थर्मल पॉवर प्लांट
भारत में सर्वाधिक विद्युत का उत्पादन थर्मल पॉवर प्लांट (Thermal power plant) या ताप विद्युत केन्द्र के द्वारा किया जाता है। भारत में तापीय विधि से उत्पादन (Generation) सामान्यतः 11केवी, 50हर्ट्ज पर होता है वैसे 33केवी, 50हर्ट्ज का भी उत्पादन होता है परन्तु ज्यादातर इसके जनरेटर व अल्टरनेटर 11केवी के ही देखने को मिलता है।
सामान्यतः ताप शक्ति स्टेशन में 3000 आरपीएम (3000rpm) वाला जनरेटर होता है तथा इसका रोटर बेलनाकार और 2 पोल वाला होता है।
Thermal power plant in hindi |
थर्मल पॉवर प्लांट के भाग (Component of thermal power plant)—
थर्मल पॉवर प्लांट के मुख्य भाग के बारे में नीचे विस्तार पूर्वक बताया गया है।
1. कोल यार्ड (Coal yard)— थर्मल पॉवर प्लांट की यह सबसे पहली प्रक्रिया है यहां ट्रेन से कोयला लाया जाता है जिसमे कंक्रीट व कुछ ईट पत्थर भी होता है यह एक तरह से कोयले का स्टोर रूम (store room) होता है।
2. कोल हैंडलिंग प्लांट (Coal handling plant or C.H.P)— C.H.P का पूरा नाम Coal handling plant होता है। सीएचपी कोयले को एकत्रित करता है तथा कोयले को यार्ड से मिल तक भेजने का कार्य करता है। कोयला मिल तक वी–बेल्ट (V–Belt) के द्वारा जाता है। बेल्ट के V आकृति का होने का फायदा यह है की कोयल गिरता नही है।
कोल हैंडलिंग प्लांट में कोयले को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू होती है जिससे कोयला छोटा हो जाता है तथा कोयले के साथ मौजूद अन्य मैटीरियल जैसे ईट पत्थर यहाँ छट कर नीचे गिर जाते है।
सीएचपी में कोयला कटने के बाद V-Belt के द्वारा मिल एरिया (mill area) तक जाता है। रोलर पर जब बेल्ट चलता है तो इसे रैम्प करना कहा जाता है। (रैम्प करना अर्थात बेल्ट चलता है तो उसके साथ रोलर भी घूमता है बेल्ट रोलर पर रैम्प करता है) इस बेल्ट को चलाने के लिए एक end पर मोटर लगी होती है।
3. बॉयलर (Boiler)— थर्मल पॉवर प्लांट का यह मुख्य भाग होता है। बॉयलर एक वाटर ड्रम (water drum) होता है जिसमे डीएम वाटर (DM water) होता है जिसकी स्ट्रीम (stream) तैयार की जाती है। यह ड्रम ऑटो पर होता है इसमें 50% पानी और 50% भाप (steam) होता है। जैसे ही ड्रम का स्तर नीचे आता है पप्प चलने लगता है और लेवल को मेनटेन (maintain) करता है।
थर्मल पॉवर प्लांट में सबसे ज्यादा बॉयलर का ही काम होता है। क्योंकि इसमें भाप बनती है इसमें एक भट्टी (furnace) होती है। जिसमे कोयले का दहन किया जाता है।
बॉयलर के मुख्य अवयव बॉयलर भट्टी, जल पात्र (water container) एवम् उच्च दाब युक्त पात्र (vesset) होता है।
इसकी भट्टी में ईंधन एवम् वायु को भेजने एवम् दहन के पश्चात बची राख को निकालने का उचित आवश्यक प्रबन्ध होता है तथा दहन के फलस्वरूप उत्पन्न गैसों को चिमनी के द्वारा वायुमंडल में छोड़ा जाता है।
बॉयलर दो प्रकार का होता है—
(A) वाटर ट्यूब बॉयलर (Water tube boiler)— इस प्रकार के बॉयलर में ट्यूब के अन्दर पानी तथा ट्यूब के बाहर चारो ओर गर्म गैस होती है।
(B) फायर ट्यूब बॉयलर (Fire tube boiler)— इस प्रकार के बॉयलर में ट्यूब के अन्दर गैस तथा ट्यूब के बाहर पानी होता है। इसका प्रयोग कम होता है।
