"छेनी के कार्य करने की प्रक्रिया को चिपिंग (chipping) कहा जाता है। या छेनी के द्वारा किसी मेटल को काटना चिपिंग या कटिंग (cutting) कहलाता है।"
Chisel & It's Types In Hindi |
या
"जॉब की सतह से अतिरिक्त धातु को हटाने की प्रक्रिया चिपिंग या कटिंग (chipping or cutting) कहलाता है।"
चिपिंग के बाद फिनिशिंग (finishing) के लिए रेती का उपयोग किया जाता है, चिपिंग समय की बचत करता है।
छेनी के साथ सदैव एक अतिरिक्त टूल हथौड़ा (hammer) की आवश्यकता होती है।
- छेनी रफ कार्य (rough work) करने के काम आता है जबकि रेती (file) फिनिशिंग करने के काम आता है।
- छेनी मोटे तौर पर चीजों को हटाने के काम में आता है।
- छेनी उच्च कार्बन स्टील (high carbon steel) या क्रोमियम बेनेडियम स्टील की बनी होती है।
- कटिंग धातुएं ऐसी होनी चाहिए जो खुद बिना कटे व घिसे दूसरे मेटल को काट दे ऐसा उनका गुण कठोरता (hardness) का गुण कहलाता है।
- छेनी का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल या परिच्छेद षटकोण (hexagonal) या अष्टकोण होता है।
- लकड़ी पर काम करने के लिए उपयोग की जाने वाली छेनियों को रुखानी कहा जाता हैं।
- छेनी हाथ से उपयोग किया जाने वाला एक औजार है जिसका उपयोग फर्नीचर बनाने में, लोहे की तार & चादर काटने में तथा पत्थर की मूर्तियां बनाने और धातु का कार्य करने में किया जाता है।
छेनी के भाग (Parts of chisel)— एक छेनी में निम्नलिखित भाग होते है जिसके बारे में चित्र के माध्यम से दिखाया गया है।
Parts of Chisel in Hindi |
छेनी के प्रकार (Types of chisel in hindi)— छेनी को दो भागों में बाटा गया है।
(i) ठंडी छेनी (cold chisel)
(ii) गर्म छेनी (hot chisel)
1. ठंडी छेनी (Cold chisel)— इस छेनी का उपयोग सीट मेटल को काटने तथा फिटर वर्कशॉप में (fitter workshop) में करते है।
कोल्ड चिजल का उपयोग ठंडी अवस्था में चिपिग और कटिंग में करते है, इसका कटिंग एंगल हटाए जाने वाले पदार्थ पर निर्भर करता है।
- हाई कार्बन स्टील (high carbon steel)— 65°
- कॉस्ट आयरन (cost iron)— 60°
- माइल्ड स्टील (mild steel)— 55°
- ब्रास (brass)— 50°
- कॉपर (copper)— 45°
- एल्यूमीनियम (aliminium)— 30°
2. गर्म छेनी (Hot chisel)— हॉट चिजल का उपयोग गर्म धातु को काटने में किया जाता है। जैसे– लोहार (blacksmith) के द्वारा उपयोग किया जाने वाला छेनी
इनका कटिंग एंगल 30° होता है। लोहार सर्वाधिक इसी छेनी का उपयोग करते हैं।
हॉट चिजल से कार्य करते समय छेनी को थोड़े–थोड़े समय पर ठंडे पानी में जरूर डालना चाहिए इससे छेनी का कटिंग एंगल सुरक्षित रहता है।
छेनी कितने प्रकार की होती है? (Chisel ke prakar)— छेनी कई प्रकार की होती है, जिनका विवरण नीचे विस्तार से दिया गया है।
(A) फ्लैट छेनी (Flat chisel)— बड़ी चपटी सतह को काटने में या वेल्डिंग रिजर्व (welding reserve) को हटाने में फ्लैट छेनी का प्रयोग किया जाता है।
फ्लैट छेनी का चित्र |
(B) क्रॉस कट छेनी (Cross cut chisel)— कर्व कट (curve cut) चाबी खांचा (key slot/की स्लॉट) को काटने के लिए क्रॉस कट चिजल का प्रयोग करते हैं।
क्रॉस कट छेनी का चित्र |
(C) हॉफ राउंड चिजल (Half round chisel)— उभरे भाग को काटने में हॉफ राउंड छेनी का उपयोग करते हैं।
हॉफ राउंड छेनी का चित्र |
