आग एक रासायनिक क्रिया का परिणाम है, जो किसी ज्वलनशील पदार्थ के जलने से उत्पन्न होती है। आग तब लगती है जब किसी स्थान पर ईंधन, ऑक्सीजन और ऊष्मा तीनों घटक एक साथ उपस्थित हो जाते हैं। इन तीनों को मिलाकर Fire Triangle कहा जाता है। यदि इनमें से किसी एक घटक को हटा दिया जाए तो आग को रोका या बुझाया जा सकता है। आग की प्रकृति, प्रकार और उसे बुझाने की विधियों की जानकारी ITI Electrician, CITS और Fire Safety परीक्षाओं की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस आर्टिकल में हम आग क्या होता है? आग बुझाने की विधियां, आग के प्रकार और कार्यशाला में आग लगने के क्या–क्या कारण होते है इसके बारे में जानेंगे।
आग क्या है? (What Is Fire)
ज्वलनशील पदार्थ के जलने को आग कहा जाता है। आग तीन घटकों के संयुक्त उपस्थिति से होता है। यदि किसी स्थान पर आक्सीजन (Oxygen), ईंधन (Fuel) तथा ऊष्मा (उच्च तापमान) (Temperature) एक जगह एकत्रित हो जाए तो वहा आग लग जाती है अर्थात आग लगने के लिए तीन कारकों का होना आवश्यक है।
1. ईंधन
2. आक्सीजन (वायु)
3. तापमान (ऊष्मा)
आग= ईंधन+आक्सीजन+तापमान
1. ईंधन (Fuel): कोई भी पदार्थ ठोस, द्रव अथवा गैस तब जलेगा जब उसे आक्सीजन और उच्च तापमान दिया जाता है।
2. तापमान (Temperature): कोई भी ईंधन एक निश्चित तापमान पर जलना प्रारम्भ करता है। यह परिवर्तित करता है और ईंधन पर निर्भर करता है जैसे की ईंधन लकड़ी है, या पेट्रोल-डीजल या कोयला इत्यादि।
3. आक्सीजन (Oxygen): आग को जलते रहने के लिए आक्सीजन सामान्यतः पर्याप्त मात्रा में हवा में उपस्थित रहती है बिना आक्सीजन के आग सम्भव नही है।
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आग बुझाने की विधिया (Method of Fire Extinguisher)
आग बुझाने की 3 विधियां होती है जिनमें से किसी भी एक विधि का प्रयोग करके आग को बुझाया जा सकता है। ये आग के प्रकार और किस वस्तु में आग लगी है उसपर निर्भर करता है कि हमें कब और कहां किस विधि का प्रयोग आग बुझाने के लिए करना चाहिए।
चूंकि आग लगने के लिए तीन घटक ईंधन, आक्सीजन और ऊष्मा की जरूरत होती हैं। इसलिए ईंधन, आक्सीजन और ऊष्मा में से किसी एक घटक को हटा कर आग को बुझाया जा सकता है। इसलिए आग बुझाने की तीन विधियां होती है।
1. ईंधन को हटाकर आग बुझाना (Starving Method): स्टार्विंग का अर्थ होता है भूखे मारना अर्थात जहां आज लगी है यदि संभव हो तो ईंधन को ही हटा दे जिससे आग बुझ जायेगी। ईंधन की आग इस तत्व को हटाता है।
Starving आग बुझाने की वह विधि है जिसमें आग के लिए आवश्यक ईंधन (Fuel) को हटा दिया जाता है, जिससे आग को जलते रहने के लिए आवश्यक पदार्थ नहीं मिलता और आग अपने-आप बुझ जाती है।
इस विधि में ईंधन की सप्लाई रोकना, ईंधन को आग से अलग करना या जलने वाले पदार्थ को हटा देना शामिल होता है। उदाहरण के लिए— गैस सिलेंडर की आग में वाल्व बंद करना, या आग के आसपास रखे ज्वलनशील पदार्थों को हटा देना।
यह विधि उन परिस्थितियों में अधिक प्रभावी होती है जहाँ ईंधन की आपूर्ति को नियंत्रित किया जा सकता है।
Starving विधि का मुख्य उद्देश्य Fire Triangle के “Fuel” घटक को समाप्त करना है।