याद रखे— अगर पुरानी होकर ट्यूब लीकेज होने लगे तो उसकी वेल्डिंग कर दिया जाता है वेल्डिंग 72 घण्टे बाद किया जाना चाहिए तुरन्त नही।
लंका शायर भी एक तरह के बॉयलर का प्रकार है।
बॉयलर के कार्य— थर्मल पॉवर प्लांट में बॉयलर का निम्नलिखित कार्य होता है।
1. भाप को आवश्यकतानुसार दाब एवं ताप पर उत्पन्न करना एवं उसको कंडेंस या संचित करना।
2. ईंधन दहन से उत्पन्न ऊष्मा को जल वाष्प द्वारा स्थानांतरित करना।
3. आवश्यकतानुसार संतृप्त अथवा अति तप्त भाप की सप्लाई करना।
4. बॉयलर के अंदर ईंधन की रासायनिक ऊर्जा को तापीय ऊर्जा में परिवर्तित करके जलवाष्प के द्वारा स्थानांतरित किया जाता है इस ऊर्जा को उच्च दाब एवं ताप पर भाप में परिवर्तित करते हैं। जिससे शक्ति का उत्पादन करते हैं इसलिए इसे साधारणतया भाप जनित्र (Steam generator) भी कहते हैं।
4. मिल एरिया (Mill Area)— यह चक्की जैसा होता है। यहां कोयले की पिसाई होती है।
यह बल्क मिल और ट्यूब मिल दो प्रकार का होता है। इसमें एक बहुत बड़ा ड्रम होता है जिसे 250 मेगा वॉट की मोटर से चलाया जाता है इस ड्रम के अंदर लोहे की बड़ी गोली होती है। कोयला V बेल्ट से इस ड्रम के अंदर दोनो साइड से गिरता है तथा लोहे की बड़ी गोलियो के घूमने की वजह से कोयला पीस जाता है यहां कोयले को पाउडर के रूप में बनाया जाता है जिसे चूर्णित कोयला कहा जाता है। यहां से चूर्णित कोयला बॉयलर में हक (झटके से खींचना) लगातार समान मात्रा में आता रहता है और बॉयलर में आग जलती रहती है तथा लगातार कांस्टेंट (constant) रूप से स्ट्रीम बॉयलर के अंदर से निकलती रहती है।
5. ऐश हैंडलिंग प्लांट (Ash handling plant)— जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है ऐश अर्थात राख को हैंडल करने वाला भाग है।
कोयले के जलने के बाद फ्लू गैस के साथ जो सुखी राख होती है वह उड़कर बाहर चिमनी की तरफ चली जाती है। (बीच में E.S.P) लगा रहता है। लेकिन जो बड़ी दानेदार राख होती है यह कचरे टाइप की होती है इसका कोई उपयोग नहीं होता है यह Ash Handling की ओर से जाती है। ऐश हैंडलिंग में जितनी राख आ जाती है वह ऐश स्टोरेज में स्टोर हो जाती है लेकिन जो राख स्टोर नही हो पाती है उस राख को बाहर पानी के साथ भेज दिया जाता है जिसे ऐश पोंड (ash pond) कहा जाता है। इस प्रकार A.H.P में राख का निस्तारण होता है।
6. इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर्स (Electrostatic precipitators or E.S.P)— जब बॉयलर मे आग लगती है तो उसमे से धुआं निकलता है। इस धुएं के साथ कुछ गैसे निकलती है जिन्हे फ्लू गैस कहा जाता है इस फ्लू गैस के साथ ही फ्लाई ऐश (fly ash/उड़ने वाली राख या गैस) आती है जोकि विषैली होती है उसे रोकने के लिए E.S.P लगाते है।
E.S.P में पॉजिटिव और नेगेटिव आयन की प्लेटे लगी होती है जिसे होपर्स (hopers) कहा जाता है इसका एक फील्ड होता है। E.S.P की पॉजिटिव प्लेट राख से नेगेटिव आयन को अपनी ओर खींच लेता है। E.S.P की निगेटिव प्लेट राख से पॉजिटिव आयन को खींचता है जिससे राख के आयन इस प्लेट से चिपक जाते है जिससे चिमनी में से केवल धुआं निकलता है उसके साथ फ्लाई ऐश (विषैली गैस) नही जाती है हालाकि थोड़ी बहुत मात्रा बाहर निकल जाती है। E.S.P की पॉजिटिव और निगेटिव प्लेट में हथौड़े (hamering) की व्यवस्था होती है जो दोनो साइड स्वतः ही चोट करता रहता है जिससे जो फ्लाई ऐश इस प्लेट से चिपकती रहती है वह नीचे गिरती रहती है। और इस राख को ट्रक के माध्यम से बाहर भेज दिया जाता है इसी फ्लाई ऐश राख का उपयोग सीमेंट तथा ईट बनाने में किया जाता है।
