फैराडे के विद्युतचुम्बकीय प्रेरण का प्रथम और द्वितीय नियम
[Faraday's Electromagnetic Induction First and Second Law in Hindi]
फैराडे के विद्युत विद्युतचुम्बकीय प्रेरण संबंधी 2 नियम है, इस नियम से जो emf उत्पन्न होता है वह सदैव प्रत्यावर्ती प्रकार का होता है। विद्युतचुम्बकीय प्रेरण के सिद्धान्त की खोज माइकल फैराडे ने सन् 1831 में की, और जोसेफ हेनरी ने भी उसी वर्ष स्वतन्त्र रूप से इस सिद्धान्त की खोज की।
Faraday's Electromagnetic Induction Law |
फैराडे का विद्युतचुम्बकीय प्रेरण का प्रथम नियम (Faraday's Electromagnetic Induction First Law in Hindi)— (।) "जब कोई चालक चुम्बकीय फ्लक्स (चुम्बकीय बल रेखाओं) को काटता है, तो उस समय चालक में ईएमएफ (emf) उत्पन्न होता है।"
या
"जब कोई फ्लक्स किसी चालक को काटता है तो चालक में emf उत्पन्न हो जाता है जिसे गतिज प्रेरित विद्युत वाहक बल कहते हैं।"
इस नियम के अनुसार emf उत्पन्न करने के लिए 3 चीजों की आवश्यकता होती है–
(1) चालक
(2) चुम्बकीय क्षेत्र
(3) सापेक्ष गति
चालक और चुम्बकीय क्षेत्र के बीच सापेक्ष गति अर्थात चालक गति करें और चुम्बकीय फ्लक्स स्थिर रहे या चुम्बकीय फ्लक्स गति करें और चालक स्थिर रहे।
- इस नियम के अनुसार चालक या चुम्बकीय क्षेत्र गतिमान होना चाहिए।
- फैराडे के विद्युत विद्युतचुम्बकीय प्रेरण के नियम के अनुसार प्रेरित emf को गतिज प्रेरित emf (Dynamic Induce EMF) कहा जाता है।
- फैराडे के इस नियम के अनुसार जिसमें विद्युत वाहक बल (emf) उत्पन्न होता है उन मशीनों को जनरेटर (एसी जनरेटर या डीसी जनरेटर) और आल्टरनेटर कहा जाता है इन मशीनों में प्रेरित emf गतिज प्रकार का होता है।
- डीसी जनरेटर में प्रेरित emf गतिज प्रकार का होता है।
(।।) जब किसी चालक से ग्रंथित फ्लक्स (Linked Flux) के मान में परिवर्तन होता है तो चालक में emf उत्पन्न होता है। इस उत्पन्न emf में एक को सेल्फ इडक्शन (Self Induction) और दूसरे को म्यूच्यूअल इंडक्शन (Mutual Induction) कहते हैं।
जब खुद उसी क्वायल में emf उत्पन्न हो रहा हो तब उसे सेल्फ इंडक्शन तथा यदि दूसरी क्वायल में emf उत्पन्न हो रहा हो तो उसे म्युचुअल इंडक्शन कहते हैं।
- इसमें दोनों चालक स्थिर होते हैं तथा जुड़ा हुआ फ्लक्स गति करता है जिसकी वजह से दूसरे चालक में emf उत्पन्न हो जाता है। इसे स्थितिज प्रेरित विद्युत वाहक बल कहते हैं। जैसे– ट्रांसफार्मर, इंडक्शन मोटर में।
- इस नियम के अनुसार जो प्रेरित emf (Induce EMF) होता है, उसे स्टैटिक इंड्यूस्ड ईएमएफ (Static Induce EMF) कहते हैं।
- इस नियम के अनुसार कोई यांत्रिक रूप से सापेक्ष गति नहीं मिलती है। जैसे– ट्रांसफॉर्मर, इंडक्शन मोटर में [दोनों Mutual Induction के सिद्धांत पर कार्य करते है]
फैराडे का विद्युतचुम्बकीय प्रेरण का द्वितीय नियम (Faraday's Electromagnetic Induction Second Law in Hindi)— "इस नियम के अनुसार प्रेरित emf फ्लक्स परिवर्तन की दर के समानुपाती होता है।"
