Ohm's Law In Hindi |
ओह्म का नियम (Ohm's Law In Hindi)— ओह्म के नियम के अनुसार— "यदि किसी चालक की भौतिक अवस्था (जैसे– ताप, लम्बाई, क्षेत्रफल) निश्चित रखा (अपरिवर्तित रखा) जाए तो उसके सिरों पर लगाए गए विभवांतर तथा उसमे प्रवाहित होने वाली धारा का अनुपात नियत होता है
किसी बंद परिपथ में नियत तापमान पर उत्पन्न विभवांतर (V) प्रवाहित धारा (I) के समानुपाती होता है।
V∝ I
V/I= नियतांक (constant)
R= V/I या V=IR
ओह्म के नियम के अनुसार V∝ I अर्थात वोल्टेज का मान बढ़ाने पर धारा का मान भी बढ़ जाता है तथा वोल्टेज का मान कम करने पर धारा का मान भी कम हो जाता है।
यहां— R को प्रतिरोध कहा जाता है तथा इसका मात्रक ओह्म होता है।
V को विभावान्तर कहा जाता है तथा विभवान्तर का SI मात्रक वोल्ट होता है। विभवान्तर को V से प्रदर्शित करते है
I को धारा कहा जाता है तथा इसका मात्रक एम्पियर होता है।
किसी बंद सर्किट में वोल्टेज और धारा का अनुपात V/I सदैव एक नियतांक (नियत अंक) आता है। और इसी नियत अंक को प्रतिरोध कहते है। ऐसा माना जाता है कि एक बंद परिपथ में (close circuit) में प्रतिरोध सदैव स्थित होता है।
रेटिंग फैक्टर (Racting Factor)— वह तापमान जिस पर कोई चालक अपनी पूर्ण दक्षता के साथ धारा प्रवाह करता है रेटिंग फैक्टर कहलाता है। जैसे— यदि 40 डिग्री सेंटीग्रेड पर किसी चालक तार की रेटिंग 440 वोल्ट है तो वह पूर्ण दक्षता के साथ चलेगी लेकिन अगर 40 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर का तापमान हुआ तो यह 440 वोल्ट पर ही शॉर्ट सर्किट हो जाएगी।
ओह्म का नियम किस पर लागू होता है?— ओह्म का नियम रैखिक परिपथो पर लागू होता है। ओम का नियम शुद्ध रेसिस्टिव परिपथ (pure resistive circuit) पर लागू होता है।
ओह्म का नियम एसी और डीसी (both ac and dc) दोनों पर लागू होता है।
ओह्म का नियम किस पर लागू नहीं होता है?— ओह्म का नियम अचालक (insulator), कैपेसिटर (capacitor), इंडक्टर (inductor), अर्धचालक (semiconductor), इलेक्ट्रोलाइट (electrolight), निर्वात (vaccum), रेक्टिफायर (rectifier), एससीआर (scr), इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण जैसे– डायोड (diode), ट्रांजिस्टर (transistor) और रेक्टिफायर (rectifier) पर लागू नहीं होता है।
एसी में 3 तरह की सर्किट होती है रेजिस्टिव (resistive), कैपेसिटिव (capacitive) और इंडक्टिव (inductive) इसमें से ओह्म का नियम केवल रेजिस्टिव सर्किट पर ही लागू होता है इंडक्टीव और कैपेसिटिव सर्किट पर लागू नहीं होता है।
अंतर्राष्ट्रीय ओह्म किसे कहते है (International Ohm's)
एक वर्ग किमी अनुप्रस्थ काट क्षेत्र वाले 10.63 सेंटीमीटर लंबे शुद्ध पारे के स्तंभ का प्रतिरोध, जिसका द्रव्यमान 0°C पर 14.4521 ग्राम हो, एक अंतर्राष्ट्रीय ओम (international ohm's) कहलाता है।
ओह्म के नियम का उपयोग—
वोल्टेज और धारा के बीच ग्राफ बनाते है तो एक सीधी रेखा प्राप्त होती है जिसका अर्थ यह है कि वोल्टेज का मान बढ़ाने पर धारा का मान भी बढ़ जाता है। V–I का ग्राफ एक सरल रेखा होता है।
धारा और वोल्टेज में ग्राफ |
ओम के नियम का प्रयोग करके विभवान्तर, विद्युत धारा तथा प्रतिरोध का मान ज्ञात किया जा सकता है।
- ओह्म के नियम से विद्युत धारा का मान ज्ञात करने के लिए सूत्र—
I= V/R
- ओह्म के नियम से प्रतिरोध का मान ज्ञात करने के लिए सूत्र—
R= V/I
- ओह्म के नियम से वोल्टेज का मान ज्ञात करने के लिए सूत्र—
V=I×R
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