रेती (File) का चित्र |
रेती हाथ से प्रयोग किया जाने वाला एक ऐसा औजार है जिसकी सहायता से धातु को आसानी से फिनिश कर सकते हैं या किसी धातु की मोटाई को कम कर सकते हैं। रेती वर्कपीस (workpiece) से अतिरिक्त मटेरियल (materials) हटाने के काम आता है। वर्कपीस से मटेरियल हटाने के लिए उसके ऊपर रेती को घिसा जाता है और अतिरिक्त मटेरियल को हटाया जाता है। रेती फिटर का मुख्य औजार है लेकिन इलेक्ट्रीशियन के द्वारा भी इसे काम में लिया जाता है।
रेती (फाइल) फिनिशिंग कार्य के लिए उपयोग होता है।
रेती क्या होता है? (File in hindi)— रेती कटिंग टूल्स (cutting tools) की श्रेणी में आता है, तथा इसमें हार्डनेस (hardness) का गुण होता है। जिन धातुओं के कटिंग टूल्स बनते है उनमें हार्डनेस का गुण होता है। धातुओं में कुल 11 यांत्रिक गुण होते है। कटिंग टूल में ज्यादातर हाई स्पीड स्टील (high speed steel) का प्रयोग करते हैं। रेती का उपयोग फाइलिंग (filling) कार्य के लिए करते है, और फाइलिंग के लिए जिस भाग का उपयोग करते हैं उसे फेस (face) कहते है। कटिंग के लिए हाई स्पीड स्टील ज्यादातर प्रयोग करते हैं।
रेती के भाग (Parts Of File In Hindi)— एक सामान्य फाइल में निम्नलिखित भाग होते है।
फाइल के भाग का चित्र |
(A). टिप या प्वाइंट (Tip or Point)— यह रेती का अन्तिम सिरा होता है, जोकि ज्यादातर टेपर होता है।
(B) फेस (Face)— यह रेती का वह चौड़ा भाग होता है जिस पर दातें कटी होती है यह रेती का मुख्य भाग होता है।
(C) हील (Heel)— यह फाइल का वह चौड़ा भाग होता है जिस पर दातें नही कटी होती है।
(D) शोल्डर (Shoulder)— यह फाइल का वह भाग होता है जो फाइल और बॉडी को आपस में जोड़ने का कार्य करता है।
(E) टैंग (Tang)— रेती का वह भाग जो संकीर्ण और पतला होता है तथा हैंडल में लगता है टैंग कहलाता है। यह फाइल का वह भाग होता है जिसपर हैंडल (handle) को चढ़ाया जाता है। यह रेती का सबसे नर्म भाग होता है।
(F) फेरूल (Ferrule)— हैंडल को फटने से बचाने के लिए उसके आगे एक धातु का छल्ला लगा दिया जाता है इस धातु के छल्ले को फेरूल कहते है रेती का टैंग इसी के अंदर डाला जाता है।
(G) हैंडल (Handle)— वह भाग जो टैंग में लगा होता है और पकड़ने तथा फाइल को प्रयोग करते समय काम में आता है, हैंडल कहलाता है। यह प्लास्टिक या लकड़ी का बना होता है। हैंडल का उपयोग रेती को पकड़ने के लिए किया जाता है।
(H) किनारा (Edge)— रेती का पतला भाग जिसमे समांतर दांतो की एक सरल पंक्ति होती है किनारा कहलाता है।
रेती का वर्गीकरण (Classification Of File)— फाइल का वर्गीकरण निम्नलिखित आधारों पर किया जाता है।
1. लंबाई के आधार पर— लंबाई में वह भाग शामिल होता है जो फिनिशिंग (finishing) का कार्य करता है। टिप (tip) से लेकर हील (heal) तक की लंबाई को रेती की लंबाई के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
रेती 100mm से लेकर 300mm तक हो सकती है। इनके बीच में 50–50mm का अनुपात (ratio) चलता है।
रेती 100mm–300mm तक यानी 100–150–200–250–300 तक उपलब्ध होती है।
2. ग्रेड के आधार पर— ग्रेड के आधार पर रेती निम्नलिखित प्रकार की होती है।
(i). रूक्ष रेती (Rough File)— जब अधिक पदार्थ शीघ्रता से हटाना हो तो रूक्ष रेती का उपयोग किया जाता है।
(ii). बेस्टर्ड रेती (Besterd File)— साधारण कार्य की फाइलिंग हेतु बेस्टर्ड रेती का उपयोग किया जाता है।
(iii). सेकेंड कट रेती (Second Cut File)— उत्तम यथार्थता व सफाई कार्य हेतु सेकेंड कट फाइल का उपयोग किया जाता हैं।