7. आईडी फैन (ID fan)— आईडी फैन का पूरा नाम इंड्यूस्ड ड्राफ्ट (Induced draft) होता है। आईडी फैन धुएं/गैस को निकालने के लिए रास्ता बनाता है इसके कारण जो बॉयलर से गैस निकलती है वह इसी रास्ते से जाती है। गैस मिल एरिया (mill area) या A.H.P या अन्य रास्ते की ओर नही जाता। इसमें बहुत बड़े–बड़े फैन लगे होते है जो दाब को प्रेरित (induce) करते है। अतः बॉयलर से निकलने वाला धुआं इसी रास्ते से होते हुए चिमनी से बाहर निकल जाता है।
8. सुपर हीटर (Super heater)— बॉयलर से जो स्ट्रीम निकलती है वह उच्च तापमान वाली होती है परन्तु फिर भी उस स्ट्रीम को सुपर हीटर से सुपर हिट किया जाता है अर्थात भाप को सैचुरेट (saturate) किया जाता है। (वाष्प से नमी दूर करना) सुपर हिट से स्ट्रीम टरबाइन पर आती है उस स्ट्रीम को काम में लिया जाता है।
वाष्प को सुपर हिट करने से लाभ—
- (A) टरबाइन को जंग लगने से बचाता है।
- (B) टरबाइन के द्वारा किया जाने वाला यांत्रिक प्रतिरोध को कम करता है।
- (C) टरबाइन के प्लेट सूखे रहते है और इनसे स्ट्रीम प्रवाह में यांत्रिक प्रतिरोध कम हो जाता है फलस्वरूप टरबाइन की दक्षता बढ़ जाती है।
- (D) सुपर हीटर स्ट्रीम को ड्राई सैचुरेटेड (dry saturated) करता है।
टरबाइन पर जो स्ट्रीम आती है उसे सैचुरेटेड स्ट्रीम कहा जाता है। इस स्ट्रीम में नमी नही होती है जिससे टरबाइन पर कभी भी जंग नही लगता और टरबाइन का यांत्रिक प्रतिरोध तथा प्रतिबाधा कम हो जाता है तथा टरबाइन खुद को हल्का महसूस करती है।
9. कंडेंसर (Condenser)— कंडेंसर का कार्य टरबाइन से निकली स्ट्रीम को जल में परिवर्तित करना होता है। एक्जेस्टेड स्ट्रीम (Exhested stream) को कंडेंसर में लाया जाता है जहा वह वापस उसे पानी में बदल देता है।
10. कूलिंग टॉवर (Cooling tower)— कूलिंग टॉवर का कार्य auxiliary water को ठंडा करना होता है या condenser को ठंडा करना होता है।
11. फीड वॉटर (Feed water)— बॉयलर में जिससे पानी जाता है उस पूरे सिस्टम को फीड वॉटर कहा जाता है। यह फीड वॉटर एक तरह से dm वाटर होता है। फीड वॉटर सीधे बॉयलर में नही जाता है यह इकोनोमाइजर (economiser) से होते हुए जाता है।
12. रा वॉटर (Raw water)— रॉ वाटर एक तरह का गंदा पानी होता है इसमें कचरा या अन्य कुछ भी समान गिरा हो सकता है।
13. डीएम प्लांट (DM plant)— रॉ वाटर को डीएम प्लांट में पूरी तरह से ट्रीटमेंट किया जाता है। और उसके सारे मिनरल खत्म कर दिया जाता है। यह पानी फीड वाटर सिस्टम से होते हुए बॉयलर में जाता है बॉयलर में इस पानी की स्टीम बनती है। जैसे ही कंडेंसर में पानी बनता है वह पानी डीएम वाटर प्लांट से होता हुआ फीड वाटर में आ जाता है यहां एक पंप लगा होता है जिसे सीएमयू पम्प (CMU pump) या मेकअप पंप (make up pump) कहा जाता है। इसका कार्य यह होता है कि जितना स्ट्रीम प्रयोग होता है उसके बाद जो पानी बनकर कंडेनसर से होते हुए फीड वाटर में आता है तो कमी हुई तो रॉ वाटर से ले लेंगे अन्यथा यही पानी सर्कुलेट (circulate) होकर काम करता रहेगा।