2. हवा को रोककर आग बुझाना (Smothering Method): झाग या छोटी मोटी आग है तो रेत या मिट्टी से ढककर आक्सीजन की सप्लाई को आग से अलग किया जा सकता है।
Smothering आग बुझाने की वह विधि है जिसमें आग को मिलने वाली ऑक्सीजन (हवा) की आपूर्ति को रोक दिया जाता है, जिससे दहन प्रक्रिया रुक जाती है और आग बुझ जाती है।
क्योंकि आग को जलते रहने के लिए ऑक्सीजन आवश्यक होती है, इसलिए जब आग को झाग, रेत, मिट्टी, कंबल, CO₂ या ढकने वाले पदार्थ से ढक दिया जाता है, तो ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है।
यह विधि विशेष रूप से ज्वलनशील द्रवों (पेट्रोल, डीज़ल, केरोसिन) और गैस या विद्युत आग के लिए उपयोगी होती है, जहाँ पानी का प्रयोग करना सुरक्षित नहीं होता।
Smothering विधि का मुख्य उद्देश्य Fire Triangle के “Oxygen” घटक को हटाना होता है।
3. ठंडा करके आग बुझाना (Cooling Method): ताप कम करने के लिए पानी का उपयोग करना (शीतलन के द्वारा ताप कम करना)।
Cooling आग बुझाने की वह विधि है जिसमें आग के तापमान (Heat) को कम कर दिया जाता है, जिससे दहन प्रक्रिया रुक जाती है और आग बुझ जाती है।
इस विधि में सामान्यतः पानी (Water) का उपयोग किया जाता है, क्योंकि पानी में अधिक ऊष्मा अवशोषित करने की क्षमता होती है। पानी आग की गर्मी को सोख लेता है और तापमान को दहन ताप से नीचे ले आता है।
Cooling विधि मुख्यतः ठोस ज्वलनशील पदार्थों जैसे— लकड़ी, कागज, कपड़ा आदि में लगी आग के लिए उपयोगी होती है।
इस विधि का मुख्य उद्देश्य Fire Triangle के “Temperature (Heat)” घटक को समाप्त करना है।
ध्यान देने योग्य बात:
तेल, पेट्रोल, गैस या विद्युत आग में पानी का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे आग फैलने या करंट लगने का खतरा होता है।
आग के प्रकार (Types of Fire)
आग को उसके ज्वलनशील पदार्थ और प्रकृति के आधार पर विभिन्न श्रेणियों (Class) में विभाजित किया गया है। आग का सही वर्गीकरण करना इसलिए आवश्यक होता है ताकि उपयुक्त अग्निशामक यंत्र और सही विधि का चयन किया जा सके। प्रत्येक श्रेणी की आग के लिए बुझाने की विधि अलग-अलग होती है। आग के प्रकारों की जानकारी ITI Electrician, CITS और Fire Safety परीक्षाओं में अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है।
आग की किस्म और उपयुक्त अग्निशामक सामग्री के आधार पर आग को निम्न प्रकार से बाटा गया है।
श्रेणी ए अग्नि (Class A Fire): सामान्य आग जैसे की लकड़ी, कागज, कपड़ा, जूट, कोयले में लगी आग क्लास A के अंतर्गत आती है। इस श्रेणी की आग को बुझाने के लिए शीतलन (Cooling) अथवा चिक्करण (Smothering आग की सप्लाई काट देना) विधि का प्रयोग करना चाहिए।
श्रेणी B अग्नि (Class B Fire): ज्वलनशील द्रव में लगी आग इस श्रेणी में आती है जैसे की मिट्टी के तेल, डीजल, पेट्रोल आदि में लगी आग इस प्रकार की आग को बुझाने के लिए कभी भी जल की बौछार नही करना चाहिए। इस श्रेणी की आग को बुझाने के लिए चिक्करण (Smothering आग की सप्लाई काट देना) विधि का प्रयोग करना चाहिए।