(D) डायमंड प्वाइंट छेनी (Diamond point chisel)— डायमंड प्वाइंट छेनी का प्रयोग स्क्वायर कट (square cut) लगाने में किया जाता हैं।
डायमंड प्वाइंट छेनी का चित्र |
(E) वेब चिजल या पंचिंग चिजल (Web chisel punching chisel)— ड्रिलिंग के बाद मेटल को हटाने (remove) में वेब चिजल का प्रयोग करते हैं।
वेब छेनी का चित्र |
(F) मोर्टाइज छेनी (Mortise chisel)— कार्पेंटरी कार्य (carpantry work) में लकड़ी में आयताकार छेद (hole) करने में मोर्टाइज छेनी का प्रयोग करते है।
मोर्टाइज छेनी का चित्र |
(G) फर्मर छेनी (Fermer chisel)— इलेक्ट्रीशियन कार्य हेतु फर्मर छेनी का प्रयोग किया जाता है।
फर्मर छेनी का चित्र |
छेनी का उपयोग (Use of chisel in hindi)— छेनी का निम्नलिखित उपयोग है—
1. छेनी का उपयोग लोहे की चादर को काटने या जॉब की सतह से अतिरिक्त धातु को हटाने में किया जाता है।
2. ड्रिलिंग के बाद मेटल को हटाने (remove) के लिए छेनी का प्रयोग किया जाता हैं।
3. छेनी का उपयोग स्क्वायर कट लगाने, लकड़ी में आयताकार छेद करने में किया जाता है।
छेनी का प्रयोग करते समय रखी जाने वाली सावधानियां (Safety precautions during chipping work)—
1. चिपिंग करते समय आंखो पर चश्मा पहनना चाहिए ताकि चिपिंग के दौरान कोई चिप्स या लोहे का टुकड़ा उड़ कर आँख मे ना लगे।
2. जॉब वाइस के अंदर मजबूती के साथ बंधी होनी चाहिए तथा जॉब के नीचे लोहे की पेकिंग दे देनी चाहिए ताकि चोट लगाने से जॉब नीचे की ओर न जाए।
3. कटिंग एंगिल उन्नत होना चाहिए इससे छेनी का लाइफ टाइम बढ़ जाता है तथा काटने में आसानी रहती है।
4. चिपिंग के दौरान हथोड़े के फेस या छेनी के हैड पर कोई चिकनाई जैसे– ग्रीस, नहीं लगी होनी चाहिए।
5. चिपिंग करने वाले वर्क बेंच पर चिपिंग स्क्रीन लगी होनी चाहिए ताकि किसी दूसरे व्यक्ति को चिप्स न लग सके।
6. जहां चिपिंग करनी है वहा जॉब की मार्किंग लाइन साफ नजर आनी चाहिए ताकि चिपिंग कार्य सही से हो सके।
7. कार्य के अनुसार ही छेनी का चयन करना चाहिए।
8. चिपिंग के समय सेफ्टी गार्ड का प्रयोग करना चाहिए।
छेनी से संबंधित प्रश्न और उत्तर (Chisel questions & answer in hindi):—
प्रश्न:— छेनी को कितने भागो में बाटा गया है?
उत्तर— दो भागो में (cold chisel & hot chisel)
प्रश्न:— कार्पेंटरी कार्य में लकड़ी में आयताकार छेद (hole) करने के लिए किस छेनी का प्रयोग करते हैं?
उत्तर— मोर्टाइज छेनी
प्रश्न:— ड्रिलिंग के बाद मेटल को हटाने (remove) में किस छेनी का प्रयोग करते हैं?
उत्तर— वेब चिजल (web chisel)
प्रश्न:— स्क्वायर कट (square cut) लगाने के लिए किस छेनी का प्रयोग करते हैं?
उत्तर— डायमंड प्वाइंट छेनी (diamond point chisel)
प्रश्न:— लोहा काटने या जॉब की सतह से अतिरिक्त धातु को हटाने के लिए किसका उपयोग किया जाता है?
उत्तर— छेनी (chisel)
छेनी का क्या काम होता है? तथा छेनी कितने प्रकार की होती है? (What is chisel in hindi)— इस आर्टिकल में विभिन्न प्रकार की छेनी और उनके उपयोग के बारे में बताया गया है। यदि ये आर्टिकल आप लोगो को अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करे तथा आईटीआई इलेक्ट्रीशियन और पॉलीटेक्निक (इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग) से संबंधित आर्टिकल को पढ़ने के लिए हमारी ब्लॉग वेबसाइट को जरूर फॉलो करे धन्यवाद!
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