14. जेड पाइप (Z–pipe)— जेड पाइप कंडेंसर को ठंडा करने का काम करता है लेकिन जब यह कंडेंसर को ठंडा करता है यह खुद गर्म हो जाता है जिसे कूलिग टॉवर के द्वारा ठंडा किया जाता है।
15. इकोनोमाइजर (Economiser)— इकोनोमाइजर का प्रयोग बायलर की दक्षता को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसके द्वारा बॉयलर से निकलने वाले व्यस्त गैस की उष्मा का प्रयोग करते हैं। यह गिल्ड ट्यूब (gilled tube) तथा प्लेंन ट्यूब (plane tube) प्रकार की होती है इसमें जाने वाले फीड वाटर का तापमान 85°C (डिग्री सेंटीग्रेड) से अधिक रखते हैं। इकोनोमाइजर सुपरहिटर से जो व्यर्थ फ्लू कैसे निकलती है उन गैसों की सहायता से पानी को बायलर में पहुंचने से पहले थोड़ा गर्म कर देता है जिससे बॉयलर में पानी जल्दी गर्म हो जाता है जिससे भाप जल्दी बन जाता है।
16. प्राइमरी एयर (Primary air or P.A)— इसमें से बॉयलर में आग लगने के लिए गर्म हवा भेजा जाता है। यह A.P.H से जुड़े हुए आता है और P.A को गर्म करने के लिए ही यह A.P.H होता है।
17. एयर प्री हीटर (Air pre heater or A.P.H)— एयर प्री हीटर का कार्य प्राइमरी एयर को बॉयलर मे जाने से पहले गर्म करना होता है।
18. एफडी फैन (F.D Fan)— एफडी फैन का पूरा नाम फोर्सेड ड्राफ्ट फैन (Forced draft fan) होता है। एफडी फैन हवा देने के लिए होता है। एफडी फैन इस तरह से ड्राफ्ट बनाता है की जो प्राइमरी एयर है वह APH से होते हुए बॉयलर में आए इसमें एक फोर्स्ड फैन लगा होता है जिससे फोर्सड के द्वारा दबान्तर बनाया जाता है।
19. जनरेटर (Generator)— टरबाइन में आगे एक जनरेटर लगा होता है। जनरेटर 11KV की सप्लाई देता है इस 11केवी की सप्लाई के लिए आगे एक ट्रांसफार्मर लगा होता है जो स्टेप अप करता है और इस तरह से आगे विद्युत की सप्लाई हो जाती है।
थर्मल पॉवर प्लांट का ब्लॉक डायग्राम (Block diagram of thermal power station)— थर्मल पॉवर प्लांट का ब्लॉक डायग्राम नीचे दिखाया गया है।
Thermal power plant block diagram |
थर्मल पॉवर प्लांट की विशेषता— थर्मल पॉवर प्लांट की निम्न विशेषता होती है।
- (A) थर्मल पॉवर प्लांट का रनिंग कॉस्ट (running cost or auxiliary cost) उच्च होता है।
- (B) थर्मल पॉवर प्लांट स्टैंड बाई लॉस (stand by loss) बहुत ज्यादा होता है अगर किसी कारण से जनरेटर लाइट जेनरेट नही कर रहा है तो उस समय भी इसके auxilary equipment लगातार चलते रहते है और वे विद्युत का खपत करते रहते है।
- (C) थर्मल पॉवर प्लांट प्रदूषण रहित नही है अर्थात इसमें प्रदूषण अधिक होता है। परमाणु ऊर्जा के बाद सर्वाधिक प्रदूषण थर्मल पॉवर प्लांट से ही होता है। इससे आस पास की भूमि बंजर तक हो जाती है। अगर धुएं के साथ जो फ्लाई गैसे जाती है उसमे से फ्लाई ऐश को जाने दिया तो हालाकि electrostatic precipitators फ्लू गैस से फ्लाई ऐश को जाने से रोकता है फिर भी थोड़ी बहुत फ्लाई ऐश चली जाती है और आस पास की लगभग 5–10km तक की भूमि को बंजर बना देती है।
