शॉटकी डायोड (Schottky Diode)
शॉटकी डायोड (schottky diode) एक दो टर्मिनल वाला इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस है जो सामान्य डायोड की तरह बाइपोलर (bipolar) न होकर यूनिपोलर (unipolar) होता है अर्थात शॉटकी डायोड में केवल एक ही प्रकार के अर्द्धचालक का प्रयोग किया जाता है। शॉटकी डायोड में धारा केवल मैजोरिटी वाहको इलेक्ट्रॉन्स के कारण धारा प्रवाहित होती है, जबकि सामान्य डायोड में इलेक्ट्रॉन्स और होल दोनो के कारण धारा प्रवाहित होती है। शॉटकी डायोड को हॉट कैरियर डायोड (hot carrier diode) या शॉटकी कैरियर डायोड (schottky carrier diode) के नाम जाना जाता है।
Schottky Diode In Hindi |
शॉटकी डायोड क्या होता है? (Schottky Diode In Hindi)— शॉटकी डायोड एक अर्द्धचालक सन्धि (metal semiconductor junction) होता है जिसका एक भाग धातु सोना, चांदी, प्लैटिनम इत्यादि का बना होता है तथा दूसरा भाग N टाइप अर्द्धचालक का बना होता है दोनो भागो में इलेक्ट्रॉन्स ही मैजोरिटी कैरियर (majority carrier) होता है। इसमें सामान्य डायोड की तरह आवेश वाहक के रूप में होल्स (holes) नहीं होते है। इसलिए इसमें अन्य डायोड की तुलना में विद्युत उर्जा (electric energy) का ह्रास (loss) बहुत कम होता है।
शॉटकी डायोड की संरचना (Construction of Schottky Diode)— सामान्य डायोड में एक P टाइप तथा N टाइप अर्द्धचालक पदार्थ को आपस में मिलाकर एक P–N जंक्शन बनाया जाता है लेकिन शॉटकी डायोड का निर्माण सामान्य डायोड से अलग तरीके से किया जाता है।
Schottky Diode Construction |
शॉटकी डायोड के निर्माण में एक टर्मिनल के लिए N टाइप अर्द्धचालक और दुसरे टर्मिनल के लिए धातु सोना, चांदी, प्लैटिनम इत्यादि पदार्थ का प्रयोग किया जाता है। N टाइप अर्द्धचालक के निर्माण के लिए मुख्य रूप से गैलियम का उपयोग किया जाता है। कम आवृत्ति (low frequency) पर कार्य करने वाले डायोड के निर्माण में सिलिकॉन का भी प्रयोग किया जाता है। अर्द्धचालक तथा धातु को आपस में मिलाने से जो जंक्शन बनता है उसे धातु-अर्द्धचालक जंक्शन कहते है। इस जंक्शन के बीच एक डिप्लेशन परत (depletion layer) का निर्माण होता है जिसे शॉटकी बैरियर (schottky barrier) कहा जाता है। इस डायोड में दो प्रकार के शॉटकी बैरियर का निर्माण होता है जिसे रेक्टिफाइंग (rectifying) तथा नॉन रेक्टिफाइंग (non-rectifying) शॉटकी बैरियर कहते है।
जब कम डोपिंग वाले N टाइप अर्द्धचालक को धातु के साथ मिलाया जाता है तो इससे जो डिप्लेशन परत बनती है उसे रेक्टिफाइंग शॉटकी बैरियर तथा इसके विपरीत जब एक उच्च डोपिंग (highly doping) वाले N टाइप अर्द्धचालक को धातु के साथ मिलाया जाता है तो इससे बनने वाली डिप्लेशन परत को नॉन रेक्टिफाइंग (non-rectifying) शॉटकी बैरियर कहते है।
