन फेज मोटर, अल्टरनेटर, एक फेज मोटर की वाइंडिंग मरम्मत तथा रख रखाव के बारे में सीख सकते है।
6. इलेक्ट्रोनिक्स डायोड, कैपेसिटर, ट्रांजिस्टर, और थायरिस्टर की पहचान, टेस्टिंग, उपयोग तथा खराब होने के बाद इसको कैसे बदल सकते है इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण टॉपिक नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके जरूर पढ़े।
Please do not enter any spam link in the comment box. All the comments are Reviewed by Admin.