- (D) थर्मल पॉवर प्लांट की दक्षता निम्न होती है इसकी दक्षता लगभग 25–30% तक होती है। थर्मल पॉवर प्लांट में विद्युत का उत्पादन उच्च ताप व उच्च दाब वाष्प पर होता है वाष्प का दाब 110–170kg/cm² तक होता है।
- (E) थर्मल पॉवर प्लांट में शक्ति दहन के लिए रेंकाइन चक्र की प्रक्रिया होती है।
- (F) फ्लाई ऐश एक प्रकार की राख होती है जिसका उपयोग सीमेंट और ईट बनाने में किया जाता है।
- (G) थर्मल पॉवर प्लांट की स्थापना हेतु अधिक क्षेत्रफल की आवश्यकता होती है। क्योंकि थर्मल पॉवर प्लांट के प्रचालन हेतु बहुत अधिक मात्रा में कोयले की आवश्यकता होती है जिसे लाने के लिए रेलगाड़ी की आवश्यकता पड़ती है इसलिए थर्मल पॉवर प्लांट ऐसे स्थान पर स्थापित किए जाते है जहा अधिक क्षेत्रफल हो।
थर्मल पावर प्लांट कैसे काम करता है (Thermal power station in hindi)— थर्मल पावर प्लांट एक ऐसा पावर प्लांट होता है जो कोयला में निहित उष्मीय ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है। थर्मल पावर प्लांट में कोयला को जलाकर उष्मीय ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। तथा इस ऊष्मा ऊर्जा के द्वारा टरबाइन को चला कर विद्युत ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है। पानी को वाष्प में बदलने का कार्य बॉयलर में होता है। बॉयलर में उत्पन्न वाष्प का दाब जब बढ़ता है तो टरबाइन घूमता है जिससे अल्टरनेटर जुड़ा हुआ होता है और इस अल्टरनेटर द्वारा विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होती है।
थर्मल पॉवर प्लांट की कार्यप्रणाली (Thermal power plant working principle in hindi)— थर्मल पॉवर प्लांट के जितने भी भाग होते है उनके कार्य और उपयोग के बारे में इस आर्टिकल में विस्तार से बताया गया है इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आप को थर्मल पॉवर प्लांट के कार्य करने के तरीके के बारे में पता चल जायेगा की थर्मल पॉवर प्लांट में किस भाग का क्या काम होता है और वह कैसे काम करता है।
थर्मल पॉवर प्लांट से पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर।
1. प्रश्न— थर्मल पॉवर प्लांट में प्रयुक्त E.S.P का पूरा नाम क्या है?
उत्तर— इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर्स (Electrostatic precipitators)
2. प्रश्न— थर्मल पॉवर प्लांट में प्रयुक्त इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर्स (Electrostatic precipitators) का कार्य क्या है?
उत्तर— फ्लाई ऐश में जाने वाली फ्लू गैस को रोकना
3. प्रश्न— थर्मल पॉवर प्लांट में प्रयुक्त इकोनोमाइजर का क्या कार्य है?
उत्तर— बॉयलर की दक्षता बढ़ाना
4. प्रश्न— थर्मल पॉवर प्लांट में कोल हैंडलिंग प्लांट (Coal handling plant or C.H.P) का क्या कार्य है?
उत्तर— कोयले को एकत्रित करता है तथा कोयले को यार्ड से मिल तक भेजने का कार्य करता है।
5. प्रश्न— भारत में किस तरह के पावर प्लांट से सबसे ज्यादा विद्युत का उत्पादन किया जाता है?
उत्तर— तापीय विद्युत या थर्मल पॉवर प्लांट या ताप विद्युत प्लांट से
Very helpful content
ReplyDeleteNice Post
ReplyDeleteThank you very informative.
ReplyDeleteSir aap ne to bahut kuchh bata Diya thermal power plant ke bare me thanks.
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