Electric Charge Types |
टैरिफ को प्रभावित करने वाले कारक— टैरिफ को प्रभावित करने वाले कारकों का विवरण नीचे दिया गया है।
(A) एनुअल फिक्स्ड चार्ज (annual fixed charge)
(B) एनुअल रनिंग चार्ज (annual running charge)
(C) व्यय ऊर्जा Kwh में
(D) उपभोक्ता का भार kwh या KVA
(E) भार की प्रकृति (घरेलू या औद्योगिक)
(F) लोड पावर फैक्टर (load power factor)
(G) लोड फैक्टर (load factor)
(H) डाइवर्सिटी फैक्टर (diversity factor)
टैरिफ का वर्गीकरण (Clafficiation of Tariff)— टैरिफ का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया गया है।
1. सरल टैरिफ (Simple Tariff)— उपभोक्ता द्वारा व्यय किया गया यूनिट या kwh के अनुसार शुल्क वसूला जाता है।
2. फ्लेट रेट टैरिफ (Flat Rate Tariff)— विभिन्न उपभोक्ता से उसके भार डायवर्सिटी गुणांक तथा भार की प्रकृति के आधार पर शुल्क लिया जाता है।
3. स्टेप रेट टैरिफ (Step Rate Tariff)— ऊर्जा व्यय को स्टेप में विभाजित किया जाता है, ऊर्जा व्यय बढ़ने पर शुल्क घटा दिया जाता है।
4. ब्लॉक रेट टैरिफ (Block Rate Tariff)— ऊर्जा व्यय को ब्लॉक में विभाजित किया जाता है। और ऊर्जा व्यय बढ़ने पर (अधिक ऊर्जा व्यय) शुल्क बहुत अधिक कर दिया जाता है।
5. टू पार्ट टैरिफ (Two Part Tariff)— इसमें टैरिफ को दो भागों में विभाजित किया जाता है।
(A) फिक्स्ड चार्ज (fixed charge)
(B) रनिंग चार्ज (running charge)
Total Charge= A × Kw + B × Kwh
- जहां A= maximum demand connected (load के अनुसार)
- B= प्रति kwh, rate कितनी थी
6. अधिकतम मांग टैरिफ (Maximum Demand Tariff)— उपभोक्ता के घर में maximum demand indicator लगाया जाता है जो KVA में पीक लोड (peak load) को दर्शाता है। KVA के अनुसार कुछ शुल्क वसूला जाता है जबकि शेष रनिंग कॉस्ट (running cost) लिया जाता है।
7. पावर फैक्टर टैरिफ (Power Factor Tariff)— इसमें भार के पावर फैक्टर के आधार पर चार्ज वसूला जाता है लो पावर फैक्टर (low power factor) से अधिक चार्ज (high charge) लिया जाता है तथा अधिक पावर फैक्टर (high power factor) से कम चार्ज (low charge) लिया जाता है।
यह उपभोक्ता को पावर फैक्टर सुधारने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दिया जाता है अर्थात उसे बाध्य किया जाता है कि वह पावर फैक्टर सुधारे अन्यथा ज्यादा चार्ज लिया जाएगा।
8. KWH तथा RKVAH टैरिफ (KWH And RKVAH Tariff)— पावर फैक्टर टैरिफ का यह संशोधित रूप है। इसमें भी बिल दो भागों में विभाजित रहता है पहला यूनिट के हिसाब से बिल देना होता है दूसरा पावर फैक्टर के हिसाब से बिल देना होता है।
- एक रिएक्टिव (reactive) KVAH इंडिकेटर (indicator) लगा होता है जो इंडक्टिव लोड (inductive load) में होने वाले लो पावर फैक्टर (low power factor) को रीड (read) करता है।
- इसमें 0.8 लैग (lag) पर मीटर सेट होता है इससे कम होने पर 0.01 pf के परिवर्तन के अनुसार चार्ज लगता है।
- Reactive Killo Volt Ampere Hour या RKVAH (रिएक्टिव किलो वोल्ट एम्पीयर आवर) यह प्रतिघाती शक्ति को माप रहा है और प्रतिघाती शक्ति उपभोक्ता के घर में इंडक्टिव लोड (inductive load) होता है तथा इंडक्टिव लोड के कारण पावर फैक्टर घटता है, इसमें उपभोक्ता के घर में दो मीटर लगाते हैं एक मीटर ऐसा होता है जो KWH का मापन करें तथा एक मीटर जो RKVAH का मापन करें।
9. औसत टैरिफ (Average Tariff)— इसमें लोड के पावर फैक्टर के अनुसार पूर्व निर्धारित दर पर ही टैरिफ वसूला जाता है।
10. थ्री पार्ट टैरिफ (Three Part Tariff)— यह चार्ज 3 प्रकार से लिया जाता है।
(A) फिक्स्ड चार्ज (fixed charge)— कनेक्शन (connection) के नाम पर आजीवन शुल्क।
(B) सेमी फिक्स्ड चार्ज (semi fixed charge)— अधिकतम डिमांड (maximum demand) के आधार पर शुल्क।
(C) परिवर्तनीय चार्ज (variable charge)— यूनिट (unit) के हिसाब से चार्ज।
11. ऑफ लोड टैरिफ (Off Load Tariff)— जिस समय भार कम हो तब उपभोक्ता द्वारा व्यय की गई ऊर्जा पर शुल्क कम लिया जाता है तथा उसी अतिरिक्त भार को किसी दूसरे उपभोक्ता को देकर चार्ज वसूल लिया जाता है।
12. ऋतु टैरिफ (sesional Tariff)— इसमें ऋतु के अनुसार चार्ज वसूला जाता है।
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