बैटरी की चार्जिंग प्रक्रिया
"जिस दिशा में बैटरी डिस्चार्ज हुई थी इसके विपरित दिशा में फिर से धारा प्रवाह करवाते है तो इस प्रक्रिया को चार्जिंग कहते है।"
जब एक पुनः आवेशन योग्य बैटरी में रासायनिक क्रिया समाप्त हो जाती है तो बैटरी निरावेशित हुई कही जाती है, तथा इस समय यह निर्धारित विद्युत धारा प्रवाह उत्पन्न नही कर सकती है। लेकिन एक पुनः आवेशित बैटरी को बाह्य डीसी स्रोत से बैटरी से बाहर आने वाली धारा की दिशा के विपरीत प्रवाहित करके आवेशित किया जा सकता है।
Charging Method of Battery In Hindi |
बैटरी चार्जिंग की विधियां—
बैटरी को चार्ज करने की प्रचलित विधियां निम्नलिखित है।
1. स्थित धारा चार्जिंग विधि (Constant current charging method)— स्थिर धारा चार्जिंग विधि में बैटरी के साथ सीरीज में हीटर/लैंप या प्रतिरोध लगाया जाता है जिससे लैंप की धारा पूरा परिपथ में प्रवाहित होने लगती है जिससे हमारी बैटरी चार्ज हो जाती है।
इस चार्जिंग का उपयोग तब किया जाता है, जब हमारे पास चार्जिंग स्रोत बड़ा हो जैसे 230V/110V और बैटरी छोटे वोल्ट की हो जैसे 6V, 12V, 24V आदि।
अधिक बैटरी सीरीज में जोड़कर चार्ज करना हो तो इस विधि का प्रयोग करते है।
2. स्थिर वोल्टेज चार्जिंग विधि (Constant voltage charging method)— स्थिर वोल्टेज चार्जिंग विधि में बैटरी के सीरीज में एक रेहोस्टेट लगा देते है।
इस विधि में लगभग बराबर वोल्टेज के अनुसार चार्ज करते है, करंट कम या ज्यादा होती रहती है।
जैसे– यदि 12V की बैटरी चार्ज करनी है तो 15V का चार्जिंग स्रोत होगा।
3. बैटरी चार्जर विधि (Battery charger method)— इसके ब्रिज रेक्टिफायर का प्रयोग किया जाता है, जिससे एसी सप्लाई को डीसी में परिवर्तित करके बैटरी को चार्ज किया जाता है। जैसे –मोबाइल चार्जर
4. ट्रिकल चार्जिंग विधि (Trickle charge method)— ट्रिकल चार्जिंग में बैटरी को अति निम्न धारा दर पर चार्ज किया जाता है, यानी की उसकी रेटेड करेंट की 2% से 3% धारा पर चार्ज किया जाता है। सामान्यतः इस विधि का उपयोग तब किया जाता है जब बैटरी में सलफेशन दोष हो।
5. बूस्ट चार्जिंग विधि (Boost Charging method)— बूस्ट या वर्धन चार्जिंग विधि में बैटरी को अति उच्च धारा दर पर चार्ज किया जाता है। सामान्यतः इस विधि का उपयोग नहीं किया जाता है, क्योंकि इस विधि से चार्जिंग करने पर बैटरी में बकलिंग दोष आ जाता है।
6. प्रारंभिक चार्जिंग विधि (Initial charging)— पॉजिटिव और निगेटिव इलेक्ट्रोड, इलेक्ट्रोलाइट के डालने के बाद प्रथम बार जब बैटरी को चार्ज किया जाता है तो इसे प्रारंभिक चार्जिंग विधि कहते है।
7. फ्रेश चार्जिंग विधि (Fresh charging method)— एक बैटरी को जैसे ही लोड के साथ संयोजित किया अगर बैटरी पूर्ण आवेश के साथ वोल्टेज प्रदान कर रही है, और इस समय बैटरी को चार्ज किया जाता है तो इस विधि को फ्रेश चार्जिंग विधि कहते है।
Prepared By
PAWAN SINGH
CITS ELECTRICIAN STUDENT 2022–23
STATE STAFF TRAINING AND RESEARCH CENTER ITOT LUCKNOW
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