चुम्बकीय पदार्थों का वर्गीकरण (Classification of Magnetic Substances)
चुम्बकीय पदार्थों का वर्गीकरण सामान्यतः 3 भागों में किया जाता है परन्तु हम इस लेख में चुम्बकीय पदार्थों के 4 भागों के वर्गीकरण के बारे में विस्तृत चर्चा करेगे।
1. लौह चुम्बकीय पदार्थ (Ferro Magnetic Substances)— वह पदार्थ जो एक चुम्बक द्वारा प्रबलता से आकर्षित होते हैं। लौह चुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं। जैसे– निकिल, लोहा, कोबाल्ट, स्टील और उनके एलॉय और मैग्नेटाइट इत्यादि।
लौह चुम्बकीय पदार्थ की विशेषता— लौह चुम्बकीय पदार्थ में निम्न विशेषताएं होती है–
(1) लौह चुम्बकीय पदार्थ, चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर चुम्बक की भांति कार्य करते हैं तथा चुम्बकीय फ्लक्स में बहुत अधिक वृद्धि करते हैं।
(2) लौह चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति धनात्मक होती है तथा इनकी सापेक्ष चुम्बकशीलता इकाई से बहुत अधिक होती है।
(3) लौह चुम्बकीय पदार्थ का उपयोग स्थाई और अस्थाई दोनों प्रकार के चुम्बक बनाने में किया जाता है।
- चुम्बकीय प्रवृत्ति– धनात्मक
- सापेक्ष चुम्बकशीलता– इकाई से बहुत अधिक (1<<K, More more than unity)
2. अनु चुम्बकीय पदार्थ (Para Magnetic Substances)— वह पदार्थ जो प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा कुछ आकर्षित होते हैं अनु चुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं। जैसे– एल्यूमिनियम, मैगनिज, प्लेटिनम, सिल्वर नाइट्रेट, वायु, सोडियम, ऑक्सीजन और कापर क्लोराइड इत्यादि।
अनु चुम्बकीय पदार्थ की विशेषता— अनु चुम्बकीय पदार्थ की निम्न विशेषताएं होती है–
(1) प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर चुम्बकीय फ्लक्स के मान में काफी वृद्धि करते है लेकिन कभी खुद चुम्बक नहीं बनते है।
(2) अनु चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति धनात्मक होती है तथा इनकी सापेक्ष चुम्बकशीलता इकाई से कुछ अधिक होती है।
- चुम्बकीय प्रवृत्ति– धनात्मक
- सापेक्ष चुम्बकशीलता– इकाई से कुछ अधिक (1<K, More than unity)
3. प्रति चुम्बकीय पदार्थ (Dia Magnetic Substances)— वह पदार्थ जो केवल प्रबल चुंबको द्वारा कुछ प्रतिकर्षित होते हैं। प्रति चुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं। जैसे– बिस्मथ, सल्फर, ग्रेफाइट, कांच, कागज, लकड़ी, जल, हीरा, सोना, चांदी, मरकरी, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन और नमक इत्यादि।
प्रति चुम्बकीय पदार्थ की विशेषता— प्रति चुम्बकीय पदार्थ की निम्न विशेषताएं होती है–
(1) प्रति चुम्बकीय पदार्थ प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा विपरीत चुम्बकित होता है।
(2) प्रति चुम्बकीय पदार्थ को चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर चुम्बकीय फ्लक्स में कमी आती है।
(3) प्रति चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति ऋणात्मक होती है तथा इनकी सापेक्ष चुम्बकशीलता इकाई से कम होती है।
(4) प्रति चुम्बकीय पदार्थ में बिस्मथ सबसे प्रबल पदार्थ होता है।
- चुम्बकीय प्रवृत्ति– ऋणात्मक
- सापेक्ष चुम्बकशीलता– इकाई से कम (1>K, Less than unity)
4. प्रति चुम्बकीय पदार्थ (Anti Ferro Substance)— प्रति चुम्बकीय पदार्थ वे होते हैं जो प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र में विपरीत दिशा में बल लगाते हैं। चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर ये फ्लक्स में कोई परिवर्तन नहीं लाते हैं। जैसे– हेमेटाइट, लौह मैंगनीज, क्रोमियम, निकिल ऑक्साइड, MNO, FeO, CoO, NiO, Mn, MnO4, MnS, और FeCl3 इत्यादि।
Anti Substance पदार्थ को भी प्रति चुम्बकीय पदार्थ करते हैं। परन्तु वास्तव में डायामैग्नेटिक चुम्बकीय पदार्थ (Dia Magnetic Substances) और एंटी फेरो चुम्बकीय पदार्थ (Anti Ferro Substance) में बहुत अन्तर होता है।
प्रति चुम्बकीय पदार्थ की विशेषता— प्रति चुम्बकीय पदार्थ की निम्न विशेषताएं होती है–
(1) प्रति चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति धनात्मक होती है तथा इनकी सापेक्ष चुम्बकशीलता इकाई से कम होती है।
- चुम्बकीय प्रवृत्ति– धनात्मक
- सापेक्ष चुम्बकशीलता– इकाई से कम (1>K, Less than unity)
याद रखे— यदि प्रश्न में Dia Magnetic Material पूछे और विकल्प में चांदी, बिस्मथ, जस्ता इत्यादि हो तो चांदी को नहीं लेंगे बाकी अन्य पदार्थ को लेंगे इसी प्रकार यदि Para Magnetic Material पूछे और विकल्प में प्लेटिनम, सोडियम, चांदी दिया हो तो चांदी को नहीं लेंगे।
क्यूरी वाइस नियम (Curie–Weiss Law)— क्यूरी वाइस नियम चुम्बकीय पदार्थ तथा ताप के बीच सम्बंध दर्शाता है, अर्थात चुंबक की Susceptibility ताप के साथ परिवर्तित होती है। इस नियम के अनुसार बताया गया था कि पदार्थ ताप के साथ कैसे–कैसे बदलता है।
क्यूरी ताप (Curie Temperature)— क्यूरी तापमान वह ताप होता है जिस पर एक लौह चुम्बकीय पदार्थ (Ferro Magnetic Substances), अनु चुम्बकीय पदार्थ (Para Magnetic Substances) बन जाता है।
प्रश्न— चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकशीलता?
(A) ताप के साथ बदलती है
(B) ताप के साथ कभी नहीं बदलती
(C) A या तो B सही है
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर– A
अर्थात ताप के साथ पदार्थ की चुम्बकशीलता इतनी घटती है कि लोहा और निकिल वैसे ही कार्य करने लगते हैं जैसे सोडियम और प्लैटिनम करते हैं।
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