श्रेणी C अग्नि (Class C Fire): सिलेण्डर में भरी एलपीजी गैस व सीएनजी में लगी आग इस श्रेणी की आग के अन्तर्गत आता है। इस प्रकार की आग बुझाने के लिए अगर सम्भव हो तो आग की सप्लाई काट देनी चाहिए। इस श्रेणी की आग को बुझाने के लिए चिक्करण (Smothering आग की सप्लाई काट देना) विधि का प्रयोग करना चाहिए।
श्रेणी D अग्नि (Class D Fire): सामान्य रूप से धातुओं (Metal) में लगी आग इस श्रेणी के अन्तर्गत आता है। इस श्रेणी में लगी आग को बुझाने के लिए शुष्क चूर्ण (Dry Powder) का प्रयोग किया जाता है।
श्रेणी E अग्नि (Class E Fire): बिजली के तारों, बिजली के उपकरणों में लगी आग इस श्रेणी के अन्तर्गत आता है । इस श्रेणी में लगी आग को बुझाने के लिए शुष्क चूर्ण (Dry Powder), कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), हेलोन प्रकार (CTC) का प्रयोग किया जाता है।
याद रखने योग्य बाते: हेलोन प्रकार दो गैसो कार्बन टेट्राक्लोराइड (CCL4) व ब्रोमोक्लोरो डाई फ्लोरो मिथेन (BCF) का मिश्रण होता है।
श्रेणी F अग्नि (Class F Fire): इस श्रेणी में खाने के तेल में लगी आग आती है। इस प्रकार की आग को बुझाने के लिए गीले द्रव (Wet Chemical) का प्रयोग किया जाता है।
याद रखने योग्य बाते: आस्ट्रेलिया में विद्युत उपकरण में लगी आग को क्लास C श्रेणी में मानते है जबकि यूनाइटेड स्टेट्स (US) में विद्युत उपकरण में लगी आग को क्लास E में मानते है। भारत में विद्युत उपकरण में लगी आग को क्लास E में मानते है अतः यदि आप से प्रश्न किया जाए की विद्युत उपकरण में लगी आग किस श्रेणी के अन्तर्गत आता है तो उत्तर क्लास E करेगे परन्तु यदि आप को विकल्प में क्लास E ना दिया जाए क्लास C दिया जाए तो क्लास C को ही सही करेगे।
अग्निशामक यंत्रों के प्रकार (Type of Fire Extinguisher)
अग्निशामक यंत्र ऐसे उपकरण होते हैं जिनका उपयोग आग को प्रारम्भिक अवस्था में नियंत्रित या बुझाने के लिए किया जाता है। आग के प्रकार और ज्वलनशील पदार्थ के अनुसार अलग-अलग प्रकार के अग्निशामक यंत्र प्रयोग में लाए जाते हैं। प्रत्येक अग्निशामक यंत्र किसी विशेष विधि— Cooling, Smothering या Starving— पर कार्य करता है। इसलिए सही आग के लिए सही अग्निशामक यंत्र का चयन करना Fire Safety, ITI Electrician और औद्योगिक सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है। अग्निशामक यन्त्र निम्नलिखित प्रकार के होते है—
1. जल युक्त अग्निशामक यन्त्र (Water Filled Type Fire Extinguisher)
2. झाग पैदा करने वाला अग्निशामक यन्त्र (Foam Type Fire Extinguisher)
3. शुष्क चूर्ण वाला अग्निशामक यन्त्र (Dry Powder Type Fire Extinguisher)
4. कार्बन डाइऑक्साइड वाला अग्निशामक यन्त्र (Carbon dioxide Type Fire Extinguisher)
5. हेलोन प्रकार का अग्निशामक यन्त्र (Helon Type Fire Extinguisher)
6. गीले द्रव प्रकार का अग्निशामक यन्त्र (Wet Chemical Type Fire Extinguisher)
1. जल युक्त अग्निशामक यन्त्र (Water Filled Type Fire Extinguisher): इस प्रकार के यंत्र में वायुदाब के साथ जल भरा होता है। एक लीवर को दबाने से जल की बौछार होने लगती है जिससे की आग बुझ जाती है। लीवर को हाथ से ही कन्ट्रोल किया जा सकता है लीवर को छोड़ते ही जल की बौछार रुक जाती है।