शॉटकी डायोड की कार्यप्रणाली (Working Principle Of Schottky Diode)— हम जानते है की शॉटकी डायोड का एक भाग धातु सोना, चांदी, प्लैटिनम इत्यादि का बना होता है तथा दूसरा भाग N टाइप अर्द्धचालक का बना होता है। तथा दोनो भागो में इलेक्ट्रॉन्स ही मैजोरिटी कैरियर होता है। अतः जब दोनो पदार्थों को आपस में जोड़ा जाता है तो N टाइप पदार्थों के इलेक्ट्रॉन भारी संख्या में धातु की ओर प्रवाहित होते है। इन आवेश वाहको की गतिज ऊर्जा काफी अधिक होने के कारण इनको हॉट कैरियर (hot carrier) भी कहते है। इसके पश्चात सन्धि पर P-N डायोड की भांति बैरियर उत्पन्न हो जाता है जो आवेश वाहको के प्रवाह को रोक देता है जंक्शन को अग्र बायस (forward bias) करने पर बैरियर समाप्त हो जाता है तथा धारा का प्रवाह शुरू हो जाता है। इस प्रकार से एक शॉटकी डायोड में धारा का प्रवाह शुरू हो जाता है।
शॉटकी डायोड का प्रतीक (Symbol of Schottky Diode)— शॉटकी डायोड दो टर्मिनल वाला डायोड होता है जिसमे एक N टाइप अर्द्धचालक तथा दूसरा धातु से बना होता है। N टाइप अर्द्धचालक से बने हुए टर्मिनल को कैथोड (cathode) तथा धातु से बने हुए टर्मिनल को एनोड (anode) कहा जाता है। शॉटकी डायोड का प्रतीक (schottky diode ka pratik) नीचे दिया गया है।
शॉटकी डायोड का उपयोग (Uses Of Schottky Diode In Hindi)— शॉटकी डायोड का उपयोग (schottky diode ka upyog) निम्न स्थानों पर किया जाता है।
1. शॉटकी डायोड का उपयोग SMPS में किया जाता है।
2. शॉटकी डायोड का उपयोग रिवर्स करंट प्रोटेक्शन (reverse current protection) में किया जाता है।
3. शॉटकी डायोड का उपयोग वोल्टेज क्लैंपिंग सर्किट (voltage clamping circuit) में किया जाता है।
4. शॉटकी डायोड का उपयोग सोलर सेल (solar cell) में भी किया जाता है।
5. शॉटकी डायोड का उपयोग उच्च आवृत्ति अनुप्रयोगों में किया जाता है।
शॉटकी डायोड और सामान्य P-N डायोड में अन्तर (Difference Between Schottky Diode And PN Diode)— शॉटकी डायोड और सामान्य P-N डायोड में (schottky diode aur pn diode me antar) निम्नलिखित अन्तर होता है।
1. शॉटकी डायोड में धारा केवल मैंजोरिटी वाहको इलेक्ट्रॉन के कारण होती है जबकि सामान्य डायोड (PN diode) में इलेक्ट्रॉन और होल (electron & hole) दोनों के कारण धारा प्रवाहित होती है।
2. शॉटकी डायोड का पोटेंशियल बैरियर (potential barrier) सामान्य डायोड से कम होता है।
3. शॉटकी डायोड में धारा प्रवाह केवल इलेक्ट्रॉन के कारण होता है, होल्स के कारण नहीं अतः शॉटकी डायोड का उपयोग उच्च आवृत्ति अनुप्रयोगों (high frequency application) (300 MHz) में किया जाता है।
शॉटकी डायोड का उदाहरण— IN5817 शॉटकी डायोड का उदाहरण है।
शॉटकी डायोड क्या होता है? (Schottky Diode Kya Hota Hai)— इस आर्टिकल मे शॉटकी डायोड क्या होता है। शॉटकी डायोड की कार्यप्रणाली, संरचना, प्रतीक और शॉटकी डायोड के उपयोग के बारे में बताया गया है। इसी तरह के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटीआई इलेक्ट्रिशियन से सम्बन्धित जानकारी के लिए इस ब्लॉग को जरूर फॉलो करे तथा इस आर्टिकल के बारे में अपना सुझाव हमे कमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके जरूर बताएं धन्यवाद।
Nice post
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