Tubelight In Hindi |
निम्न दाब पर भरा जाता है इसलिए इसका प्रचालन तापमान भी कम होता है, अतः कोल्ड कैथोड (cold cathode) की श्रेणी में आता है।
फ्लोरोसेंट ट्यूब की दक्षता 70 lum/watt या (60–65 lum/watt) होती है।
इस लैंप के 3 मुख्य भाग होते है।
1. ट्यूब (Tube)— ट्यूब क्राउन कांच (crown glass) की बनी होती है। तथा इसकी आन्तरिक सतह पर किसी फ्लोरोसेंट पदार्थ की कोटिंग होती है जिसपर प्रकाश का रंग निर्भर करता है।
कोटिंग करने का कारण यह होता है की निम्न दाब पारा (low pressure mercury) पराबैंगनी किरणें (ultra violet rays) उत्पन्न होती है जिन्हे दृश्य प्रकाश (visual light) में परिवर्तित करने हेतु कोटिंग की जाती है।
ट्यूब की लम्बाई समान्यतः 120cm होती है जिसे 40 वॉट का माना जाता है। इसके दोनो सिरे पर इलेक्ट्रोड होते हैं जिसे फिलामेंट भी कहा जाता है।
2. चोक (Choke)— ट्यूबलाइट का सबसे महंगा भाग चोक होता है, चोक के 2 कार्य होते है।
स्टार्टिंग हेतु उच्च वोल्टेज देना समान्यतः ट्यूब की रनिंग वोल्टेज (running voltage) लगभग 110–125V होती है लेकिन स्टार्टिंग के लिए लगभग 1100V की आवश्यकता होती है तथा उच्च करंट को नियंत्रित करना चोक का कार्य होता है। (जैसे ही ट्यूब स्टार्ट होती है तो बहुत ज्यादा करेंट चलती है इसलिए चोक उच्च धारा भी नियंत्रित करता है।
चोक को सदैव सीरीज (series) में संयोजित किया जाता है।
ट्यूबलाइट में हम (hum) की ध्वनि आती है, जिसे हमिंग (humming) भी कहते है। यह हमिंग की ध्वनि चोक से ही आती है। शॉर्ट (short)— ट्यूब को फ्यूज कर देगी, ओपन (open)— ट्यूब स्टार्ट नही होती है।
Fluorescent Tube |
3. स्टार्टर (Starter)— स्टार्टर का मुख्य कार्य चोक सर्किट को मेक और ब्रेक (make & break) करना होता है।
स्टार्टर चोक को जब make & break करता है तब चोक उच्च वोल्टेज देती है। स्टार्टर का कार्य ट्यूब को स्टार्ट करना है (यदि ट्यूब स्टार्ट हो चुकी है तो इसके बाद इसका कार्य समाप्त हो जाता है यदि इसे निकाल भी दिया जाए तो ट्यूब लगातार चलती रहेगी)
सबसे ज्यादा ग्लो प्रकार के थर्मल स्टार्टर (glow type thermal starter) प्रयोग में लिया जाता है। यह एक प्रकार का उष्मीय स्टार्टर होता है। ग्लो प्रकार के थर्मल स्टार्टर वह होता है जिसमे द्वि धात्वीक पत्ती लगी रहती है यह पत्ती गर्म होकर make और break का कार्य करती है।
स्टार्टर में हीलियम गैस (helium gas) (ठंडी गैस) भरी जाती है। स्टार्टर के अंदर एक कैपेसिटर लगाया जाता है इस कैपेसिटर का कार्य सिग्नल व्यतिकरण (radio interfarance) को कम करना होता है।
फ्लोरोसेंट पदार्थ (Fluorescent Materials)— फ्लोरोसेंट ट्यूब की आन्तरिक सतह पर एक ऐसे पदार्थ की पर्त चढ़ाई जाती है जो परबैगनी किरणों को अवशोषित कर उन्हे प्रकाश किरणों में परिवर्तित कर सके भिन्न–भिन्न पदार्थों की पर्त भिन्न–भिन्न रंगो का प्रकाश उत्पन्न करती है।
फ्लोरोसेंट पदार्थ और उसके रंग—
- कैल्शियम टंगस्टेट— नीला रंग 4400 Å
- मैग्नीशियम टंगस्टेट— नीला सफेद रंग 4800 Å
- जिंक सिलिकेट— हरा रंग 5250 Å
- जिंक बेरीलियम सिलिकेट— पीला सफेद रंग 5950 Å
- कैडमियम सिलिकेट— पीला गुलाबी रंग 5950 Å
- कैडमियम बोरेट— गुलाबी रंग 6150 Å
महत्वपूर्ण बिन्दु —
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