इस प्रकार के अग्निशामक का प्रयोग क्लास A श्रेणी की आग को बुझाने के लिए किया जाता है।
2. झाग पैदा करने वाला अग्निशामक यन्त्र (Foam Type Fire Extinguisher): इस प्रकार का अग्निशामक यन्त्र जल की बौछार करने के साथ-साथ झाग भी पैदा करता है झाग बनाने के लिए इसमें खनिज तेल, साबुन, जैसे पदार्थ वायु दाब के साथ जल में मिश्रित करके भरे जाते है। यन्त्र का लीवर दबाने पर जल मिश्रित झाग पैदा हो जाता है जो जलती आग के आक्सीजन की सप्लाई को काट कर आग बुझा देता है।
इस प्रकार के अग्निशामक का प्रयोग क्लास B श्रेणी की आग को बुझाने के लिए किया जाता है।
3. शुष्क चूर्ण वाला अग्निशामक यन्त्र (Dry Powder Type Fire Extinguisher): इस प्रकार के अग्निशामक यन्त्र में जल के स्थान पर वायु दाब के साथ चूर्ण भरा होता है। यह चूर्ण ज्वलनशील नही होता है और न ही जलने में सहायक होता है। इस प्रकार के अग्निशामक यन्त्र का लीवर दबाने पर चूर्ण जलती हुई वस्तु की आक्सीजन सप्लाई रोककर आग बुझा देता है।
इस प्रकार के अग्निशामक का प्रयोग क्लास C या क्लास D श्रेणी की आग को बुझाने के लिए किया जाता है।
4. कार्बन डाइऑक्साइड वाला अग्निशामक यन्त्र (Carbon dioxide Type Fire Extinguisher): इस प्रकार के यन्त्र में सोडियम बाइकार्बोनेट का घोल भरा होता है और एक कांच की बोतल में गंधक का तनु अम्ल भरा होता है। बोतल के ऊपर एक धात्विक बोल्ट इस प्रकार लगाया जाता है की यन्त्र को उल्टा करके फर्श पर पटकने से कांच की बोतल टूट जाती है। अम्ल सोडियम बाइकार्बोनेट के संपर्क में आ जाता है और दोनो पदार्थो में रासायनिक क्रिया के फलस्वरूप तेजी से कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है चूकी कार्बन डाइऑक्साइड गैस जलने में सहायक नही होती है और जलने वाली वस्तुओ की आक्सीजन सप्लाई काट देती है जिससे की आग बुझ जाती है।
इस प्रकार के अग्निशामक का प्रयोग क्लास D या क्लास E श्रेणी की आग को बुझाने के लिए किया जाता है।
5. हेलोन प्रकार का अग्निशामक यन्त्र (Helon Type Fire Extinguisher): इस प्रकार के अग्निशामक यन्त्र में कार्बन टेट्राक्लोराइड अथवा ब्रोमोक्लोरो डाई फ्लोरो मिथेन नामक द्रव वायु दाब के साथ भरा होता है। यन्त्र का लीवर दबाने से वायु मिश्रित द्रव का छिड़काव शुरू हो जाता है और आक्सीजन की सप्लाई को काट कर आग को बुझा देता है।
इस प्रकार के अग्निशामक का प्रयोग क्लास F श्रेणी की आग को बुझाने के लिए किया जाता है।
6. गीले द्रव प्रकार का अग्निशामक यन्त्र (Wet Chemical Type Fire Extinguisher): इस प्रकार के अग्निशामक यन्त्र का प्रयोग क्लास F श्रेणी की आग को बुझाने के लिए किया जाता है।
अग्निशामक यंत्रों की कलर कोडिंग (Colour Coding of Fire Extinguisher)