इस नियम के अनुसार प्रेरित emf फ्लक्स में परिवर्तन और परिवर्तन में लगा समय के दर के समानुपाती होता है। इस प्रकार प्रेरित emf तब तक विद्यमान रहता है जब तक फ्लक्स का छेदन होता रहता है और जो प्रेरित emf होता है वह फ्लक्स परिवर्तन की दर के समानुपाती होता है।
Faraday's Electromagnetic Induction Second Law |
फैराडे के विद्युतचुम्बकीय प्रेरण नियम की विशेषता— फैराडे के विद्युतचुम्बकीय प्रेरण नियम की विशेषता नीचे दी गई है–
A. फैराडे के विद्युतचुम्बकीय प्रेरण नियम के अनुसार प्रेरित emf सदैव ac होता है।
B. प्रेरित emf सदैव चालक में होता है चाहे चालक गति कर रहा हो या चालक स्थिर हो।
C. फैराडे के विद्युतचुम्बकीय प्रेरण नियम के अनुसार उत्पन्न emf दो प्रकार का होता है–
1. गतिज प्रेरित emf
2. स्थैतिक प्रेरित emf
- गतिज प्रेरित emf— चालक और चुम्बकीय क्षेत्र दोनों में से कोई एक गतिमान होता है। जैसे– एसी, डीसी जनरेटर
- स्थैतिक प्रेरित emf– इसमें दोनों चालक होते हैं और स्थिर रहते है उनके बीच चुम्बकीय क्षेत्र गति करता है। जैसे– ट्रांसफॉर्मर और इंडक्शन मोटर इत्यादि।
- गतिज प्रेरित emf में— चालक स्थिर तथा चुम्बकीय क्षेत्र गतिमान होता है। जैसे– उत्पादन केंद्र का एसी जनरेटर (11केवी से ऊपर)
या
- चालक गतिमान तथा चुम्बकीय क्षेत्र स्थिर होता है। जैसे– डीसी जनरेटर (440 वोल्ट एसी जनरेटर)
नोट— किसी जनरेटर में स्लिप रिंग (Slip Ring), कम्युटेटर (commutator) लगेगा या नहीं यह इस बात पर निर्भर करेगा कि चालक कैसा है। [EMF सदैव चालक में उत्पन्न होता है]
1. यदि चालक स्थिर हो और चुम्बकीय क्षेत्र गतिमान हो तब– चालक स्थिर हो और चुम्बकीय क्षेत्र गतिमान हो ऐसी मशीनों में आउटपुट प्राप्त करने के लिए।
आउटपुट में emf प्राप्त करने के लिए किसी भी स्लिप रिंग या कंप्यूटेशन (स्प्लिट रिंग) की आवश्यकता नहीं होगी सीधे चालक के स्टेटर वाइंडिंग से आउटपुट ले सकते हैं। लेकिन घूमते हुए रोटर में चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए स्लिप रिंग के माध्यम से डीसी देते हैं। (परन्तु ऐसे जनरेटर में स्लिप रिंग होगी क्योंकि चुम्बकीय क्षेत्र अर्थात रोटर घूम रहा है उसे डीसी स्लिप रिंग से देते हैं)
2. यदि चालक गतिमान और चुम्बकीय क्षेत्र स्थित हो तब–
जहां चालक गतिमान हो और चुम्बकीय क्षेत्र स्थित हो ऐसी मशीनों में आउटपुट प्राप्त करने के लिए।
A. डीसी प्राप्त करने के लिए– कम्युटेटर + कार्बन ब्रुश
B. 1ø एसी अल्टरनेटर में आउटपुट प्राप्त करने के लिए– 2 स्लिप रिंग + कार्बन ब्रुश
C. 3ø एसी अल्टरनेटर में आउटपुट प्राप्त करने के लिए जब डेल्टा संयोजन हो– 3 स्लिप रिंग + कार्बन ब्रुश
D. 3ø एसी अल्टरनेटर में आउटपुट प्राप्त करने के लिए जब स्टार संयोजन हो– 4 स्लिप रिंग + कार्बन ब्रुश
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