थ्री फेज प्रणाली में अन्त: संयोजन की विधियां [Interconnection Method in Three Phase System]
अन्त: संयोजन (Interconnection)— थ्री फेज परिपथ में 120° के अन्तर पर 3 वाइंडिंग होती है जिनमे से 6 सिरे निकाले जाते है। इन 6 सिरो को अलग अलग जोड़ा जाए तो प्रत्येक के लिए 2 तारों की आवश्यकता अर्थात 6 तारों की जरूरत होगी इसलिए इन 6 सिरो को आपस में जोड़ दिया जाता है इन सिरो को आपस में जोड़ने की विधियां अंतः संयोजन की विधियां कहलाती है।
थ्री फेज में अंतः संयोजन की विधियां है— थ्री फेज प्रणाली में अंतः संयोजन की 2 विधियां प्रचलित है—
1. स्टार या वाई संयोजन (Star or Wye, Y)
2. डेल्टा या मेस संयोजन (Delta or Mesh, ∆)
याद रखने योग्य बातें— थ्री फेज के मोटर, अल्टरनेटर या ट्रांसफार्मर के वाइंडिंग के सिरों को U1, U2, V1, V2, W1, W2, से मार्किंग किया जाता है।
स्टार और डेल्टा संयोजन की विधिया— स्टार और डेल्टा संयोजन की विधियो के बारे में नीचे विस्तृत जानकारी दी गई है–
1. स्टार कनेक्शन (संयोजन) (Star Connection In Hindi)— स्टार कनेक्शन (संयोजन) निम्न प्रकार से किया जाता है–
- स्टार संयोजन में तीनो वाइंडिंग के तीन एक समान सिरे एक साथ जोड़े जाते है।(प्रारंभिक सिरा या अंतिम सिरा)
- जहां ये तीन सिरे एक साथ जोड़े जाते है वह बिन्दु न्यूट्रल (Neutral) बिन्दु या स्टार बिंदु (Star Point) कहलाता है, तथा शेष अन्य तीन सिरो को सप्लाई से जोड़ा जाता है। जहा तीनो सिरो को जोड़ा जाता है वह एक तार स्वत: बन जाता है और वह न्यूट्रल कहलाता है।
- स्टार संयोजन में न्यूट्रल स्वत: बनता है अगर आवश्यकता हो तो इस न्यूट्रल का प्रयोग किया जाता है अन्यथा इसे वैसे ही छोड़ दिया जाता है। जैसे– थ्री फेज इंडक्शन मोटर में।
- स्टार सदैव थ्री फेज 4 तार प्रणाली (3ø, 4wire system) होता है इस पर 1ø लाइटिंग (1ø lighting), 1ø पावर (1ø power), 3ø बैलेंस लोड (3ø balance load), 3ø अनबैलेंस (3ø unbalance load) सभी प्रकार के भार इस सप्लाई पर संयोजित किये जा सकते है।
स्टार संयोजन की विशेषता— स्टार संयोजन में निम्न विशेषता होती है—
1. तीनो वाइंडिंग के समान सिरे एक साथ जोड़े जाते है।
2. स्टार में जिस बिन्दु पर तीनो सिरे एक साथ जोड़े जाते है वह स्टार बिन्दु या न्यूट्रल बिन्दु कहलाता है।
3. स्टार सदैव थ्री फेज 4 वायर (3Ø, 4wire) प्रकार का सप्लाई सिस्टम होता है।
4. स्टार संयोजन पर 1ø लाइटिंग & 1ø पावर, 3ø बैलेंस लोड, 3ø अनबैलेंस लोड सभी प्रकार के भार संयोजित किए जा सकते है।
5. स्टार संयोजन में टर्न की संख्या कम होती है अतः इन्सुलेशन डेल्टा की तुलना में आसान होता है।
6. स्टार में सभी लाइन वोल्टेज 120° पर स्थापित होती है।
7. स्टार में लाइन वोल्टेज फेज वोल्टेज से अंडरूट √3 गुना अधिक होती है। VL=√3VP या VP=0.577×VL या VP= VL/√3
8. स्टार संयोजन में लाइन करेंट और फेज करेंट बराबर होती है।
9. स्टार में लाइन वोल्टेज फेज वोल्टेज से 30° आगे (Ahed) होती है।