अग्निशामक यंत्रों की कलर कोडिंग का उद्देश्य आपात स्थिति में बिना पढ़े ही यह पहचानना होता है कि कौन-सा अग्निशामक यंत्र किस प्रकार की आग को बुझाने के लिए उपयुक्त है। अलग-अलग रंगों द्वारा अग्निशामक यंत्रों के अंदर भरे पदार्थ और उनकी उपयोगिता को दर्शाया जाता है, जिससे समय की बचत होती है और गलत यंत्र के प्रयोग से होने वाले खतरे से बचा जा सकता है। कलर कोडिंग की जानकारी Fire Safety और ITI Electrician और CITS के विद्यार्थियों के साथ–साथ इंडस्ट्री में काम करने वाले वर्कर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आजकल अग्निशामक यंत्रों की क्लास लिखने के साथ-साथ उनकी कलर कोडिंग की जा रही है जिससे की अगर आग लग जाती है तो हमे पढ़ने के बाद न पता चले कि ये किस श्रेणी की आग को बुझाने के लिए कौन सा अग्निशामक की जरूरत पड़ेगी इसमें क्या है की समय लग सकता है अगर 10-20 अग्निशामक यन्त्र एक साथ रखे हो तो भी हम तुरंत अगर उनकी कलर कोडिंग की गई है तो देख कर बता सकते है की कौन सा अग्निशामक यन्त्र किस तरह की आग के लिए उपयुक्त है।
यहां नीचे अग्निशामक यंत्रों की कलर कोडिंग दी गई है इसे आप याद कर ले परीक्षा की दृष्टि से ये बहुत ही महत्वपूर्ण है।
1. जल युक्त अग्निशामक यन्त्र: लाल (Red)
2. झाग पैदा करने वाला अग्निशामक यन्त्र: हल्का पीला (Cream)
3. शुष्क चूर्ण वाला अग्निशामक यन्त्र: नीला (Blue)
4. कार्बन डाइऑक्साइड वाला अग्निशामक यन्त्र: काला (Black)
5. गीले द्रव प्रकार का अग्निशामक यन्त्र: पीला (Yellow)
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याद रखने योग्य बाते: अग्निशामक यन्त्र को चलाने का सही क्रम PASS कहलाता है। आप से इसके बारे में भी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछा जाता है।
P= Pull (अग्निशामक यन्त्र पर जो पिन लगी होती है उसे तोड़ना ही pull कहलाता है)
A= Aim (Aim अर्थात आग का केंद्र बिंदु का निर्धारण करना अर्थात छिड़काव कितनी दूर तक करना है)
A= Squeeze (पिन को इस प्रकार दबाए की उसका मैटेरियल बाहर निकलने लगे)
S= Sweep (जितने दूर तक आग लगी है वहा तक घुमा दिया जाए या वहा तक छिड़काव किया जाए)
कार्यशाला में आग लगने के कारण (Causes of Fire in Workshop)
कार्यशाला में विभिन्न प्रकार के विद्युत उपकरण, ज्वलनशील पदार्थ और उच्च तापमान वाले यंत्र उपयोग में लाए जाते हैं, जिसके कारण आग लगने की संभावना बनी रहती है। सुरक्षा नियमों की अनदेखी, विद्युत दोष और ज्वलनशील पदार्थों का अनुचित भंडारण कार्यशाला में आग लगने के प्रमुख कारण होते हैं। इन कारणों की सही जानकारी से आग की घटनाओं को रोका जा सकता है। यह विषय ITI Electrician, CITS और औद्योगिक सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिनके बारे में नीचे प्वाइंट टू पॉइंट बताया गया है।
1. वैद्युतिक शॉर्ट सर्किट या ज्यादा स्पार्किंग का होना।
2. जलने वाले पदार्थो की उपस्थिति जैसे की मिट्टी का तेल, डीजल, पेट्रोल, एलपीजी, आक्सीजन गैस इत्यादि।
3. बीड़ी सिगरेट को बुझा कर डस्टबिन में डालने के बजाए उसे बिना बुझाए इधर उधर फेकना।
4. उष्मको में ताप नियंत्रण की व्यवस्था न होना।
5. जवलनशील गैसों की निकासी के लिए पर्याप्त वातायन ना होना।
6. विद्युत कनेक्शन का ढीला होना भी आग लगने का प्रमुख कारण होता है।
आग (Fire) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले – (FAQs)
Q1. आग क्या होती है?
आग ज्वलनशील पदार्थ के जलने से होने वाली एक रासायनिक प्रक्रिया है, जो ईंधन, ऑक्सीजन और ऊष्मा की उपस्थिति में होती है।
Q2. आग लगने के लिए कौन-कौन से घटक आवश्यक होते हैं?
