क्रॉस फील्ड डीसी मशीन
क्रॉस फील्ड डीसी मशीन एक विशेष प्रकार की मशीन होती है।
इस आर्टिकल मे क्रॉस फील्ड डीसी मशीन क्या होता है। मेटाडाईन और एम्प्लीडाइन क्या होता है (Metadyne & Amplidine) और इसके साथ ही रोजेनबर्ग के बारे में बताया गया है।
मेटाडाईन (Metadyne)— मेटाडाईन नियत धारा स्रोत (constant current source/कांस्टेंट करेंट सोर्स) के रूप में माना जाता है। वास्तव में इन मशीनों को क्रॉस फील्ड डीसी मशीन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन मशीनों में ब्रूश एक जोड़ा अधिक होता है या कह सकते है की डीसी क्रॉस फील्ड मशीन 2 पोल की मशीन होती है अतः इसमें ब्रुश सेट 2 होता है। दोनो ब्रुश सेट एक दूसरे से 90° पर होता है इसमें से एक को शॉर्ट रखा जाता है तथा एक सेट आउटपुट देता है। इन मशीनों में
इंटरपोल वास्तव में ब्रुश सेट के अनुसार लगाते है यदि मशीन में 2 पोल है तो इंटरपोल 4 होगे। इन मशीनों को डीसी क्रॉस फील्ड डीसी मशीन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन मशीनों की कार्यप्रणाली सेपरेट डीसी एक्साइटर जनरेटर (seprate dc excited generator) की तरह होती है।
मेटाडाईन की कार्यप्रणाली (Working Principle of Metadyne)— चित्र में प्रदर्शित क्रॉस फील्ड स्टेटर या बॉडी में होता है। चित्र में प्रदर्शित A चित्र को जैसे ही एक्साइट करते है। चित्र B में प्रदर्शित आर्मेचर को प्रभावित करता है। चित्र A के स्टेटर के फ्लक्स से आर्मेचर में एक ईएमएफ उत्पन्न होता है। जो ब्रुश सेट शॉर्ट है (B और B') उसके आर्मेचर चालको में एक एमएमएफ उत्पन्न हो जाता है। इस उत्पन्न एमएमएफ की वजह से आर्मेचर प्रतिक्रिया (armature react) करना शुरू कर देता है जिससे आर्मेचर में एक वोल्टेज उत्पन्न होता है जो लोड को प्रदान कर दिया जाता है।
एम्प्लीडाइन (Amplidine)— एम्प्लीडाइन, मेटाडाईन का ही संशोधित रूप है। एम्प्लीडाइन और मेटाडाईन में मुख्य अन्तर यह होता है कि एम्प्लीडाइन के बाहरी आउटपुट सर्किट में एक अतिरिक्त वाइंडिंग जुड़ी होती है जिसे कम्पनसेटिंग वाइंडिंग कहते है। यह कम्पनसेटिंग वाइंडिंग दूसरे B एक्सिस के (B axis) एमएमएफ (mmf) के विपरीत में एक एमएमएफ तैयार करती है जोकि एक दूसरे को न्यूट्रिलाइज करती है और जो मुख्य फील्ड फ्लक्स (main field flux) प्रभावित नही होता है नियत (constant) रहता है।
रोजेनबर्ग जनरेटर (Rosenberg Generator)— यह एक विशेष प्रकार का डीसी शंट जनरेटर (dc shunt generator) होता है। जो क्रॉस फील्ड डीसी मशीन (cross field dc machine) की क्षेणी में आता है। एक निश्चित गति के बाद इस जनरेटर सप्लाई नियत (constant) होती है तथा इसके बाद गति पर निर्भर नहीं करता है। तथा एक निश्चित नियत धारा (constant current) प्रदान करता है।
रोजेनबर्ग जनरेटर इलेक्ट्रोस्टेटिक्स (electrostatics) सिद्धांत पर कार्य करता है। इसमें प्रेरित ईएमएफ (induce emf) की दिशा घूमने की दिशा से स्वतंत्र होती है तथा यह एक हाई स्पीड मशीन होती है।
रोजेनबर्ग जनरेटर की विशेषता (Characteristics of Rosenberg Generator)— रोजेनबर्ग जनरेटर में निम्नलिखित विशेषताएं होती है।
1. रोजेनबर्ग जनरेटर एक उच्च गति जनरेटर (high speed generator) होता है।
2. रोजेनबर्ग जनरेटर नियत धारा (constant current) प्रदान करता है तथा स्पीड (speed) से कोई निर्भरता नही होती है।
3. रोजेनबर्ग जनरेटर सामान्यतः 2 पोल की मशीन है लेकिन ब्रुश एक्सिस (brush axis) या सेट (set) 2 होता है तथा ब्रुशो के सेट हमेशा 90° पर होता है।
4. वोल्टेज पोलेरिटी (voltage polarity) घुर्णन दिशा से स्वतंत्र होता है।
5. इसमें कोई कंपनसेटिंग वाइंडिंग (compensation winding) नही होती है।
रोजेनबर्ग जनरेटर का उपयोग (Use of Rosenberg Generator)— रोजेनबर्ग जनरेटर का उपयोग ट्रेन लाइटिंग (train lighting) में किया जाता है। ट्रेन की लाइटिंग में सबसे ज्यादा उपयोग रोजेनबर्ग जनरेटर का किया जाता है क्योंकि यह नियत धारा (constant current) प्रदान करता है।
क्रॉस फील्ड डीसी मशीन क्या होता है? (Cross Field DC Machine Kya Hota Hai) तथा मेटाडाईन और एम्प्लीडाइन क्या होता है? (Metadyne & Amplidine Kya Hota Hai)— दोस्तो क्रॉस फील्ड डीसी मशीन क्या होता है? इसके बारे में ये आप लोगो को कैसा लगा इसके बारे में हमे कमेंट करके जरूर बताएं और इसी तरह आईटीआई इलेक्ट्रिशियन आधारित थ्योरी के लिए इलेक्ट्रिक टॉपिक ब्लॉग को जरूर फॉलो करे।
Very nice bro
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