10. स्टार में लाइन वोल्टेज दो फेजों के सदिश योग के बराबर होता है। फेज अन्तर (एक फेज वोल्टेज Vp को धनात्मक तथा दूसरे Vp को ऋणात्मक लिया जाता है)
(A) सिमेट्रिकल (सममित) बैलेंस लोड (Symmetrical Balance Load)= 0
(B) एसिमेट्रिकल (असममित) अनबैलेंस लोड (Asymmetrical Balance Load)= Ir+Iy+Ib = In
1. दो फेजों के बीच कुल प्रतिरोध R=2R
2. स्टार में कुल प्रतिरोध Rt=√3R
स्टार संयोजन डायग्राम (Star Connection Diagram)— स्टार संयोजन का डायग्राम निम्न प्रकार से बनाया जाता है।
Star Connection Diagram |
डेल्टा या मेश कनेक्शन (संयोजन) (Delta Connection or Mesh Connection in Hindi)— डेल्टा कनेक्शन में दो वाइंडिंग के (दोनो अलग–अलग वाइंडिंग) दो भिन्न भिन्न सिरों को एक साथ जोड़ा जाता है।
डेल्टा संयोजन की विशेषता— डेल्टा संयोजन की निम्न विशेषता होती है—
1. किन्ही दो वाइंडिंग के असमान सिरे एक साथ जोड़े जाते है।
2. इसमें कोई न्यूट्रल नही होता है अतः सदैव 3ø, 3 तार (3 Phase,3 Wire System) सिस्टम होता है।
3. डेल्टा कनेक्शन केवल 3ø बैलेंस लोड के लिए उपयोगी होता है।
4. न्यूट्रल न होने के कारण अर्थ की संभावना नहीं होती है अतः हाई इन्सुलेशन (High Insulation) की आवश्यकता होती है।
5. लाइन वोल्टेज फेज वोल्टेज के बराबर होता है। VL=VP क्योंकि एक फेज वाइंडिंग सीधे दो फेजों से संयोजित होती है और दो फेजों के बीच मापे (measure) जाने वाली वोल्टेज को लाइन वोल्टेज कहते है और एक वाइंडिंग को मिलने वाली वोल्टेज को फेज वोल्टेज कहते है।
6. लाइन करेंट फेज करेंट का √3 गुना होता है।
9. लाइन करेंट फेज करेंट से 30° पीछे होता है।
डेल्टा संयोजन डायग्राम (Delta Connection Diagram)— डेल्टा में संयोजन निम्न प्रकार से किया जाता है–
Delta Connection Diagram |
डेल्टा संयोजन फेजर डायग्राम (Delta Connection Phaser Diagram)— डेल्टा संयोजन का वेक्टर डायग्राम निम्न प्रकार का होता है।
स्टार (तारा) कनेक्शन तथा डेल्टा कनेक्शन में अन्तर (Difference Between Star Connection And Delta Connection In Hindi)— स्टार कनेक्शन और डेल्टा कनेक्शन में अन्तर नीचे दिया गया है–
1. स्टार कनेक्शन की तुलना में डेल्टा कनेक्शन में लाइन करेंट √3 गुना होती है। क्योंकि डेल्टा में दो फेजों के बीच प्रतिरोध स्टार की अपेक्षा 1/3 हो जाता है।
2. स्टार कनेक्शन की अपेक्षा डेल्टा कनेक्शन में शक्ति खपत 3 गुना अधिक होता है।
3. स्टार कनेक्शन और डेल्टा कनेक्शन दोनो में कुल शक्ति P=√3VL.IL.Cosø होता है।
4. डेल्टा कनेक्शन की तुलना में स्टार कनेक्शन का टार्क कम होता है। 1/√3 (57.7%) या 58%
याद रखे– 3 वाइंडिंग वाला स्टार कनेक्शन 2 वाइंडिंग वाले डेल्टा (V-V बैंक) के बराबर होता है। अर्थात यदि ट्रांसफार्मर को V-V आकृति में संयोजित किया गया है और स्टार-स्टार में आकृति में संयोजित किया गया है तो आउटपुट समान होगा। यदि मोटर को 2 वाइंडिंग में डेल्टा बना करके और स्टार में 3 वाइंडिंग में जोड़ कर देखने पर मोटर टार्क बराबर देगी।
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