अर्थिंग की आवश्यकता क्यों पड़ी— अर्थिंग लीकेज करंट से सुरक्षा प्रदान करता है, अर्थिंग लीकेज धारा को सरलतम मार्ग प्रदान करता है। तथा यह लीकेज धारा को सीधे जमीन में डिस्चार्ज करता है। इसलिए लीकेज करंट से मानव जीवन की सुरक्षा के लिए हमे अर्थिंग की आवश्यकता पड़ी।
अर्थिंग के प्रकार (टाइप ऑफ अर्थिंग)—
अर्थिंग के निम्नलिखित प्रकार होते है।
1. पाइप अर्थिंग (Pipe Earthing)— पाइप अर्थिंग, अर्थिंग की सबसे सर्वोत्तम और दक्ष विधि है। इस विधि में पाइप को लम्बवत (खड़ा) जमीन में लगाया जाता है। इसकी लंबाई 2.5 मीटर होती है।
अगर पाइप कॉस्ट आयरन (Cost iron) का हो तो इसका आन्तरिक व्यास 100mm तथा यदि जीआई (GI) का पाइप है तो आन्तरिक व्यास 38mm से कम नहीं होना चाहिए।
पाइप अर्थिंग में अर्थ इलेक्ट्रोड के रूप में पाइप लिया जाता है और यह पाइप सदैव वर्टिकली (Vertically) लगाया जाता है। पाइप कॉस्ट आयरन या जीआई का हो सकता है। सबसे ज्यादा उपयोग पाइप अर्थिंग का ही किया जाता है।
Cost Iron— 100mm आन्तरिक व्यास
GI— 38mm आन्तरिक व्यास
प्लेट अर्थिंग (Plate Earthing)— अर्थिंग की इस विधि का उपयोग सबसे ज्यादा उत्पादन केंद्र तथा सब स्टेशन में करते है।
इस विधि में अर्थ इलेक्ट्रोड के रूप में प्लेट को जमीन के अन्दर 3 मीटर तक वर्टिकली लगाते है। प्लेट का टॉप जमीन से 1.5 मीटर गहरा होना चाहिए।
प्लेट जीआई या कॉपर का हो सकता है।
GI— 60cm ×60cm × 6.3mm × 6.35mm
Copper— 60cm × 60cm × 3.15mm × 3.18mm
रॉड अर्थिंग (Rod Earthing)— रॉड अर्थिंग के लिए रॉड जीआई (GI) या स्टील (Steel) का हो सकता है।
GI/Steel— 16mm व्यास
Copper— 12.5mm व्यास
स्ट्रिप अर्थिंग (Strip Earthing)— इस विधि का उपयोग केवल ट्रांसमिशन में किया जाता है। इसे हॉरिजोंटल (क्षैतिज ट्रेंच) में लगाने पर ऊचाई 0.5 मीटर होनी चाहिए।
GI की हो तब क्रॉस सेक्शन एरिया (Cross Section Area)— 25mm × 4mm
Copper कि हो तब क्रॉस सेक्शन एरिया (Cross Section Area)— 25mm × 1.6mm
अर्थिंग के प्रकार (Types of Earthing)— IEC (International Electricity Code) के अनुसार अर्थिंग निम्न 3 प्रकार की होती है।
1. TN अर्थिंग
(A) TN—S अर्थिंग
(B) TN—C अर्थिंग
(C) TN—S—C अर्थिंग
2. TT अर्थिंग
3. IT अर्थिंग
1. TN अर्थिंग— यह सर्वाधिक उपयुक्त अर्थिंग है, इस विधि में पॉवर सिस्टम (Power system) का न्यूट्रल (Neutral) स्थानीय अर्थ से संयोजित होता है इसी स्थानीय अर्थ से एक वायर (wire) उपभोक्ता तक पहुंचाया जाता है। इसके 3 तरीके है।
(A) TN—S अर्थिंग— इस अर्थिंग में अर्थ पृथक तार में होता है।
(B) TN—C अर्थिंग— इस अर्थिंग में अर्थ न्यूट्रल के साथ होता है।
(C) TN—S—C अर्थिंग— इस अर्थिंग में तार या तो पृथक होता है या तो साथ में अर्थ किया गया होता है।
2. TT अर्थिंग— इस प्रकार की अर्थिंग में पॉवर सिस्टम तथा उपभोक्ता दोनों अलग (पृथक) अर्थिंग से जुड़े होते है।
उपभोक्ता अर्थ इलेक्ट्रोड से संयोजित होता है, तथा सिस्टम का ट्रांसफॉर्मर/जनरेटर में न्यूट्रल का अर्थ से संयोजन होता है।
3. IT अर्थिंग— इस व्यवस्था में वितरण प्रणाली के पास कोई अर्थ नही होता है, अतः इस विधि का उपयोग नहीं करते है।
कुछ अर्थिंग से सम्बन्धित महत्वपूर्ण फूल फॉर्म (Full Form)— इस आर्टिकल में अर्थिंग से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण फूल फॉर्म नीचे दिए गए है।
1. PME— Protective Multiple Earthing
2. MEN— Multiple Earth Neutral
3. MGN— Multiple Grounded Neutral
अर्थिंग इन हिन्दी— इस आर्टिकल में अर्थिंग के प्रकार के बारे में बताया गया है, आशा करते है, की ये आर्टिकल आप लोगो को पसंद आया होगा तथा आप लोगो के लिए उपयोगी भी सिद्ध होगा। इसलिए इसी तरह के आईटीआई इलेक्ट्रीशियन आधारित प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए हमारी ब्लॉग वेबसाइट को जरूर फॉलो करे तथा अपने दोस्तो और स्टडी ग्रुप में इस आर्टिकल को शेयर करे जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगो को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिल सके धन्यवाद।
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