Network Theorem Definition |
1. सर्किट एलीमेंट्स या पैरामीटर्स (Circuit Elements or Parameters)— विद्युत परिपथ के विभिन्न अवयव जैसे- प्रतिरोधक, प्रेरक और संधारित्र सर्किट एलीमेंट्स या पैरामीटर्स कहलाते है। इन सर्किट एलीमेंट्स के दो या दो से अधिक टर्मिनल होते है जिनके द्वारा इन्हे दूसरे घटकों के साथ जोड़ा जाता है।
2. नेटवर्क और सर्किट (Network and Circuit)— विभिन्न सर्किट एलीमेंट्स का संयोजन चाहे वे किसी भी प्रकार संयोजित किये गए हो नेटवर्क कहलाता है। विद्युत सर्किट एक क्लोज इनर्जाइज्ड नेटवर्क (Close Energized Network) होता है जिसमे विद्युत धारा प्रवाहित होती है या प्रवाहित होने का प्रयास करती है। प्रत्येक नेटवर्क सर्किट नही होता है लेकिन प्रत्येक सर्किट एक नेटवर्क होता है।
3. निष्क्रिय नेटवर्क (Passive Network)— ऐसा नेटवर्क जिसमे कोई ऊर्जा स्रोत नही लगा होता है निष्क्रिय नेटवर्क कहलाता है।
4. सक्रिय नेटवर्क (Active Network)— ऐसा नेटवर्क जिसमे अन्य सर्किट एलिमेट्स के साथ-साथ ऊर्जा स्रोत भी लगे हो एक्टिव नेटवर्क कहलाता है।
5. लम्प्ड नेटवर्क (Lumped Network)— ऐसा नेटवर्क जिसमे प्रतिरोधको, प्रेरकों और संधारित्रो को अलग सर्किट एलीमेंट्स के रूप में प्रदर्शित (Represent) किया जा सके लम्प्ड नेटवर्क कहलाता है।
6. वितरित नेटवर्क (Distributed Network)— वितरित नेटवर्क में सर्किट एलीमेंट्स को विद्युत रूप से अलग करके प्रदर्शित नही किया जा सकता है। जैसे– ट्रांसमिशन लाइन
ट्रांसमिशन लाइन वितरित प्रतिरोध, प्रेरकत्व और धारिता होती है जो की पूरी ट्रांसमिशन लाइन में समान रूप से वितरित होती है ऐसे में इन वितरित प्रतिरोधो, प्रेरकत्वो और धारिताओ को विद्युत रूप से अलग करके नही दर्शाया जा सकता हैं।
7. बाइलैट्रल नेटवर्क (Bilateral Network)— बाइलैट्रल नेटवर्क वह होता है जिसके अभिलक्षण धारा की दिशा बदलने से अप्रभावित रहती हैं। अर्थात इन के अभिलक्षण धारा की दिशा बदलने पर भी समान लगती है। जैसे– प्रतिरोध, ट्रांसमिशन लाइन
8. यूनिलैटरल नेटवर्क (Unilateral Network)— यूनिलैटरल नेटवर्क वह होता है जिसके अभिलक्षण प्रचालन की दिशा पर निर्भर करता है अर्थात प्रचालन की दिशा परिवर्तित होने पर परिपथ के अभिलक्षण भी बदल जाते हैं। जैसे– डायोड
9. रैखिक नेटवर्क (Linear Network)— ऐसा नेटवर्क जिसमें रैखिक एलीमेंट्स लगे होते हैं लीनियर नेटवर्क कहलाता है। रैखिक एलिमेंट वह होता है जिसमें धारा तथा वोल्टेज के मध्य रैखिक सम्बंध (Linear Relation) होता है।
रैखिक नेटवर्क पर अध्यारोपण का सिद्धांत लागू होता है।
10. नॉन–रैखिक नेटवर्क (Non-linear Network)— ऐसा नेटवर्क जिसमें नॉन–रैखिक नेटवर्क लगे होते हैं। नॉन लीनियर नेटवर्क कहलाता है। जैसे– डायोड
नॉन–रैखिक नेटवर्क पर सुपरपोजिशन थ्योरम अर्थात अध्यारोपण का प्रमेय लागू नहीं होता है।
11. ब्रांच (Branch)— सर्किट एलिमेंट का ग्रुप जिनको सीरीज में जोड़ा जाता है, तथा जिसके दो टर्मिनल होते हैं ब्रांच (शाखा) कहलाता है।
12. लूप (Loop)— लूप ब्रांच का वह समूह होता है जो मिलकर बंद परिपथ (Closed Path) बनाता है। यदि इसमें से एक भी ब्रांच को हटा लिया जाए तो पथ ओपन (Open Path) हो जाता है।
13. मैश (Mesh)— यदि किसी लूप के अंदर कोई दूसरी लूप ना हो तो वह मैश कहलाता है।
14. नोड या जंक्शन (Node or Junction)— नेटवर्क के किसी ब्रांच का वह टर्मिनल जो कि दो या दो से अधिक ब्रांच से कॉमन (Common) हो नोड या जंक्शन कहलाता है।
15. विभव स्रोत (Voltage Source)— विभव स्रोत वह होता है जिसके सिरों पर पोटेंशियल (Potential) नियत रहता है तथा धारा के मान पर निर्भर नहीं करता है विभव स्रोत कहलाता है।
16. धारा स्रोत (Current Source)— धारा स्रोत वह होता है जिसमें एक नियत धारा प्रवाहित होती है तथा यह धारा स्त्रोत के दो सिरो के मध्य वोल्टेज पर निर्भर करती है धारा स्रोत कहलाता है।
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Very informative article
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