(iv). स्मूथ रेती (Smooth File)— जब कम पदार्थ को यथार्थता और सफाई से हटाना हो तो स्मूथ फाइल का उपयोग किया जाता हैं।
(v). फाइन स्मूथ रेती (Fine Smooth File)— उच्च कैटेगरी की सफाई हेतु इस रेती का प्रयोग करते हैं, इसमें बिल्कुल छोटे-छोटे दांत होते हैं।
3. कट के आधार पर — रेती के दांतो की लाइन कट का निर्धारण करती है। कट का निर्णय फाइलिंग में किए जाने वाले पदार्थ पर निर्भर करता है कट के आधार पर रेती निम्नलिखित प्रकार की होती है।
(i) सिंगल कट रेती (Single Cut File)— यह
रेती एक दिशा में कार्य करते समय फाइलिंग करती है। इसका कटिंग एंगल 60 डिग्री (60°) होता है। तथा इसका उपयोग मुलायम पदार्थ टीन, सीसा व एल्यूमीनियम की फाइलिंग में करते हैं।
सिंगल कट फाइल का चित्र |
(ii) डबल कट रेती (Double Cut File)— यह रेती दोनो दिशाओ में कार्य करती है। एक दिशा में दांतो का कोण 50° या 68° होता है। तथा दूसरी दिशा में 70° होता है।
कठोर पदार्थ की फाइलिंग हेतु डबल कट रेती का प्रयोग करते हैं। जैसे स्टील, पीतल, कांसा इत्यादि।
डबल कट फाइल का चित्र |
(iii) रास्प कट रेती (Rasp Cut File)— इस रेती में एक दिशा में व्यक्तिगत नुकीले पैने दांत होते हैं। यह हमेशा हाफ राउंड (half round) में ही मिलेगी इसका उपयोग लकड़ी और चमड़ा के कार्य में करते हैं।
रास्प कट फाइल का चित्र |
(iv) कर्व कट फाइल (Curve Cut File)— इसमें ग्राफ (graph) के आकार के दांत होते हैं।
इसमें गहरे कट होते हैं तथा यह हमेशा फ्लैट फाइल फॉर्मेट (flat file format) में ही मिलती है। इसका उपयोग सॉफ्ट मैटेरियल (soft materials) पर करते हैं। जैसे– प्लास्टिक, तांबा और टीन इत्यादि।
कर्व कट फाइल का चित्र |
4. फॉर्मेट/शेप (Format/Shape) के आधार पर— फॉर्मेट/शेप के आधार पर रेती निम्नलिखित प्रकार की होती है।
फॉर्मेट/शेप के आधार पर फाइल का चित्र |
(i) फ्लैट फाइल (Flat File)— फ्लैट फाइल आयताकार या सीधी–चपटी आकृति में होती है तथा सामान्य कार्य हेतु उपयोग की जाती हैं।
(ii) राउंड फाइल (Round File)— जब होल (hole) की फाइलिंग करनी हो तो गोल रेती काम में लेते हैं। यह सामान्यतः होल की फाइलिंग हेतु उपयोग की जाती है।
(iii) हॉफ राउंड (Half Round)— हॉफ साइड से जब राउंड को गोल करना हो तो अर्ध गोलाकार रेती का प्रयोग करते हैं।
(iv) त्रिभुजाकर फाइल (Tringular File)— जब वी आकृति (V shape) की फाइलिंग करनी हो या कॉर्नर की फाइलिंग करनी हो तब त्रिभुजाकर फाइल का उपयोग किया जाता है।
(v) स्क्वायर फाइल (Square File)— जब वर्गाकार आकृति में फाइलिंग करनी हो तब स्क्वायर फाइल का उपयोग किया जाता है।
रेती का प्रयोग करते समय रखी जाने वाली आवश्यक सावधानियां— रेती का प्रयोग करते समय निम्नलिखित सावधानियो का ध्यान रखना चाहिए—
(A) बिना हैंडल वाली रेती का प्रयोग नही करना चाहिए।
(B) रेती का प्रयोग करते समय ये ध्यान रखना चाहिए की हैंडल पर ग्रीस या कोई जैली (फिसलने वाला पदार्थ) नही लगा होना चाहिए।
(C) आवश्यक कार्य के अनुसार ही रेती का चयन करना चाहिए।
(D) रेती के दांत अगर ज्यादा घिस गए है तो, नई रेती का इस्तेमाल करना चाहिए।
रेती का उपयोग (Uses Of File)— रेती का उपयोग फिनिशिंग कार्य, जॉब की सतह से अतिरिक्त मेटल को हटा कर उसे फिनिशिंग (सुन्दरता) प्रदान करने में करते है।
प्रश्न:— रेती (file) बनाने के लिए किस धातु का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:— रेती बनाने के लिए हाई स्पीड स्टील (high speed steel) का प्रयोग किया जाता हैं।
महत्वपूर्ण टॉपिक:—
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