आग लगने के लिए तीन घटक आवश्यक होते हैं—
ईंधन (Fuel), ऑक्सीजन (Oxygen) और तापमान (Heat)। इन्हें मिलाकर Fire Triangle कहा जाता है।
Q3. Fire Triangle क्या है?
Fire Triangle आग के तीन आवश्यक घटकों— ईंधन, ऑक्सीजन और ऊष्मा— का समूह होता है। इनमें से किसी एक को हटाने पर आग बुझ सकती है।
Q4. आग बुझाने की मुख्य विधियां कौन-सी हैं?
आग बुझाने की तीन मुख्य विधियां हैं—
Starving (ईंधन हटाना), Smothering (ऑक्सीजन रोकना) और Cooling (ताप कम करना)।
Q5. Starving विधि क्या है?
Starving विधि में आग के लिए आवश्यक ईंधन को हटा दिया जाता है, जिससे आग बुझ जाती है।
Q6. Smothering विधि किसे कहते हैं?
Smothering विधि में ऑक्सीजन की सप्लाई रोककर आग को बुझाया जाता है, जैसे झाग, CO₂ या रेत का प्रयोग करके।
Q7. Cooling विधि कैसे काम करती है?
Cooling विधि में तापमान को कम किया जाता है, सामान्यतः पानी की सहायता से, जिससे आग बुझ जाती है।
Q8. विद्युत आग में पानी का प्रयोग क्यों नहीं करना चाहिए?
क्योंकि पानी विद्युत का सुचालक होता है, जिससे करंट लगने और आग के फैलने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है।
Q9. ITI Electrician और CITS Electrician परीक्षा में Fire से जुड़े प्रश्न क्यों महत्वपूर्ण हैं?
Fire Safety कार्यशाला और विद्युत कार्य से जुड़ा विषय है, इसलिए ITI, CITS और अन्य तकनीकी परीक्षाओं में इससे संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। इससे संबंधित प्रश्न अक्सर ITI और CITS से जुड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछे जाते है।
Fire (आग) से संबंधित महत्वपूर्ण MCQ प्रश्न
1. आक्सीजन की सप्लाई काट कर आग बुझाना क्या कहलाता है?
(A) चिक्करण
(B) भूख मारना
(C) शीतलन
(D) इनमे से कोई नहीं
उत्तर— चिक्करण (Smothering)
2. ईंधन को हटा कर आग बुझाने की प्रक्रिया को क्या कहा जाता है?
या
आग बुझाने की प्रक्रिया में Starving क्या है?
(A) चिक्करण
(B) भूख मारना
(C) शीतलन
(D) इनमे से कोई नहीं
उत्तर— भूख मारना (Starving)
3. आग लगने के लिए आवश्यक घटकों को क्या कहा जाता है?
(A) Fire Square
(B) Fire Circle
(C) Fire Triangle
(D) Fire Line
उत्तर— Fire Triangle
4. Fire Triangle में कौन-कौन से घटक शामिल होते हैं?
(A) ईंधन, पानी, हवा
(B) ईंधन, ऑक्सीजन, ऊष्मा
(C) ऑक्सीजन, पानी, ताप
(D) ईंधन, गैस, बिजली
उत्तर— ईंधन, ऑक्सीजन, ऊष्मा
5. तापमान कम करके आग बुझाने की विधि कौन-सी है?
A) Smothering
B) Starving
C) Cooling
D) Drowning
उत्तर— Cooling
Conclusion (निष्कर्ष):
आग एक महत्वपूर्ण Fire Safety विषय है, जिसकी सही समझ ITI Electrician, CITS और औद्योगिक कार्यशालाओं के लिए आवश्यक है। इस लेख में आग की परिभाषा, Fire Triangle, आग बुझाने की विधियां (Starving, Smothering, Cooling), Fire के MCQs, आग के प्रकार तथा अग्निशामक यंत्रों की जानकारी दी गई है। ताकि सभी लोग सही समय पर सही विधि और उपयुक्त अग्निशामक यंत्र का प्रयोग कर आग से होने वाले नुकसान को रोक सके। यह विषय न केवल परीक्षा की दृष्टि से बल्कि कार्यस्थल की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।
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Good Question
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