सिंक्रोनस मोटर को स्टार्ट करने की विधियां— इस आर्टिकल में हम लोग जानेंगे कि सिंक्रोनस मोटर को स्टार्ट करने की कौन–कौन सी विधियां है।
एक सिंक्रोनस मोटर को स्टार्ट करने की विधियों के बारे में नीचे विस्तार पूर्वक बताया गया है।
Synchronous motor starting method |
सबसे पहले हम जानेंगे की सिंक्रोनस मोटर को बाह्य बल द्वारा स्टार्ट करने की जरूरत क्यों पड़ी।
रोटर पर प्रत्येक आधे चक्कर के बाद टॉर्क की दिशा बदल जाने के कारण सिंक्रोनस मोटर 3 फेज होते हुए भी सेल्फ स्टार्ट (self start) नहीं होती है। इसके रोटर को किसी भी विधि से इस प्रकार गतिमान करवाया जाता है कि स्टेटर के ध्रुवता बदलने से पहले ही एक पोल पिच की दूरी तय कर ले अतः किसी बाह्य बल से रोटर को सिंक्रोनस तक गति करवाया जाता है। तथा डीसी एक्साइटेशन ऑन किया जाता है।
सिंक्रोनस मोटर को बाह्य बल द्वारा स्टार्ट करने की दो विधियां है।
1. प्राइम मूवर के द्वारा
2. सेल्फ स्टार्टिंग विधि द्वारा
1. प्राइम मूवर के द्वारा— इस विधि में रोटर को किसी बाहरी यांत्रिक ऊर्जा द्वारा रोटर को घूर्णन करवाया जाता है। सामान्यतः एक इंडक्शन मोटर (induction motor) काम में लिया जाता है जिसे पोनी मोटर कहा जाता है।
(A) पोनी मोटर— पोनी मोटर मोटर 3 फेज इंडक्शन मोटर होती है जिसकी सिंक्रोनस गति (Ns) उस सिंक्रोनस मोटर से अधिक होती है जिसको स्टार्ट करना है। जिस सिंक्रोनस मोटर को स्टार्ट करना है उस सिंक्रोनस मोटर की अपेक्षा इसमें पोल की संख्या कम होती है।
(B) डीसी मोटर द्वारा— पोनी मोटर की जगह डीसी मोटर का प्रयोग भी कर सकते हैं जिसमें कंपाउंड डीसी मोटर (compound dc motor) काम में लेते हैं।
2. सेल्फ स्टार्टिंग विधि द्वारा— सेल्फ स्टार्टिंग विधि में रोटर पर एक अतिरिक्त वाइंडिंग करते हैं इस वाइंडिंग को केज वाइंडिंग या डेम्पर वाइंडिंग कहा जाता है।
रोटर पर केज वाइंडिंग करने से यह लाभ होता है कि मोटर केज इंडक्शन मोटर (cage induction motor) की भांति स्टार्ट हो जाती है, तथा रोटर गति (Ns) सिंक्रोनस गति के करीब होने पर डीसी एक्साइटेंशन ऑन कर दिया जाता है। डेम्पर या केज वाइंडिंग करने से मोटर सेल्फ स्टार्ट हो जाती है तथा मोटर में हंटिंग दोष उत्पन्न नहीं होता है।
सिंक्रोनस मोटर में केज वाइंडिंग के लाभ— सिंक्रोनस मोटर में केज वाइंडिंग करने के निम्न लाभ है।
1. मोटर स्वतः स्टार्ट हो जाती है।
2. मोटर में हंटिग दोष नहीं उत्पन्न होता है।
नोट— इंडक्शन मोटर के रोटर दो प्रकार के होते है। केज टाइप रोटर और वाउंड टाइप रोटर
सिंक्रोनस मोटर और सिंक्रोनस जेनरेटर या आल्टरनेटर के रोटर दो तरह के होते हैं सेलियंट पोल टाइप रोटर और स्मूथ सिलेंड्रिकल पोल टाइप रोटर।
सिंक्रोनस मोटर में हंटिंग या फेज स्विंग दोष (phase swing or hunting) आने का कारण— हंटिंग दोष का अन्य नाम फेज स्विंग होता है। सिंक्रोनस मोटर में हंटिग दोष आने के दो कारण है।
1. परिवर्ती भार (variable load)— जब भार में परिवर्तन आता है।
2. पल्सेटिंग फ्रीक्वेंसी (pulsating frequency)— जब स्टेटर को पल्सेटिंग आवृति (pulsating frequency) मिलती है तब।
हंटिंग दोष— भार परिवर्तित होने पर रोटर दोलन करता है जिसे हंटिग कहा जाता है। जब सिंक्रोनस मोटर में अधिक भार को सप्लाई करते है, तब उस समय रोटर कप्लिंग एंगल (rotor coupling angle) बढ़ जाता है, जैसे ही अचानक सामान्य भार आता है तो अतिरिक्त टॉर्क के कारण रोटर स्टेटर पोल से थोड़ा सा आगे निकल जाता यही प्रक्रिया चलती रहती है जिसे हंटिंग दोष कहते हैं।
हंटिग दोष का निवारण— हंटिग दोष के निवारण के लिए रोटर पोल फेस पर डेम्पर वाइंडिंग (damper winding) की जाती है। डेम्पर वाइंडिंग शार्ट सर्किट कॉपर क्वायल होती है यह तभी कार्य करती हैं जब हंटिग दोष आता है। डेम्पर वाइंडिंग में सामान्य अवस्था में ईएमएफ शून्य (फैराडे के सापेक्ष गति से) तथा हंटिग आने पर ईएमएफ उत्पन्न हो जाता है। जिससे रोटर विपरीत दिशा का टॉर्क उत्पन्न करता है। तथा मोटर में हंटिग रुक जाता है।
नोट—
- सामान्य अवस्था में एक डेम्पर वाइंडिंग में ईएमएफ शून्य (0) होता है।
- हंटिंग की अवस्था में ईएमएफ उत्पन्न होता है तथा यह सापेक्ष गति पर निर्भर करता है।
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